आखिर वही हुआ, जिसका डर था। अब प्रदेश में वनाग्नि पर भी राजनीति शुरू हो
गई है। इसके लिए सबसे ज्यादा भाजपा व कांग्रेस आमने- सामने हैं। भाजपा ने
कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि प्रदेश में वनाग्नि के लिए कांग्रेस
जिम्मेदार है। वहीं कांग्रेस ने पलटवार किया है कि भाजपा अपनी गलतियों को
छुपाने के लिए बेवजह कांग्रेस पर आरोप लगा रही है। जबकि खुद प्रदेश में
अप्रत्यक्ष तौर पर राष्ट्रपति शासन में बीजेपी की सरकार चल रही है।
कांग्रेस सरकार ने नहीं उठाए कदम
राज्य के जंगलों में धधकी आग पर राजनीतिक पार्टियों की आग में घी की राजनीति शुरू हो गई है। जहां जंगलों में बेशकीमती जैवविविधिता, वन संपदा, मानव, पशु- पक्षियों को नुकसान पहुंचा है। वहीं राजनीतिक पार्टियों की राजनीति भी शुरू हो गई है। प्रदेश मीडिया प्रभारी डा। देवेंद्र भसीन ने कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि राज्य में भीषण वनाग्नि के लिए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार जिम्मेदार है। उन्होंने वनाग्नि पर कांग्रेस के नेताओं द्वारा दिए गए भाजपा विरोधी बयानों को हास्यास्पद बताते हुए कहा है कि राज्य के वनों में आग का प्रकोप शुरू हुए तीन महीने से अधिक का वक्त हो गया है। लेकिन उस दौरान कांग्रेस की सरकार सोई रही। न सरकार और न वन विभाग ने कोई कदम उठाए। कांग्रेस के लोग वन क्षेत्रों व बाहर रेत- बजरी व खनन पर जुटे रहे। उस वक्त सरकार ने ध्यान दिया होता तो ऐसी स्थिति देखने को नहीं मिलती। उन्होंने कहा कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि आग लगाने में माफियाओं या फिर कांग्रेस के कुछ लोगों का हाथ हो। कारण, वन विकास निगम में कांग्रेस के लोग थे और वनों की बेकार लकड़ी वन निगम के माध्यम से ही बिकती भी है, चोरी भी हाेती है। Read more http://inextlive.jagran.com/dehradun/
कांग्रेस सरकार ने नहीं उठाए कदम
राज्य के जंगलों में धधकी आग पर राजनीतिक पार्टियों की आग में घी की राजनीति शुरू हो गई है। जहां जंगलों में बेशकीमती जैवविविधिता, वन संपदा, मानव, पशु- पक्षियों को नुकसान पहुंचा है। वहीं राजनीतिक पार्टियों की राजनीति भी शुरू हो गई है। प्रदेश मीडिया प्रभारी डा। देवेंद्र भसीन ने कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि राज्य में भीषण वनाग्नि के लिए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार जिम्मेदार है। उन्होंने वनाग्नि पर कांग्रेस के नेताओं द्वारा दिए गए भाजपा विरोधी बयानों को हास्यास्पद बताते हुए कहा है कि राज्य के वनों में आग का प्रकोप शुरू हुए तीन महीने से अधिक का वक्त हो गया है। लेकिन उस दौरान कांग्रेस की सरकार सोई रही। न सरकार और न वन विभाग ने कोई कदम उठाए। कांग्रेस के लोग वन क्षेत्रों व बाहर रेत- बजरी व खनन पर जुटे रहे। उस वक्त सरकार ने ध्यान दिया होता तो ऐसी स्थिति देखने को नहीं मिलती। उन्होंने कहा कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि आग लगाने में माफियाओं या फिर कांग्रेस के कुछ लोगों का हाथ हो। कारण, वन विकास निगम में कांग्रेस के लोग थे और वनों की बेकार लकड़ी वन निगम के माध्यम से ही बिकती भी है, चोरी भी हाेती है। Read more http://inextlive.jagran.com/dehradun/
No comments:
Post a Comment