KANPUR : यूसीसी बैंक पर प्रतिबंध के बाद आरबीआई ने सिटी के एक और को-ऑपरेटिव बैंक पर खराब रेटिंग आने की वजह से कई प्रतिबंध लगा दिए हैं. आरबीआई लखनऊ में अर्बन टॉस्क फोर्स ऑफ को-ऑपरेटिव की सालाना समीक्षा बैठक के बाद स्टेट के तीन को- ऑपरेटिव बैंकों को डी रेटिंग दी गई हैं, जिसमें सिटी का यूनाइटेड मर्केन्टाइल को-ऑपरेटिव बैंक भी शामिल है.
क्या खामियां मिली इन बैंकों में
-इनकम रिकोग्निशन एस्स्ेाट्स क्लासीफिकेशन और रिजर्व एगेंस्ट क्रेडिट नॉर्मस को फालो नहीं किया
-हाउसिंग सेक्टर में लिमिट से ज्यादा लोन दिया
-बैंक की बुक वैल्यू निल पाई गई
-सेंविग अकाउंट्स का ब्याज मनमर्जी से दिया
-अन सिक्योर्ड लोन की रिकवरी में आईबीआई की गाइडलाइंस को फालो नहीं किया
-नान परर्फामिंग एस्सेट्स लिमिट से तीन गुना तक बढी
कैसे दी गई रेटिंग
A - मानकों पर बैंक का काम 75 फीसदी तक सही
B - 60 फीसदी तक सही
C - 60 से 50 फीसदी तक
D - 50 से भी कम
सिटी के किन बैकों को मिली खराब रेटिंग
- यूनाईटेड मर्केन्टाइल को-ऑपरेटिव बैंक को D रेटिंग
-पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक को C रेटिंग
किस तरह के प्रतिबंध लगे
को-ऑपरेटिव सोसाइटी एक्ट और बैकिंग रेग्युलेशन एक्ट के तहत डी रेटिंग वाले बैंकों को कई प्रकार के प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा. यह प्रतिबंध इस प्रकार हैं
-नई शाखाएं खोलने पर रोक,नया स्टॉफ बढ़ाने पर रोक
- डिपॉजिट और लोन बढ़ाने पर रोक
-शेयर डिविडेंट पर रोक, एफडी पर रोक
- हाउसिंग लोन, ऑटो लोन, पर्सनल लोन पर रोक
कौन-कौन से सहकारी बैंक हैं सिटी में
-ब्रम्हावर्त कामर्शियल को ऑपरेटिव बैंक
-डेवलपमेंट को-ऑपरेटिव बैंक
-ओंकार नगरीय को-ऑपरेटिव बैंक
-यूनाईटेड मर्केन्टाइल को-ऑपरेटिव बैंक
-आरबीआई इंम्लाई को-ऑपरेटिव क्रेडिट लिमिटेड
- ओईएफ प्रारंभिक सहकारी बैंक
-जिला सहकारी बैंक
-पीपुल्स को-आपरेटिव बैंक
फैक्ट फाइल
कितने को-ऑपरेटिव बैंक हैं स्टेट में- क्ख्क्
ग्राहकों की संख्या- फ् लाख
ग्राहकों का कितना रुपया रखा है- क्भ्00 करोड़
क्यों पिछड़ रहे हैं को-ऑपरेटिव बैंकस
- मॉर्डनाइजेशन नहीं होने से
- कम शाखाएं होने के कारण
-सीमित बैकिंग सुविधाएं
-एटीएम और नेट बैकिंग का अभाव
कोट-
को-आपरेटिव बैंकों के प्रदर्शन को लेकर आरबीआई लखनऊ में मीटिंग हुई थी. कुछ बैंकों को डी रेटिंग भी दी गई है.
संजय जैन, पीआरओ आरबीआई कानपुर
किस तरह के प्रतिबंध लगे
को-ऑपरेटिव सोसाइटी एक्ट और बैकिंग रेग्युलेशन एक्ट के तहत डी रेटिंग वाले बैंकों को कई प्रकार के प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा. यह प्रतिबंध इस प्रकार हैं
-नई शाखाएं खोलने पर रोक,नया स्टॉफ बढ़ाने पर रोक
- डिपॉजिट और लोन बढ़ाने पर रोक
-शेयर डिविडेंट पर रोक, एफडी पर रोक
- हाउसिंग लोन, ऑटो लोन, पर्सनल लोन पर रोक
कौन-कौन से सहकारी बैंक हैं सिटी में
-ब्रम्हावर्त कामर्शियल को ऑपरेटिव बैंक
-डेवलपमेंट को-ऑपरेटिव बैंक
-ओंकार नगरीय को-ऑपरेटिव बैंक
-यूनाईटेड मर्केन्टाइल को-ऑपरेटिव बैंक
-आरबीआई इंम्लाई को-ऑपरेटिव क्रेडिट लिमिटेड
- ओईएफ प्रारंभिक सहकारी बैंक
-जिला सहकारी बैंक
-पीपुल्स को-आपरेटिव बैंक
फैक्ट फाइल
कितने को-ऑपरेटिव बैंक हैं स्टेट में- क्ख्क्
ग्राहकों की संख्या- फ् लाख
ग्राहकों का कितना रुपया रखा है- क्भ्00 करोड़
क्यों पिछड़ रहे हैं को-ऑपरेटिव बैंकस
- मॉर्डनाइजेशन नहीं होने से
- कम शाखाएं होने के कारण
-सीमित बैकिंग सुविधाएं
-एटीएम और नेट बैकिंग का अभाव
कोट-
को-आपरेटिव बैंकों के प्रदर्शन को लेकर आरबीआई लखनऊ में मीटिंग हुई थी. कुछ बैंकों को डी रेटिंग भी दी गई है.
संजय जैन, पीआरओ आरबीआई कानपुर
Source: Kanpur News in Hindi
No comments:
Post a Comment