श्याम का रंग चित्त चढ़यौ तो लाड़ली ने लड़ुआ लुटाय होरी खेलने कूं
बुलाय लियौ कृष्ण मुरारी। हर काऊ ने आंगन में फैला दई झोरी, काऊ की भर गई,
काऊ की रह गई खाली। ब्रज की रज में मिली एक ही बूंदी ने कर दियौ भक्तन कौ
बारौ- न्यारौ। कुमकुम संग बरसयौ गुलाल- अबीर, चहुं दिस उमड़ आयौ बदरा
इंद्रधुनषी रंग बारौ। बरसाना में बुधवार की सुबह कुछ खास किरणें बिखरी हुई
थीं। कुंज- निकुंज, गली- गलियारों में फाग की मस्ती की बहार छाई हुई थी.
हर ओर उड़ रहा था गुलाल
सूरज आसमान में ऊपर चढ़ रहा था और श्रीजी के आंगन में मतवारे रंग गुलाल
उड़ा रहे थे। छबीली राधाजी की सखी सोलह श्रृंगार करके सुबह करीब दस बजे ही
नंदभवन होरी का न्यौता लेकर पहुंच गई थी। नंदभवन में होरी का न्यौता देकर
सखी ने चुनौती भी दी कि श्याम होरी खेलन कूं बरसाने आइजयौ, तौय लठियान कौ
मजा चखाय दूंगी। नटवर नंद किशोर ने भी होरी खेलने के लिए बरसाने की हामी भर
दी और सखी की चुनौती को भी स्वीकार कर लिया। गुरुवार को नंदलाल अपने सखाओं
के साथ बरसाने होली खेलने के लिए जाएंगे।
राधा के महल में बिखरी खुशियां
राधा की सखी ने बरसाना लौट कर महलों में ये खबर दी कि कन्हैया ने होली
खेलने का न्यौता स्वीकार कर लिया है। इतना सुनकर राधा के महल में खुशियां
और उल्लास छा गया। सखी के पीछे ही होली खेलने के लिए श्रीकृष्ण के बरसाना
आने का संदेश लेकर नंदगांव का पंडा बरसाने पहुंच गया। उसके स्वागत के लिए
लड्डू बनाए गए थे। गोस्वामी समाज ने राधाजी को लड्डुओं का भोग लगाया और
नंदगांव से आए पंडा को बतौर प्रसाद खिलाया। राधारानी की कृपा पाकर नंदगांव
का पंडा धन्य हो गया। इधर, दुनिया की न्यारी हुरियारी राधारनी के भवन से
लड्डुओं की बरसात होने लगी थी। लड्डुओं का उपहार पाने के कोई ऊपर हाथ उठाए
लपकने की कोशिश कर रहा थे किसी ने झोली फैला रखी थी। कुछ लोग को जमीन में
एक ही बूंदी मिली और वह उसे मस्तक से लगाकर प्रसाद के रूप मे ग्रहण कर अपने
को धन्य मान रहे थे।
उमड़ा भक्तों का सैलाब
राधा रानी के दर्शन के लिए सैलाब उमड़ रहा था। मंदिर में कहीं भी तिल
भर स्थान खाली नहीं था। हर कोई होरी खेलने के लिए उत्साहित था। सकल ब्रज
में इंद्रधनुषी रंग के बदरा छाए हुए थे। मृदंग की तान भरी थाप पर देसी-
विदेशी थिरक रहे थे। आस्था, उल्लास और मस्ती की ऐसी त्रिवेणी बही कि सभी
उसमें गोते लगा रहे थे। अंत में रंगीली होली की दूसरी चौपाई निकाली गई।
गुरुवार को लठामार होली होगी। गोस्वामी समाज के मुखिया रामभरोसी गोस्वामी,
जगन्नाथ शास्त्री, रासबिहारी गोस्वामी, उमाशंकर गोस्वामी, पीयूष गोस्वामी,
बाबू गोस्वामी, प्रिया गोस्वामी, गो¨वदा गोस्वामी, मोंटू गोस्वामी, किशोरी
गोस्वामी ने गायन किया। Read more Agra NCR News http://inextlive.jagran.com/agra/
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