Thursday, March 3, 2016

'कन्हैया की ज़मानत को जीत न मानें वामपंथी'

दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को कन्हैया कुमार को छह महीने की सशर्त अंतरिम ज़मानत दी थी।

कन्हैया कुमार को 12 फ़रवरी को राष्ट्रद्रोह के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था। नौ फ़रवरी को विश्वविद्यालय परिसर में संसद हमले के दोषी अफ़ज़ल गुरु की बरसी पर कार्यक्रम में कथित तौर पर भारत विरोधी नारे लगाए गए थे।

फ़ेसबुक पर चंद्रकांत पी सिंह लिखते हैं, “कोर्ट ने तो यह भी कहा है कि शरीर का कोई अंग लाइलाज हो जाए तो उसे काटकर हटाया जा सकता है, लेकिन फिलहाल कन्हैया को मौक़ा दिया जाता है सुधरने का। इसके क्या मायने हैं?”

अरविंद दास लिखते हैं, “ज़मानत आदेश में जज की टिप्पणियां मुझे मराठी फ़िल्म कोर्ट की याद दिलाती हैं।” Read more National News  http://inextlive.jagran.com/national

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