महानगरों की तरह रांची में भी कॉलेज- कोचिंग के स्टूडेंट्स व कामकाजी लोगों
के बीच लीव इन रिलेशन का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है। राज्य महिला आयोग व
महिला हेल्प लाइन में हर हफ्ते तीन से चार मामले पहुंच रहे हैं। लेकिन, लीव
इन रिलेशन के बाद टूटते संबंध लड़की और लड़के दोनों के लिए परेशानी के भी
सबब बन गए हैं। सबसे ज्यादा परेशानी तो लड़कियों के साथ हो रही है, जिनके
पास सबकुछ गंवाने के बाद कोई रास्ता नहीं बच रहा है। कई लड़कियों को तो बाद
में अपने घरों में भी पनाह नहीं मिल रही है। सिर्फ राज्य महिला आयोग में
ही महीने भर में डेढ़ दर्जन से भी अधिक मामले दर्ज हो चुके हैं। कई मामलों
में पीडि़ता को कानूनी सहायता भी नहीं मिल पाती है।
नाबालिग लड़कियां ज्यादा
लिव इन के मामलों में बड़ी संख्या में नाबालिग लड़कियां भी शामिल हैं। इनमें क्भ् साल से फ्भ् साल तक की महिलाएं हैं। कम उम्र में लड़कियां मां भी बन रही हैं और बड़ी संख्या में एबॉर्शन भी करा रही हैं। इससे उनकी सेहत भी काफी प्रभावित हो रही है।
हर सोसायटी से केसेज
जो केसेज रहे हैं, उनमें ट्राइबल, नन ट्राइबल दोनों सोसायटी के लोग हैं। इनमें हर इनकम ग्रुप के लोग शामिल हैं। पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स के अलावा जॉब करने वाले युवा भी लिव इन में रह रहे हैं। यहां साल छह माह में ब्रेकअप के कई मामले हैं। पिछले तीन साल में ऐसे केसेज में तेजी आई है। Read more http://inextlive.jagran.com/ranchi/
नाबालिग लड़कियां ज्यादा
लिव इन के मामलों में बड़ी संख्या में नाबालिग लड़कियां भी शामिल हैं। इनमें क्भ् साल से फ्भ् साल तक की महिलाएं हैं। कम उम्र में लड़कियां मां भी बन रही हैं और बड़ी संख्या में एबॉर्शन भी करा रही हैं। इससे उनकी सेहत भी काफी प्रभावित हो रही है।
हर सोसायटी से केसेज
जो केसेज रहे हैं, उनमें ट्राइबल, नन ट्राइबल दोनों सोसायटी के लोग हैं। इनमें हर इनकम ग्रुप के लोग शामिल हैं। पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स के अलावा जॉब करने वाले युवा भी लिव इन में रह रहे हैं। यहां साल छह माह में ब्रेकअप के कई मामले हैं। पिछले तीन साल में ऐसे केसेज में तेजी आई है। Read more http://inextlive.jagran.com/ranchi/
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