इन
दिनों 9000 करोड़ के कर्ज में डूबे उद्योगपति विजय माल्या का मामला पूरे
देश में गूंज रहा है। ऐसे में इस बीच उनके देश छोड़कर जाने की खबर आने लगी।
कहा जाने लगा कि विजय माल्या चुपचाप देश छोड़कर जा चुके हैं। जिसके चलते
यह मामला कल गुरुवार को संसद में भी काफी गूंजा। विरोधियों ने उन्हें कई
अलग अलग नामों से बुलाया। इसके साथ ही सरकार को भी निशाने पर लिया। हालांकि
इस दौरान वित्त मंत्री अरुण जेटली का कहना था कि विजय माल्या द्वारा
बैंकों से लिये गए कर्ज की राशि ब्याज सहित 13 नवंबर 2015 तक 9091.40 करोड़
रुपये हो चुकी है। ऐसे में उनसे यह राशि वसूलने की प्रक्रिया जारी है।
बावजूद इसके विरोधी नेता कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थे।
मीडिया से नाराज माल्या
हालांकि संसद में यह मामला गूंजने के बाद विजय माल्या ने आज सोशल मीडिया साइट ट्वीटर पर सफाई दी है। उनका कहना है कि वह एक अंतरराष्ट्रीय बिजनेस मैन हैं। अक्सर बड़े बिजनेस मैन विदेश यात्राएं करते रहते हैं। इसके आलवा एक सांसद भी है। फिर उन्हें भगोड़ा कैसे कहा जा सकता है। वह कोई भगोड़े नहीं है। इसके साथ ही उन्हें देश की कानून व न्याय व्यवस्था पर खुद का पूरा भरोसा होने की बात का जिक्र किया। हालांकि इस दौरान मीडिया ट्रायल को लेकर काफी नाराजगी जताई। गौरतलब है कि माल्या के बुनियदी विषय और खातों पर जो सवाल उठ रहें है उनमें कसोर्शियम बैंक ने पहली मंजूरी सितंबर 2004 में की थी। इस सुविधा का फरवरी 2008 में नवीकरण किया गया।। इसके बाद 13 अप्रैल 2009 को खातों को गैर निष्पादित आस्तियां घोषित किया जा चुका है। Read more Business News http://inextlive.jagran.com/business
मीडिया से नाराज माल्या
हालांकि संसद में यह मामला गूंजने के बाद विजय माल्या ने आज सोशल मीडिया साइट ट्वीटर पर सफाई दी है। उनका कहना है कि वह एक अंतरराष्ट्रीय बिजनेस मैन हैं। अक्सर बड़े बिजनेस मैन विदेश यात्राएं करते रहते हैं। इसके आलवा एक सांसद भी है। फिर उन्हें भगोड़ा कैसे कहा जा सकता है। वह कोई भगोड़े नहीं है। इसके साथ ही उन्हें देश की कानून व न्याय व्यवस्था पर खुद का पूरा भरोसा होने की बात का जिक्र किया। हालांकि इस दौरान मीडिया ट्रायल को लेकर काफी नाराजगी जताई। गौरतलब है कि माल्या के बुनियदी विषय और खातों पर जो सवाल उठ रहें है उनमें कसोर्शियम बैंक ने पहली मंजूरी सितंबर 2004 में की थी। इस सुविधा का फरवरी 2008 में नवीकरण किया गया।। इसके बाद 13 अप्रैल 2009 को खातों को गैर निष्पादित आस्तियां घोषित किया जा चुका है। Read more Business News http://inextlive.jagran.com/business
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