Thursday, January 8, 2015

Magh fair: posh Purnima had the lowest water level of the Ganga

माघ मेले के मद्देनजर नरौरा से छोड़ा गया जल रास्ते में गुम हो गया है। प्रयाग में गंगा के जलस्तर को देख कर अब तो यही मानने की नौबत आ गई है। सिंचाई विभाग का दावा है कि नरौरा से रोज 2500 क्यूसिक जल छोड़ा जा रहा है। दूसरी ओर प्रयाग में हालात यह है कि यहां गंगा का जलस्तर बढऩे की जगह घटता जा रहा है। मेला शुरू होने के बाद जलस्तर आधा फीट से अधिक घट चुका है। पौष पूर्णिमा पर तो हालात सबसे अधिक खराब थे। उस दिन तो गंगा इस माह के अपने न्यूनतम जलस्तर पर थीं। कुल मिलाकर जलस्तर के प्रबंधन में सिंचाई विभाग व जिला प्रशासन इस बार पूरी तरह विफल नजर आया। 

नरौरा डैम से चले पानी को प्रयाग पहुंचने में तीन से चार दिन का समय लगता है। इसे देखते हुए माघ मेले के दौरान श्रद्धालुओं को स्नान आदि के लिए पर्याप्त जल उपलब्ध कराने के लिए एक सप्ताह पूर्व से ही व्यवस्था होने लगती है। इस बार भी यह व्यवस्था लागू करने का दावा किया गया। नरौरा स्थित निचली गंगा नहर, अलीगढ़ खंड के अधिशासी अभियंता बलराम सिंह यादव का कहना था कि मेले के लिए 26 दिसंबर से 15 फरवरी तक 2500 क्यूसिक पानी नियमित छोडऩे का निर्देश मिला था।
 इस रोस्टर का पूरी तरह पालन किया जा रहा है। जागरण टीम की पड़ताल में नरौरा डैम पर स्थित रजिस्टर में भी इस बात का उल्लेख मिला। इसके अनुसार निचली गंगा नहर में 4032 क्यूसिक की जगह अब 2584 क्यूसिक पानी ही डिस्चार्ज किया जा रहा है। दूसरी ओर प्रयाग में गंगा का जलस्तर कुछ अलग ही कहानी बयां कर रहा है। केन्द्रीय जल आयोग से प्राप्त जानकारी के अनुसार पौष पूर्णिमा स्नान से तीन दिन पूर्व दो जनवरी को फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 76.520 मीटर था। छह जनवरी को यह घट कर 76.510 मीटर रह गया। यही हाल छतनाग पर भी रहा।

Source: Daily Horoscope 2015

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