शेरों को भी भला कोई शिकार करना सिखाता है.
चीनी मीडिया की ख़बरों के अनुसार दो या तीन साल के बाघ शावकों को ये ट्रेनिंग दी जा रही है जिसे अधिकारियों ने जंगल में रहने की ट्रेनिंग का नाम दिया है.
चीनी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार ये ट्रेनिंग चीन के पूर्वोत्तर इलाके में हाईलोंगचियांग साइबेरियन टाइगर गार्डन में चल रही है.
इसका मकसद जंगलों में रहने वाले ऐसे जीवों की संख्या बढ़ाना है जो लुप्त होने के कगार पर हैं.
ठोस कदमजीव वैज्ञानिकों का कहना है कि सर्दी की बर्फ़ में ट्रेनिंग इन जानवरों के लिए 'ठोस कदम' होगा, जिन्हें पर्वतों में रहना है और अपनी संख्या को बढ़ाना है.
साइबेरियन बाघ सबसे अधिक लुप्तप्राय जीवों में शामिल हैं. अनुमान है कि जंगलों में अब सिर्फ 300 साइबेरियन बाघ बचे हैं जिनमें से 20 पूर्वोत्तर चीन में हैं.
हाईलोंगचियांग के केंद्र में 1996 से अब तक एक हज़ार से ज़्यादा शावकों का जन्म हो चुका है.
चीन के सरकारी टीवी के अनुसार चीन के चिड़ियाघरों में लगभग छह हज़ार साइबेरियन बाघों को रखा जा रहा है. विशाल पांडा के साथ साथ साइबेरियन बाघ ‘प्रथम श्रेणी वाला संरक्षित जीव’ है.
Source: Hindi News
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