यौन उत्पीड़न मामले
में गिरफ़्तार किए गए तहलका के पूर्व संपादक तरुण तेजपाल के ख़िलाफ़ गोवा
पुलिस चार्जशीट दाख़िल कर दी है. तरुण तेजपाल अपने ही संस्थान की एक महिला
पत्रकार से दुष्कर्म के आरोप में न्यायिक हिरासत में हैं.
गोवा पुलिस के एडिशनल डीआईजी ओपी मिश्रा ने बीबीसी को बताया, "गोवा पुलिस तरुण तेजपाल के ख़िलाफ़ चार्जशीट दाख़िल कर दी है."
तरुण तेजपाल पर लगाए गए आरोपों में नए आपराधिक क़ानून के तहत बलात्कार का मामला भी शामिल है. ऐसा में उनके लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं.
तरुण तेजपाल को 30 नवंबर 2013 को गिरफ़्तार किया गया था. उन पर आईपीसी की धारा 341 (ग़लत तरीक़े से नियंत्रण), धारा 342 (ग़लत तरीक़े से बंधक बनाना), धारा 354-ए (किसी महिला के साथ यौन दुर्व्यवहार और शीलभंग की कोशिश), धारा 376 (बलात्कार) लगाई गई है.
भरोसा तोड़ने का आरोप
तेजपाल पर अपनी साथी पत्रकार के यौन उत्पीड़न करने का आरोप है
तेजपाल पर आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 2013 की धारा 376 (2)(के) के तहत भी आरोप लगाया गया है, जिसका मतलब है कि एक ऐसे व्यक्ति के द्वारा बलात्कार की कोशिश जो महिला को काबू में करने की हैसियत में हो.
उन पर यह आरोप भी लगाया गया है कि उन्होंने एक ऐसी महिला के साथ बलात्कार को कोशिश की जो उन्हें अपना संरक्षक मानती थी.
तरुण तेजपाल को न्यायिक हिरासत में भेजने से पहले बचाव पक्ष के वकील ने अदालत से ज़मानत देने की माँग करते हुए कहा था कि तेजपाल जाँच में सहयोग के लिए गोवा में रहने के लिए तैयार हैं.
वहीं अभियोजन पक्ष ने मामले की गंभीरता का हवाला देते हुए अदालत से तेजपाल को ज़मानत न देने की गुहार लगाई थी.
अभियोजन पक्ष का तर्क था कि अभियुक्त अपने रुतबे और हैसियत का इस्तेमाल कर जाँच को प्रभावित कर सकते हैं.
अभियोजन पक्ष ने अदालत को यह भी बताया कि पीड़िता अपने परिवार में कमाने वाली अकेली सदस्य हैं.
तरुण तेजपाल पर लगाए गए आरोपों में नए आपराधिक क़ानून के तहत बलात्कार का मामला भी शामिल है. ऐसा में उनके लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं.
तरुण तेजपाल को 30 नवंबर 2013 को गिरफ़्तार किया गया था. उन पर आईपीसी की धारा 341 (ग़लत तरीक़े से नियंत्रण), धारा 342 (ग़लत तरीक़े से बंधक बनाना), धारा 354-ए (किसी महिला के साथ यौन दुर्व्यवहार और शीलभंग की कोशिश), धारा 376 (बलात्कार) लगाई गई है.
भरोसा तोड़ने का आरोप
तेजपाल पर अपनी साथी पत्रकार के यौन उत्पीड़न करने का आरोप है
तेजपाल पर आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 2013 की धारा 376 (2)(के) के तहत भी आरोप लगाया गया है, जिसका मतलब है कि एक ऐसे व्यक्ति के द्वारा बलात्कार की कोशिश जो महिला को काबू में करने की हैसियत में हो.
उन पर यह आरोप भी लगाया गया है कि उन्होंने एक ऐसी महिला के साथ बलात्कार को कोशिश की जो उन्हें अपना संरक्षक मानती थी.
तरुण तेजपाल को न्यायिक हिरासत में भेजने से पहले बचाव पक्ष के वकील ने अदालत से ज़मानत देने की माँग करते हुए कहा था कि तेजपाल जाँच में सहयोग के लिए गोवा में रहने के लिए तैयार हैं.
वहीं अभियोजन पक्ष ने मामले की गंभीरता का हवाला देते हुए अदालत से तेजपाल को ज़मानत न देने की गुहार लगाई थी.
अभियोजन पक्ष का तर्क था कि अभियुक्त अपने रुतबे और हैसियत का इस्तेमाल कर जाँच को प्रभावित कर सकते हैं.
अभियोजन पक्ष ने अदालत को यह भी बताया कि पीड़िता अपने परिवार में कमाने वाली अकेली सदस्य हैं.
Source: Hindi News
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