मकर संक्रांति पर शिव मंदिर बैजनाथ में तीन क्विंटल मक्खन से घृत मंडल बनाया जाएगा। पंडित शांति शर्मा की मानें तो वे पिछले कई सालों से घृत मंडल बनाते आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस बार शिव के साथ- साथ मां पार्वती का भी रूप इस घृत मंडल में बनाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि पहले घी को पिघलाकर मक्खन के पेड़े बनाए जाएंगे और इसके बाद इसे 108 बार ठंडे पानी से धोया जाएगा। फिर रूद्राभिषेक व पूजा-अर्चना के बाद मक्खन के साथ-साथ मेवों व फलों से सजाया जाएगा। 14 जनवरी की शाम को चढऩे वाला यह मक्खन आठ दिन बाद सुबह के समय आरती से पहले उतारा जाता है और इसे प्रसाद के रूप में भक्तों में बांटा जाता है। माना जाता है कि भगवान व राक्षसों की लड़ाई में भगवान घायल हो गए थे। उन्हें जो घाव आए थे उन पर घी का लेप किया गया था। माना जाता है कि घृत मंडल से उतारा हुआ प्रसाद चर्म रोगों को ठीक करता है। एसडीएम ऋग्वेद ठाकुर ने बताया कि हर बार की तरह इस बार भी पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा।
शक्तिपीठ माता बज्रेश्वरी देवी मंदिर में घृत पर्व के लिए मंगलवार को जहां मक्खन बनाने का कार्य विधिवत शुरू हो गया वहीं देर शाम तक मक्खन बनाने में लगे पुजारियों द्वारा लगभग एक क्विंटल मक्खन भी तैयार कर लिया गया है।
उन्होंने बताया कि पहले घी को पिघलाकर मक्खन के पेड़े बनाए जाएंगे और इसके बाद इसे 108 बार ठंडे पानी से धोया जाएगा। फिर रूद्राभिषेक व पूजा-अर्चना के बाद मक्खन के साथ-साथ मेवों व फलों से सजाया जाएगा। 14 जनवरी की शाम को चढऩे वाला यह मक्खन आठ दिन बाद सुबह के समय आरती से पहले उतारा जाता है और इसे प्रसाद के रूप में भक्तों में बांटा जाता है। माना जाता है कि भगवान व राक्षसों की लड़ाई में भगवान घायल हो गए थे। उन्हें जो घाव आए थे उन पर घी का लेप किया गया था। माना जाता है कि घृत मंडल से उतारा हुआ प्रसाद चर्म रोगों को ठीक करता है। एसडीएम ऋग्वेद ठाकुर ने बताया कि हर बार की तरह इस बार भी पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा।
शक्तिपीठ माता बज्रेश्वरी देवी मंदिर में घृत पर्व के लिए मंगलवार को जहां मक्खन बनाने का कार्य विधिवत शुरू हो गया वहीं देर शाम तक मक्खन बनाने में लगे पुजारियों द्वारा लगभग एक क्विंटल मक्खन भी तैयार कर लिया गया है।
Source: Daily and Weekly Horoscope 2015
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