Monday, February 3, 2014

Basant Panchmi




37 सालों बाद इस बार वसंत पंचमी पर पड़ रहा द्विपंचक सिटी में होंगी 500 से अधिक शादियां, सभी गेस्ट हाउस फुल
अलग-अलग राशियों पर पड़ेगा अलग प्रभाव


Kanpur. इस बसंत पंचमी पर शुभ कार्य का पांच गुना फल मिलेगा. क्योंकि फ्7 सालों के बाद इस बार वसंत पंचमी पर द्विपंचक योग पड़ रहा है. शास्त्रों के अनुसार पंचक में हर काम का पांच गुना फल प्राप्त होता है. अलग-अलग राशियों पर इसका अलग-अलग प्रभाव पड़ेगा. शुभ मुहूर्त होने से वसंत पंचमी पर बिना विचार केशादी, विवाह और अन्य शुभ काम होंगे. शहर में भ्00 से अधिक शादियां होंगी.

क्या है द्विपंचक योग

जब चंद्रमा कुंभ और मीन राशि में अर्थात आखिरी के पांच नक्षत्र धनिष्ठा का उत्तरार्ध, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद तथा रेवती नक्षत्र में हो तो इसे पंचक योग कहा जाता है. जबकि इनका संयोग एक ही दिन में दो बार हो तो इसे द्विपंचक योग कहते हैं. इस दिन शुभ-अशुभ, लाभ-हानि, दान व पुण्य कुछ भी होने पर उसका पांच गुना फल प्राप्त होता है.

किस नक्षत्र में क्या करें

- धनिष्ठा व शतभिषा चर नक्षत्र हैं. इन नक्षत्रों में ट्रैवेल करना, ज्वैलरी खरीदना शुभ होता है.
- पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में में कोर्ट केस निपटाने चाहिए.
- उत्तराभाद्रपद नक्षत्र पर जमीन व मकान संबंधी काम शुरू करने चाहिए.

पंचक योग में ये न करें..

- ईंधन एकत्र नहीं करना चाहिए. गैस, कंडा, पेट्रोल, डीजल आदि ईधन खरीदने से बचें.
- अपने घर से दक्षिण दिशा में ट्रैवेल नहीं करना चाहिए. दक्षिण दिशा में मृत्यु का आवास माना जाता है.
- घर में मरम्मत काम नहीं करना चाहिए.
- पंचक पड़ने पर बिस्तर या बेड नहीं बनवाना चाहिए.
- यदि किसी की मृत्यु हो जाए तो अंतिम संस्कार नहीं करना चाहिए.

इस पंचक का राशियों पर प्रभाव

इस वसंत पंचमी पर मीन राशि से पंचक बन रहा है. जिसका कुछ इस तरह से प्रभाव पड़ेगा.
राशि प्रभाव
मेष अशुभ
वृष अतिउत्तम
मिथुन समप्रभाव
कर्क उत्तम
सिंह अशुभ
कन्या अतिउत्तम
तुला समप्रभाव
वृश्चिक उत्तम
धनु अशुभ
मकर अतिउत्तम
कुंभ समप्रभाव
मीन उत्तम
- मेष राशि वाले लाल व काले कपड़े न पहनें. हाथ में चावल के दाने लेकर भगवान गणेश का ध्यान करें व क्क् मुट्ठी चावल अर्पित करें.
- सिंह राशि वाले क्क् दूर्वा से भगवान गणेश की पूजा करें.
- धनु राशि वाले पीली दाल से भगवान गणेश की पूजा करें. क्क् मुट्ठी दाल उन्हें अर्पित करें.

वसंत पंचमी पर पूजा विधान

शास्त्रों के अनुसार माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन देवी सरस्वती का जन्म हुआ था. इसलिए इसे वसंत पंचमी के रूप में मनाते हैं. वसंत पंचमी ब् फरवरी की शाम 7.ब्भ् से भ् फरवरी की शाम म् बजे तक रहेगी. इस दिन मां सरस्वती की पीले पुष्पों से पूजा करनी चाहिए. पीले वस्तुओं का दान करना चाहिए. स्टूडेंट्स को इस दिन अवश्य ही पूजा करनी चाहिए.

सिटी में भ्00 से अधिक शादियां

गेस्ट हाउस एसोसिएशन के पदाधिकारी पप्पू त्रिपाठी ने बताया कि वसंत पंचमी के दिन सिटी में लगभग सभी गेस्ट हाउस फुल हैं. बिठूर की तरफ के फार्म हाउसेस में भी मैरिज पार्टियां हो रही हैं. ग्वालटोली में कैटरिंग का काम करने वाले राजा शुक्ला ने बताया कि कैटरिंग वाले भी खाली नहीं हैं. उनकी कैटरिंग क्ख् शादियों में लगी है.

वर्जन:
इस वसंत पंचमी पर द्विपंचक योग का अद्भुत संयोग पड़ रहा है. ये फ्7 वर्षों के बाद पड़ रहा है. इस दिन शुभ कार्य करने पर भ् गुना फल प्राप्त होगा. साथ ही बसंत पंचमी ऐसा मुहूर्त है जिसमें बिना विचार के कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है.
- पं. संतोष जी पाधा
इस वसंत पंचमी पर पड़ रहा द्विपंचक योग विशेष फलदाई है. पंचक पर शुभ व अशुभ कामों का पांच गुना फल प्राप्त होता है.
- पं उमेश शास्त्री

Source:  Kanpur News in Hindi

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