Monday, February 10, 2014

Arvind Kejriwal And Delhi Politics

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने धमकी दी है कि अगर वह जन लोकपाल बिल पारित नहीं कराए पाए तो अपने पद से इस्तीफ़ा दे देंगे. उनके इस बयान के बाद दिल्ली की अचानक राजनीति गरमा गई है.
आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार को समर्थन दे रही कांग्रेस ने केजरीवाल के इस्तीफ़े की धमकी को अपनी ज़िम्मेदारी से भागने की 'चालाक कोशिश' बताया है.

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, "कोई भी क़ानून से बड़ा नहीं है. मुख्यमंत्री अपनी ज़िम्मेदारियों से भागना चाहते हैं और इसके लिए बहाना ढूंढ रहे हैं. यह चालाकी कोशिश है."

उन्होंने कहा कि अगर केजरीवाल सरकार जन लोकपाल बिल को विधानसभा में लाती है तो कांग्रेस इसका समर्थन करेगी.

केजरीवाल ने सोमवार को फिर ट्वीट किया, "स्वराज के लिए और सत्ता सीधे जनता के हाथ में देने के लिए 1000 बार सीएम की कुर्सी क़ुर्बान. ये आज़ादी की दूसरी लड़ाई है."

नाटक"कोई भी क़ानून से बड़ा नहीं है. मुख्यमंत्री अपनी ज़िम्मेदारियों से भागना चाहते हैं और इसके लिए बहाना ढूंढ रहे हैं. यह चालाकी कोशिश है"
-अरविंदर सिंह लवली

दिल्ली में भाजपा के नेता हर्षवर्द्धन ने ट्वीट किया कि उनकी पार्टी  जन लोकपाल बिल का समर्थन करेगी और केजरीवाल को इस्तीफ़ा देकर भागने का मौका नहीं देगी.

हर्षवर्द्धन ने ट्वीट में लिखा, "अरविंद केजरीवाल जी आपने जन लोकपाल पर हर जगह इतना होहल्ला किया है लेकिन विधायकों को इसकी एक प्रति तक नहीं भेजी है. यह नाटक बंद करिए."

भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि आप की सरकार की बुनियाद झूठ पर आधारित है. यह सरकार संविधान को बदनाम करने और लोगों को गुमराह करने के अलावा कुछ नहीं कर रही है.

इस बीच केजरीवाल के 'गुरू'  अन्ना हज़ारे ने इस बयान का स्वागत किया है. केजरीवाल ने रविवार को अन्ना के यहां महाराष्ट्र सदन में मुलाकात की और उन्हें जन लोकपाल और स्वराज बिल को विधानसभा में लाने की अपनी सरकार की योजना की जानकारी दी.

इस मुलाकात के बाद हज़ारे ने संवाददाताओं से कहा, "अगर जन लोकपाल पारित नहीं होता है तो केजरीवाल को इस्तीफ़ा देना चाहिए."

उन्होंने कहा, "मैंने जन लोकपाल विधेयक नहीं देखा है लेकिन केजरीवाल जो कह रहे हैं वह सही है."

राजनीति
यह पूछने पर कि अगर  केजरीवाल इस्तीफ़ा देकर आंदोलन में कूदते हैं तो क्या वह उनका समर्थन करेंगे, अन्ना ने कहा, "इस बारे में हम बाद में फ़ैसला करेंगे. हम आम आदमी पार्टी और कांग्रेस की राजनीति में शामिल नहीं होना चाहते हैं."

लेकिन टीम अन्ना में केजरीवाल की सहयोगी रहीं किरण बेदी ने इस बयान के लिए केजरीवाल की आलोचना की है.

उन्होंने ट्वीट किया, "मुझे इस बात पर संदेह है कि दिल्ली लोकायुक्त को पारित करने के लिए बनाया गया है? या फिर इसे टकराव पैदा करने और दूसरों के सिर ठीकरा फोड़कर भागने के लिए बनाया गया है."

उन्होंने कहा, "शपथ ग्रहण में केजरीवाल अन्ना को भूल गए थे. यहां तक की उन्होंने अन्ना का धन्यवाद तक नहीं किया. अब वह एक बार फिर अन्ना से समर्थन मांग रहे हैं."

Source: Hindi News

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