संसद ही नहीं दिल्ली विधान सभा में भी गुरूवार को जमकर हंगामा हुआ. माइक तोड़े गए और सदन की कार्यवाही बार-बार स्थगित करनी पड़ी.
गुरूवार को चार दिवसीय विधानसभा सत्र का पहला दिन था. भाजपा और कांग्रेस विधायकों के विरोध प्रदर्शनों के कारण अध्यक्ष को सदन चार बार स्थगित करना पड़ा.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भ्रष्टाचार विरोधी क़ानून के लिए जनलोकपाल विधेयक और स्वराज विधेयक पर आम सहमति बनाने के लिए यह सत्र बुलाया था.
सदन की कार्यवाही ख़त्म होने के बाद केजरीवाल ने पत्रकारों से बात करते हुए भाजपा और कांग्रेस के बीच इस मुद्दे पर 'मैच फ़िक्सिंग' करने का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा, ''हमने गैस की क़ीमतों में हुई अनियमितता को लेकर जो क़दम उठाया, उसके कारण भाजपा और कांग्रेस हमारे ख़िलाफ़ मिल गई हैं.''
माइक तोड़ डाला
कांग्रेस और भाजपा विधायकों ने कानून मंत्री सोमनाथ भारती के इस्तीफे की मांग की.
जब पहली बार सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो भाजपा के विधायकों ने अध्यक्ष के आसन के नज़दीक आकर नारे लगाने शुरू कर दिए.
इससे सदन की कार्यवाही थोड़ी देर के लिए स्थगित करनी पड़ी. बाद में जब फिर से कार्यवाही शुरू हुई तो भाजपा और कांग्रेस विधायकों के हंगामा जारी रखने के कारण सदन को दो बार 20-20 मिनट के लिए स्थगित किया गया.
तीसरी बार सदन स्थगित होने के 50 मिनट बाद सदन की कार्यवाही शुरू हुई. दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने भारती के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग की.
उनके साथ भाजपा के भी कुछ विधायक जुड़ गए. भाजपा विधायकों के हाथ में पोस्टर थें. वे भारती के इस्तीफ़े की मांग कर रहे थे.
इस्तीफ़े की मांग करते हुए भाजपा के कई विधायक आगे बढ़े और अध्यक्ष का माइक तोड़ डाला. काग़ज़ के टुकड़े भी फेंके गए. अराजकता का माहौल बनने से मजबूरी में अध्यक्ष एमएस धीर को विधानसभा की कार्यवाही चौथी बार स्थगित करनी पड़ी.
हंगामे के कारण सदन में जनलोकपाल बिल नहीं रखा जा सका.
Source: Online Hindi Newspaper
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