Friday, March 18, 2016

झारखंड में हर 200वां व्यक्ति मिर्गी का शिकार

झारखंड में हर ख्00 में से एक व्यक्ति मिर्गी की चपेट में है। अल्कोहल का अधिक सेवन करने से लोग मिर्गी की चपेट में आ रहे हैं। अल्कोहल के सेवन से दिमाग सिकुड़ जाता है और लोगों को मिर्गी का दौरा पड़ने लगता है। यह जानकारी रिम्स के न्यूरोलॉजी डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ.अनिल कुमार और न्यूरोलॉजिस्ट डॉ.अशोक ने दी। वे मेन रोड स्थित होटल कैपिटल हिल में गुरुवार को एपिलेप्सी (मिर्गी)पर कार्यक्रम में बोल रहे थे। डॉ.अनिल ने कहा कि इससे लोगों को डरने की नहीं लड़ने की जरूरत है। रेगुलर मेडिसीन लेने से इसे कंट्रोल किया जा सकता है। सामान्य तौर पर सिर दर्द इसका प्रमुख लक्षण हो सकता है। 
 
ब्रेन डैमेज का खतरा 

सिर में चोट लगने से भी मिर्गी की संभावना बढ़ जाती है। चूंकि चोट लगने के बाद ब्लड सर्कुलेशन रुक जाता है। हाल के दिनों में एक्सीडेंट की घटनाएं काफी बढ़ गई हैं। वहीं, प्रेग्नेंसी में मिर्गी के दौरे पड़ने पर बर्थ इंज्यूरी और ब्रेन डैमेज का खतरा भी बढ़ जाता है। इससे भी बच्चे को मिर्गी हो सकता है। इसके अलावा दौरा पड़ने पर देखा जाता है कि लोगों की जीभ दांत के बीच में आने से कट जाती है। इस वजह से खून निकलने लगता है और खून के लंग्स में चले जाने से चोकिंग का खतरा बढ़ जाता है। मिर्गी का दौरा पड़ने पर चम्मच, पेंसिल या अन्य कोई चीज मरीज के मुंह में डाल देना चाहिए, जिससे कि जीभ को कटने से बचाया जा सके।  Read more Ranchi News http://inextlive.jagran.com/ranchi/

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