जम्मू और कश्मीर के ऊधमपुर जिले के पहाड़ वास्तुकला के नायाब नमूनों के श्रेष्ठ उदाहरण हैं, और यहां है क्रिमची मंदिर जिसे पांडव मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर अपने स्थापत्य कला के जरिए कोणार्क के सूर्य मंदिर की झलक दिखलाता है।
आमतौर पर इन्हें पांडव मंदिर के नाम से जाना जाता है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग का बोर्ड भी इस बात का सत्यापन करता है कि पांच बड़े और दो छोटे मंदिरों का यह समूह पांडव मंदिरों के नाम से प्रसिद्ध है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, 'यह राजा कीचक की नगरी हुआ करती थी, जहां पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान का कुछ समय व्यतीत किया था। इनके निर्माण 8वीं-9वीं शताब्दी में हुआ है।
कहते हैं ये सभी मंदिर एक ही रात में बनाए गए, लेकिन इन मंदिरों को देखकर इसे दंतकथा ही कहा जा सकता है।
इस मंदिर की समृद्ध वास्तुकला अपने आप में अनूठी है। नागर शैली के इन मंदिरों की शक्ल बहुत हद तक कोणार्क के मंदिरों से मिलती है। क्रिमची के मंदिर जम्मू संभाग के ऊधमपुर जिले के क्रिमची गांव में स्थित हैं।
यदि सड़क मार्ग से आते हैं, तो ऊधमपुर पहुंचने से तकरीबन छह किलोमीटर पहले ही बाईं ओर क्रिमची की ओर जाने का रास्ता है। यदि आप ऊधमपुर तक रेल मार्ग से पहुंचते हैं, तो रेलवे स्टेशन सतकरीबन 15 किलोमीटर की दूरी पर दाहिनी ओर क्रिमची के लिए मुड़ना होगा।
आमतौर पर इन्हें पांडव मंदिर के नाम से जाना जाता है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग का बोर्ड भी इस बात का सत्यापन करता है कि पांच बड़े और दो छोटे मंदिरों का यह समूह पांडव मंदिरों के नाम से प्रसिद्ध है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, 'यह राजा कीचक की नगरी हुआ करती थी, जहां पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान का कुछ समय व्यतीत किया था। इनके निर्माण 8वीं-9वीं शताब्दी में हुआ है।
कहते हैं ये सभी मंदिर एक ही रात में बनाए गए, लेकिन इन मंदिरों को देखकर इसे दंतकथा ही कहा जा सकता है।
इस मंदिर की समृद्ध वास्तुकला अपने आप में अनूठी है। नागर शैली के इन मंदिरों की शक्ल बहुत हद तक कोणार्क के मंदिरों से मिलती है। क्रिमची के मंदिर जम्मू संभाग के ऊधमपुर जिले के क्रिमची गांव में स्थित हैं।
यदि सड़क मार्ग से आते हैं, तो ऊधमपुर पहुंचने से तकरीबन छह किलोमीटर पहले ही बाईं ओर क्रिमची की ओर जाने का रास्ता है। यदि आप ऊधमपुर तक रेल मार्ग से पहुंचते हैं, तो रेलवे स्टेशन सतकरीबन 15 किलोमीटर की दूरी पर दाहिनी ओर क्रिमची के लिए मुड़ना होगा।
Source: Horoscope 2015
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