झारखंड की राजधानी रांची में एक महिला के कथित फ़ेसबुक फ्रेंड को पुलिस ने गिरफ़्तार कर जेल भेज दिया है.
गिरफ़्तार किए गए व्यक्ति पर आरोप है कि पहले उन्होंने फ़ेसबुक पर महिला से दोस्ती की और इसके जरिए उनकी नाबालिग बच्ची को तंग करने लगा.
पुलिस के मुताबिक पीड़ित बच्ची को सुरक्षा उपलब्ध कराई गई है. वो पांचवी कक्षा की छात्रा हैं.
मां संग रहने से इनकार
इस बीच बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष ओमप्रकाश सिंह ने बीबीसी को बताया है कि पीड़ित बच्ची फ़िलहाल तीन महीने तक अपने नाना-नानी के साथ रहेगी.
बच्ची ने अपनी मां के साथ रहने से इनकार किया है. बच्ची के नाना-नानी भी चाहते हैं कि वो उनके साथ रहें. इस मामले में किशोर न्याय अधिनियम के तहत आदेश भी पारित कर दिया गया है. बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष ने बच्ची और उनके नाना-नानी से पूरे मामले पर जानकारी ली.
अध्यक्ष के मुताबिक पीड़िता ने बताया है कि फ़ेसबुक पर दोस्ती के बाद वो व्यक्ति उनके घर आने लगा था. बच्ची ने अपनी मां से पहले उस फ़ेसबुक फ्रेंड की शिकायत की, लेकिन मां इसे मानने को तैयार नहीं थी.
उन्होंने बताया कि अधिनियम के प्रावधानों के तहत तीन महीने पर समिति फिर समीक्षा करेगी कि बच्ची को किसी तरह की कोई परेशानी तो नहीं है
मुख्य न्यायाधीश से मिलीं
पांचवी कक्षा में पढ़ने वाली बच्ची ने झारखंड हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश आर भानुमति से मिलकर अपनी पीड़ा जाहिर की थी. पीड़ित बच्ची ने बताया था कि उनकी तलाकशुदा मां का फ़ेसबुक फ्रेंड उन्हें परेशान करता है और बुरी नज़र रखता है.
झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के सदस्य सचिव एसके दूबे के मुताबिक़ मुख्य न्यायाधीश ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए प्राधिकार को आवश्यक क़दम उठाने के निर्देश दिए थे.
तब विधिक सेवा प्राधिकार ने चाइल्ड केयर एंड प्रोटक्शन एक्ट 2000 के तहत बाल कल्याण समिति को आवश्यक कार्रवाई करने को कहा और पुलिस को भी जानकारी दी.
सीआइडी की नजर
अपराध अनुसंधान विभाग के पुलिस उपमहानिदेशक एसएन प्रधान ने बताया है कि यह मामला साइबर व बाल अपराध से भी जुड़ा है.
लिहाजा पुलिस के अफसरों से कहा गया है कि आवश्यक छानबीन कर जानकारी दें. उन्होंने बताया कि सीआइडी यह देखेगी कि किन परिस्थितियों में बच्ची प्रताड़ना की शिकार हुई है.
इस बीच पुलिस महकमे से मिली जानकारी के मुताबिक इस मामले में रांची की हिंदपीढ़ी थाना की पुलिस ने संबंधित महिला से भी आवश्यक पूछताछ की है.
सोशल नेटवर्किंग की दुनिया
झारखंड पुलिस के तहत साइबर अपराध से जुड़े मामलों के छानबीन के लिए नियुक्त मुख्य तकनीकी अधिकारी विनीत कुमार बताते हैं कि सोशल नेटवर्किंग के प्रतिकूल असर भी देखे जा रहे हैं.
उनका कहना है कि अब बड़े शहरों के अलावा कस्बाई इलाकों से हर महीने पांच से छह शिकायतें मिल रही हैं. कई मामलों में देखा गया कि अंतरंग क्षणों की तस्वीरों को पॉर्नोग्राफिक साइट पर डाल दिया जाता है.
विनीत कुमार के मुताबिक हाल में हाल में कई लड़कियों ने इस बाबत अपनी परेशानी बतायी है.
Source: Local News
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