दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार आज जनलोकपाल विधेयक विधानसभा में पेश कर सकती है.
उधर मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि जन लोकपाल बिल को लेकर अरविंद केजरीवाल "ड्रामेबाजी" कर रहे हैं और पार्टी उन्हें इस्तीफा देने का मौक़ा नहीं देगी.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बयान दिया है कि अगर जनलोकपाल विधेयक को पास नहीं किया गया तो वो इस्तीफा दे देंगे.
दूसरी ओर आम आदमी पार्टी का कहना है कि भाजपा अपने फ़ायदे के लिए मामले पर राजनीति कर रही है.
'भाजपा समर्थन करेगी'
अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे की अटलकों पर दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता डा. हर्षवर्धन ने बीबीसी से कहा, "हम उन्हें इस्तीफा देने का मौका नहीं देंगे."
हर्षवर्धन ने कहा, "अभी तक वो बिल लाए नहीं हैं और उसके नाम पर उन्होंने अभी तक इतनी ड्रामेबाजी की है." उन्होंने कहा कि "भारतीय जनता पार्टी जन लोकपाल बिल का समर्थन करेगी तो इस्तीफ़ा कैसे देंगे वो!"
भाजपा नेता ने कहा, "ये बिल संविधान की प्रक्रियाओं का आदर करते हुए नियमानुसार विधानसभा में आएगा तो निश्चित रूप से भारतीय जनता पार्टी उसका समर्थन करेगी."
उन्होंने कहा कि अगर पार्टी को इस बिल की किसी धारा पर कोई सुझाव देना होगा तो उसके लिए संसोधन का प्रस्ताव रखेगी और क़ानून के माध्यम से भ्रष्टाचार पर क़ाबू लाने के प्रयासों का समर्थन करेगी.
कांप जाएगी रूह
सरकार का पक्ष रखते हुए दिल्ली के क़ानून मंत्री सोमनाथ भारती कहते हैं, "केंद्र में जो बिल (लोकपाल विधेयक) लाया गया था वो पूरी तरह से प्रभावहीन है जबकि हम जो बिल ला रहे हैं उसके कारण भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों की रूह कांप जाएगी."
उन्होंने बताया कि इस बिल की सबसे ख़ास बात यह है कि हर काम के लिए एक समय सीमा तय है और कानून बनने के बाद जनता को इसके इस्तेमाल में किसी तरह की दिक्क्त नहीं होगी.
उन्होंने बताया, "इस बिल में शुरुआती जांच से लेकर मुकदमे तक सब कुछ शामिल है और इसका लोकपाल पूरी तरह से राजनीतिक हस्तक्षेप से परे होगा."
सोमनाथ भारती ने कहा कि भ्रष्टाचार को रोकने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति सबसे ज़रूरी है और यही वजह है कि इस बिल के पास होने से पहले ही दिल्ली में भ्रष्टाचार काफ़ी कम हो गया है.
सोमनाथ भारती का आरोप है कि भाजपा मुद्दे पर राजनीति कर इसका फ़ायदा उठाना चाहती है.
उन्होंने कहा कि अगर भाजपा सुधारों की इतनी ही पक्षधर है तो उसने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की दिशा में प्रयास क्यों नहीं किए?
Source: Hindi News
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