आरटीओ
विभाग इस समय आदेशों के फेर में उलझा हुआ है। एक साथ टू व्हीलर व फोर
व्हीलर का लाइसेंस न बनने के आदेश के चलते ही ये समस्या क्रिएट हुई है।
दरअसल, इस आदेश में विशेष परिस्थिति पर लाइसेंस एक साथ बनाने के निर्देश
हैं, लेकिन वे विशेष परिस्थिति क्या हैं, इन्हें स्पष्ट नहीं किया गया है।
इसकी वजह से हर आवेदक एक साथ ही टू व फोर व्हीलर का लाइसेंस बनवाना चाहता है।
रोज होता है बवाल
आरटीओ
में आने वाले सभी अप्लीकेंट्स यही कहते हैं कि हमारा टू व्हीलर व फोर
व्हीलर दोनों का लाइसेंस बनवा दो। दरअसल, टू व्हीलर व फोर व्हीलर एक साथ
बनाने की व्यवस्था के शासनादेश में विशेष परिस्थितियों में दोनों के
लाइसेंस बनाने की छूट दी गई थी। इस छूट को देखते हुए कुछ लोगों के लाइसेंस
बन गए। जिस पर बाहर के दलालों ने ये फैला दिया कि आरटीओ प्रशासन चाहे तो एक
साथ दोनों लाइसेंस बना सकते हैं। इसके चलते आरटीओ में लाइसेंस के लिए आने
वाले अप्लीकेंट्स दोनों के लाइसेंस एक साथ ही बनाने की बात पर जोर देते
हैं। इसको लेकर आरटीओ में रोज ही कोई न कोई अप्लीकेंट्स बवाल काट देता है.
10 परसेंट से ज्यादा लाइसेंस नहीं
दिए
गए नए शासनादेश की खास बात ये है कि विशेष परिस्थिति के लाइसेंस भी माह
में कुल बने लाइसेंस के 10 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होने चाहिए। हरदोई,
फतेहपुर समेत कुछ जिलों ने 50 प्रतिशत तक विशेष स्थिति के लाइसेंस बनवा
दिए, जिस पर उन्हें शासन ने जमकर फटकार लगाई है। Read more http://inextlive.jagran.com/kanpur/
No comments:
Post a Comment