माघ मकर गति रबी जब होईं तीरथ पतिहिं आव सब कोई। गोस्वामी तुलसीदास द्वारा लिखित यह पंक्ति सोमवार को एक बार फिर चरितार्थ होने जा रही हैं। पौष पूर्णिमा स्नान के साथ सोमवार से माघ मेला 2015 का आगाज होगा।
मेले को देखते हुए कल्पवासी अपने शिविरों में पहुंच चुके हैं। मेला प्रशासन का अनुमान है कि इस पर्व पर करीब 25 लाख श्रद्धालु संगम में पुण्य की डुबकी लगाएंगे। इसी के साथ एक माह का कल्पवास आरंभ हो जाएगा। जिला प्रशासन रविवार देर रात तक तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा रहा। रविवार को मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं के आगमन का सिलसिला जारी रहा। लोग ट्रक, ट्रैक्टर, टैंपो आदि पर खाद्य सामग्री, बिस्तर व लकड़ी लेकर मेला क्षेत्र पहुंचे। पौष पूर्णिमा मुहूर्त रविवार की सुबह 8.44 बजे से शुरू हो गया और यह पुण्य की दृष्टि से बहुत ही कल्याणकारी समय माना गया है। इसकी अवधि सोमवार की प्रात: 9.25 बजे तक रहेगी। श्रद्धालुओं का स्नान सोमवार की भोर से ही शुरू हो जाएगा। डेढ़ हजार बीघे में फैले मेला क्षेत्र में स्नानार्थियों के लिए कुल नौ घाट बनाए गए हैं। चार दिनों से हो रही बारिश के कारण मेला क्षेत्र अस्त-व्यस्त लग रहा है।
मेले को देखते हुए कल्पवासी अपने शिविरों में पहुंच चुके हैं। मेला प्रशासन का अनुमान है कि इस पर्व पर करीब 25 लाख श्रद्धालु संगम में पुण्य की डुबकी लगाएंगे। इसी के साथ एक माह का कल्पवास आरंभ हो जाएगा। जिला प्रशासन रविवार देर रात तक तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा रहा। रविवार को मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं के आगमन का सिलसिला जारी रहा। लोग ट्रक, ट्रैक्टर, टैंपो आदि पर खाद्य सामग्री, बिस्तर व लकड़ी लेकर मेला क्षेत्र पहुंचे। पौष पूर्णिमा मुहूर्त रविवार की सुबह 8.44 बजे से शुरू हो गया और यह पुण्य की दृष्टि से बहुत ही कल्याणकारी समय माना गया है। इसकी अवधि सोमवार की प्रात: 9.25 बजे तक रहेगी। श्रद्धालुओं का स्नान सोमवार की भोर से ही शुरू हो जाएगा। डेढ़ हजार बीघे में फैले मेला क्षेत्र में स्नानार्थियों के लिए कुल नौ घाट बनाए गए हैं। चार दिनों से हो रही बारिश के कारण मेला क्षेत्र अस्त-व्यस्त लग रहा है।
Source: Horoscope 2015
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