सिल्क रूट बना वर्ल्ड हैरिटेज साइट
चाइना, कजाकिस्तान और किर्गिस्तान द्वारा जॉइंटली सबमिट एप्लीकेशन में यूनेस्को ने 2000 साल पुराने सिल्क रूट को वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल कर लिया है. यह रोड तकरीबन 2000 साल पहले एशिया और यूरोप के बीच बिजनेस और कल्चरल एक्सचेंज का माध्यम रही है. गौरतलब है कि चाइना इस रोड को दुबारा डेवलप करने की कोशिश कर रहा हे.
ग्रेट कैनाल भी शामिल
यूनेस्को ने इसके साथ ही बीजिंग में स्थित ग्रेट कैनाल को भी वर्ल्ड हेरिटेज की लिस्ट में शामिल किया है. यह कैनाल विश्व में सबसे लंबे कृत्रिम जलमार्ग के रूप में फेमस है. यूनेस्को को मिली एप्लीकेशन में चाइना के 22 विरासतें, कजाकिस्तान की 8 विरासतें और किर्गिस्तान की तीन विरासतें शामिल थीं.
दोहा मीटिंग में हुआ फैसला
यूनेस्को ने इस बारे में अपनी दोहा मीटिंग में फैसला लिया है. यह पहली बार हुआ है जब चाइना ने किसी हेरिटेज साइट को वर्ल्ड हेरिटेज साइट बनाने के लिए किसी बाहरी देश के साथ सहयोग किया है. माना जा रहा है कि चाइना ने सिल्क रूट को फिर से जिंदा करने के लिए ऐसा किया है क्योंकि चाइना की ईकोनामी की रफ्तार धीमी हो रही है.
चाइना, कजाकिस्तान और किर्गिस्तान द्वारा जॉइंटली सबमिट एप्लीकेशन में यूनेस्को ने 2000 साल पुराने सिल्क रूट को वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल कर लिया है. यह रोड तकरीबन 2000 साल पहले एशिया और यूरोप के बीच बिजनेस और कल्चरल एक्सचेंज का माध्यम रही है. गौरतलब है कि चाइना इस रोड को दुबारा डेवलप करने की कोशिश कर रहा हे.
ग्रेट कैनाल भी शामिल
यूनेस्को ने इसके साथ ही बीजिंग में स्थित ग्रेट कैनाल को भी वर्ल्ड हेरिटेज की लिस्ट में शामिल किया है. यह कैनाल विश्व में सबसे लंबे कृत्रिम जलमार्ग के रूप में फेमस है. यूनेस्को को मिली एप्लीकेशन में चाइना के 22 विरासतें, कजाकिस्तान की 8 विरासतें और किर्गिस्तान की तीन विरासतें शामिल थीं.
दोहा मीटिंग में हुआ फैसला
यूनेस्को ने इस बारे में अपनी दोहा मीटिंग में फैसला लिया है. यह पहली बार हुआ है जब चाइना ने किसी हेरिटेज साइट को वर्ल्ड हेरिटेज साइट बनाने के लिए किसी बाहरी देश के साथ सहयोग किया है. माना जा रहा है कि चाइना ने सिल्क रूट को फिर से जिंदा करने के लिए ऐसा किया है क्योंकि चाइना की ईकोनामी की रफ्तार धीमी हो रही है.
Source: International News
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