वित्तमंत्री पी चिदंबरम आगामी लोकसभा चुनाव से पहले यूपीए सरकार का अंतरिम बजट पेश कर रहे हैं.
अंतरिम बजट में प्रत्यक्ष करों में कोई बदलाव नहीं होता है और न ही कोई बड़ी नीतिगत घोषणा की जाती है.
फिर भी माना जा रहा है कि इस बजट में कुछ क्षेत्रों के लिए रियायतों की घोषणा की जा सकती है.
हालांकि इस दौरान उन्हें राजकोषीय घाटे को सीमित दायरे में रखने के लिए कड़ी मशक्क़त करनी पड़ सकती है.
वित्तमंत्री ने इससे पहले संकेत दिया था कि वह अंतरिम बजट में अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए उत्पाद और सेवाकर की कुछ दरों में बदलाव कर सकते हैं
लेकिन वह राजनीतिक आम सहमति के अभाव में आर्थिक सुधारों से जुड़े प्रमुख विधेयकों को आगे नहीं बढ़ाएंगे.
Source: Online Hindi Newspaper
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