Tuesday, January 6, 2015

Sursri put 12 million devotees' dip of virtue Ó

सुरसरि में पौष पूर्णिमा स्नान के साथ ही तीर्थराज प्रयाग में माह भर तक चलने वाले माघ मेले का सोम वार को आस्थाभाव से आगाज हुआ। जैसे-जैसे भोर की किरणों फूटीं, प्रवासी साइबेरियन पक्षियों के कलरव के साथ सुरसरि और संगम कि नारे के तट 'गंगा मइयाÓ की जयकार से गुंजायमान होते रहे।

दोपहर बाद तक स्नान-दान का क्रम चला। प्रशासन का दावा है कि पहले स्नान पर्व पर करीब 12 लाख लोगों ने पुण्य की डुबकी लगाई। संगम किनारे आबाद तंबुओं की नगरी सोमवार की अल सुबह से ही एक और 'संगमÓ को बेकरार दिखी। कल्पवास के दौरान नर और नारायण का 'संगमÓ हो, यह सपना संजोए आस्थावानों की रात आंखों-आंखों में ही कट गइ। सोमवार की भोर में ही कल्पवासियों के कदम 'संगमÓ की ओर बढ़ चले। वैसे तो मेला

क्षेत्र में स्नान के लिए करीब नौ घाट बनाए गए थे, लेकिन अधिकांश श्रद्धालुओं ने संगम में ही

डुबकी लगाई। गंगा के अन्य

तटों पर भी यह क्रम चला।

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