भारतीय साहित्य में मुंशी प्रेमचन्द्र की रचनाएं कालजयी होती है. जो
सामाजिक जीवन के सरोकार को बेहद संजीदगी के साथ लोगों के सामने प्रदर्शित
करती है. स्वतंत्रता आंदोलन को भी उन्होंने बेहद संवेदनशील तरीके से अपनी
रचनाओं के माध्यम से लोगों के समक्ष रखा. प्रेमचन्द्र की तीन रचनाओं आहुति,
शराब की दुकान, होली का उपहार का कोलाज बनाकर मंच पर प्रदर्शित किया गया.
नाटक में महात्मा गांधी के स्वदेशी आंदोलन से लेकर नशाबंदी तक को लेकर चले
संग्राम का जीवंत मंचन किया गया. समन्वय संस्था की ओर से एनसीजेडसीसी में
हुए नाटक के मंचन के दौरान कलाकारों ने शानदार अभिनय की प्रस्तुति देकर
दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया.
मंच पर उतरा बापू का व्यक्तित्व
समन्वय संस्था की सचिव सुषमा शर्मा के निर्देशन में मंचित नाटक में
1930 के दशक में युवाओं पर महात्मा गांधी के व्यक्तित्व का पड़े प्रभाव को
खूबसूरती से दर्शाया गया. स्वदेशी आंदोलन व नशाबंदी को लेकर महात्मा गांधी
ने जो आंदोलन चलाया, उसका देश के युवाओं पर काफी प्रभाव पड़ा. http://inextlive.jagran.com/play-on-munshi-premchand-stories-in-nczcc-87764
Source: Allahabad News
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