गडकरी ने किया खबरों का खंडन
ई-रिक्शा निर्माण क्षेत्र से वाणिज्यिक हित जुड़े होने संबंधी मीडिया के एक वर्ग में आई खबरों का खंडन करते हुए गडकरी ने कहा कि उनके'ई-रिक्शा' निर्माण क्षेत्र से किसी तरह के वावाणिज्यिक हित नहीं जुड़े हैं और न ही उनका पूर्ती ग्रीन टेक्नोलाजी प्रा.लि से कोई रिश्ता है. जिसके बारे में मीडिया के वर्ग में कहा गया है कि उसने बैटरी चालित रिक्शा के निर्माण में रूचि दिखाई है.
सिर्फ लाइसेंस धारकों को मिलेगा जिम्मा
भाजपा मुख्यालय द्वारा अपने पूर्व अध्यक्ष की ओर से जारी बयान के अनुसार, बैटरी चालित ई-रिक्शा देश के कई हिस्सों में कई सालों से चल रहे हैं और इनका कई राज्यों में बड़े पैमाने पर निर्माण होता है. दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और देश के विभिन्न हिस्सों मे दो लाख से ज्यादा ई-रिक्शा चल रहे हैं. बयान के अनुसार ई रिक्शा के निर्माण का जिम्मा केवल उन्हीं निर्माताओं को दिया जाता है. जिन्हें वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद(सीएसआईआर) से इसके लिए लाइसेंस मिला है.
ई-रिक्शा निर्माण क्षेत्र से वाणिज्यिक हित जुड़े होने संबंधी मीडिया के एक वर्ग में आई खबरों का खंडन करते हुए गडकरी ने कहा कि उनके'ई-रिक्शा' निर्माण क्षेत्र से किसी तरह के वावाणिज्यिक हित नहीं जुड़े हैं और न ही उनका पूर्ती ग्रीन टेक्नोलाजी प्रा.लि से कोई रिश्ता है. जिसके बारे में मीडिया के वर्ग में कहा गया है कि उसने बैटरी चालित रिक्शा के निर्माण में रूचि दिखाई है.
सिर्फ लाइसेंस धारकों को मिलेगा जिम्मा
भाजपा मुख्यालय द्वारा अपने पूर्व अध्यक्ष की ओर से जारी बयान के अनुसार, बैटरी चालित ई-रिक्शा देश के कई हिस्सों में कई सालों से चल रहे हैं और इनका कई राज्यों में बड़े पैमाने पर निर्माण होता है. दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और देश के विभिन्न हिस्सों मे दो लाख से ज्यादा ई-रिक्शा चल रहे हैं. बयान के अनुसार ई रिक्शा के निर्माण का जिम्मा केवल उन्हीं निर्माताओं को दिया जाता है. जिन्हें वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद(सीएसआईआर) से इसके लिए लाइसेंस मिला है.
Source: National News in Hindi
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