प्रदेश में नकली दवाइयों के निर्माण विक्रय को लेकर शासन भले ही गंभीर
हो, लेकिन उसके अफसरों पर इस बात का कोई फिक्र नहीं. जनपद में आए दिन नकली
और प्रतिबंधित दवाइयों की खेप उतरती है, लेकिन इन पर कोई कार्रवाई नहीं
होती. होगी भी तो कैसे? अफसर तो अपने कार्यालय से ही गायब रहते हैं.
कलेक्ट्रेट में खाद्य एवं औषधि प्रशासन का कार्यालय है. आप कभी भी चले
जाइए. आपको ड्रग इंस्पेक्टर आरसी यादव के कार्यालय पर हा समय ताला लटका
रहता है. रोजना अपनी फरियाद लेकर आने वाले लोग ताले को देखकर मायूस होकर
लौट जाते हैं.
लगा कबाड़ का ढेर
जो कार्यालय मानव जीवन से जुड़ी औषधियों के मानकों का निरीक्षण करता
है. उसके बाहर गंदगी और खाली डिस्पोजल बॉटल्स बिखरी पड़ी हैं. कार्यालय के
गेट पर लगी धूल और मकड़ी के जाल इस बात को पुष्ट करते हैं कि कार्यालय
कब-कब खुलता है. देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भारत स्वच्छता
अभियान को ये कार्यालय खुलेआम मुंह चिढ़ाता नजर आता है.
'मेरे कार्यालय में कोई बाबू नहीं'
जब कार्यालय बन्द होने के बारे में ड्रग इंस्पेक्टर आरसी यादव ने बात
की गई तो उनका कहना था कि मेरे कार्यालय में कोई बाबू नहीं है. मैं सुबह
क्0 बजे बैठता हूं फिर फील्ड में निकल जाता हूं. हम आपको बता दें कि फूड
सेफ्टी एवं ड्रग एडमिनिस्ट्रिेशनकार्यालय में नीचे खाद्य सुरक्षा और ऊपर
ड्रग इंस्पेक्टर का कार्यालय है. सूत्रों के अनुसार कार्यालय में पहले
गोपाल नामक बाबू की तैनाती थी, उसके रिटायर होने पर राजकुमार नामक बाबू की
तैनाती की गई है. See more http://inextlive.jagran.com/drug-inspector-office-remains-closed-in-agra-87317
Source: Agra News
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