Thursday, February 13, 2014

Success Funda Of Life

हम घंटों फोन पर बात करते हैं और भूल जाते हैं कि हमारे आसपास की दुनिया में भी बहुत कुछ है. पूरा जीवन जीने के बाद भी हमें यह पता नहीं चलता कि मैं कौन हूं. अगर खुद की क्षमताओं को परखना है तो पहले खुद को पहचानना जरूरी है. हम यह भी भूल जाते हैं कि बॉडी का सबसे अजूबा एलीमेंट दिमाग है. ये सीधे ब्रम्हांड से जुड़ा है और इसकी अपार क्षमताएं हैं. इसलिए अगर लाइफ में सक्सेज पानी है तो खुद को पहचानना सीखिए. ज्यादा कुछ नहीं, दिल से अपने दिमाग को एक एसएमएस भेजिए और फिर देखिए कि सफलता कैसे नहीं मिलती. पब्लिक स्पीकर अत्रिशेखर ने यह बात विज्ञान परिषद में ऑर्गनाइज प्रोग्राम यस आई कैन के दौरान कहीं.

अंजाम तक पहुंचने के लिए डिटर्मिनेशन की जरूरत

लाइफ में सफलता पाने के लिए डिटर्मिनेशन की बहुत ज्यादा जरूरत है. केवल ऊंचे सपने देखने से ही सफलता नहीं मिलती है. इन सपनों को पूरा करने के लिए एफर्ट भी करना पड़ता है. सपनों को हकीकत में बदलने के लिए डेडलाइन फिक्स करिए. चिरांगन की ओर से प्रस्तुत इस प्रोग्राम में अत्रिशेखर ने कहा कि दुनिया में केवल 30 फीसदी लोग ऐसे हैं जो किसी काम को शुरू करने के बाद उसे अंजाम तक पहुंचाते हैं, जबकि 70 फीसदी ऐसे हैं जो जीवनभर एक ही काम को करते रहते हैं. उन्होंने यंगस्टर्स को इन 30 फीसदी में शामिल होने की अपील की. कहा कि डिटर्मिनेशन, फोकस और कंसंट्रेशन के साथ शुरू किया गया काम जल्द पूरा होता है.

आस्था हो तो पानी पर भी चल सकते हैं


यंगस्टर्स को सक्सेज मंत्र देने के लिए अत्रिशेखर ने कई एग्जाम्पल भी दिए. धीरू भाई अंबानी, सुनील भारती मित्तल, बिल गेट्स के बारे में बताया कि इनको लाइफ में गिने-चुने मौके ही मिले जिसका इन्होंने जमकर फायदा उठाया. क्योंकि, इन्हें अपने लक्ष्य के बारे में पता था. स्पीच के दौरान उन्होंने कई स्टोरीज भी सुनाई. उन्होंने बताया कि एक शिष्य ने अपनी गुरु आस्था के बल पर पानी पर चलकर दिखाया तो घमंड में चूर गुरु खुद ऐसा करते समय नदी में डूब गया. सफलता कभी भी परमानेंट नहीं होती है. वक्त के साथ इंसान की जरूरतें बदलती हैं और ऐसे में हमें बिना रुके एफर्ट करते रहना चाहिए. जिसके लिए लाइफ में पाजिटिव एटीट्यूड बहुत ज्यादा जरूरी है.

खचाखच भरा रहा हाल

पब्लिक स्पीकर अत्रिशेखर की पॉपुलैरिटी का इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि विज्ञान परिषद का हाल प्रोग्राम के दौरान पूरी तरह फुल था. सभी सीटें भरी हुई थीं और स्पीच के दौरान बार-बार क्लैपिंग करके लिस्नर्स ने उनका वेलकम भी किया. इस बीच बार-बार लिस्नर्स की ओर से क्वेरीज भी होती रहीं. यंगस्टर्स को  लाइफ सक्सेज से जुड़े सवालों के जवाब भी मिले. एक सवाल के जवाब में स्पीकर ने कहा कि लाइफ में फेलियर से कभी नहीं घबराना चाहिए, बल्कि उससे सबक लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि मैं खुद लाइफ में कई बार फेल हुआ लेकिन हिम्मत नहीं हारी. इन्हीं फेल्योर्स ने मुझे सक्सेज मंत्र दिया और आज मैं ऐसे प्रोग्राम्स के जरिए युवाओं की सोच में सफल साबित हो रहा हूं. आई नेक्स्ट इस प्रोग्राम का मीडिया पार्टनर रहा.

ये रहे सक्सेज मंत्र

- अपने आप से प्यार करना सफलता की पहली सीढ़ी है.
- लाइफ में कठिनाइयों से भरे कामों का चुनाव करना चाहिए. स्टूडेंट लाइफ के लिए यह बेहद जरूरी है.
- लाइफ के तीन लक्ष्य होते हैं. सुनिश्चित लक्ष्य, इच्छित लक्ष्य और जीवन लक्ष्य. सुनिश्चित लक्ष्य को सभी एचीव करते हैं लेकिन इच्छित लक्ष्य का चुनाव सोच-समझकर करना चाहिए.
- जब सुनिश्चित लक्ष्य और इच्छित लक्ष्य के बीच सामंजस्य हो जाता है तो जीवन लक्ष्य आसानी से एचीव किया जाता है. मतलब हम डिसाइड कर सकते हैं हमारी मौत संतुष्टि से परिपूर्ण होगी.
- स्टूडेंट्स को सुबह जल्दी उठने और पढ़ाई में कड़ी मेहनत से पीछे नहीं हटना चाहिए.
- हमेशा अपने पास मौजूद संसाधनों का पूरा उपयोग करके लक्ष्य पूर्ति की ओर बढऩा चाहिए.

Source: Online Hindi Newspaper

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