भगवान श्रीकृष्ण एक, उनके नाम अनेक। वह किसी के कान्हा तो किसी के गिरधारी, श्रीकृष्ण, छलिया, मनमोहना और बांके बिहारी हैं। कोई कन्हाई के नाम पर तो कोई कृष्ण और श्री बांके बिहारी मानकर उनकी सेवा-पूजा करता है। लेकिन राधा-श्याम के इन चित्रों के संसार से लाखों का करोबार यहां हो रहा है।
वृंदावन में राधा-श्याम, ठाकुरजी और अन्य देवी-देवताओं की तस्वीरों की सैकड़ो दुकानें हैं। यहां तस्वीर और मूर्तियों की बिक्री का प्रति माह लाखों का कारोबार है। पद्मश्री कृष्णा चित्रकार, द्वारिका चित्रकार, दंपत किशोर, नित्य गोपाल शर्मा, आदि वृंदावन के चित्रकारों की पहचान देश में प्रसिद्धि ठाकुर जी की तस्वीरें बनाने से ही है। इन नगरी की दुकानों पर बिकने वाली तस्वीरें यह साबित करती हैं कि वृंदावन आने वाले देश-दुनिया के श्रद्धालुओं में राधा-श्याम के दीवाने अधिक हैं।
यदि किसी प्रतिष्ठान पर देवी-देवताओं की सौ तस्वीरें बिकती हैं तो उनमें तकरीबन 70 राधा-श्याम और ठा. बांके बिहारी की होती हैं। बनखंडी क्षेत्र में तस्वीरों के विक्रेता उमेश के अनुसार, श्रीराधा-कृष्ण, बांके बिहारी की तस्वीरों की डिमांड रहती है। दूसरे विक्रेता श्याम शर्मा भी इसी की पुष्टि करते हैं।
बोले पद्मश्री कृष्णा चित्रकार- पद्मश्री प्राप्त विख्यात चित्रकार कृष्ण कन्हाई कहते हैं कि भगवान कृष्ण और श्रीराधाजी के चित्र बनाने से भक्ति भाव का उदय होता है। ठाकुरजी की पेंटिंग बनाते समय वह जैसे खो से जाते हैं।
सबसे अधिक होती बांके बिहारी की तस्वीरों की बिक्री-
भगवान की प्रेरणा से बनती छवि-ख्याति प्राप्त द्वारिका चित्रकार कहते हैं कि चित्र बनाते-बनाते उन्हें अहसास होता कि वे जैसे ठाकुरजी के निकट होते जा रहे। उनके द्वारा बांके बिहारी की बनाई छवि एक लाख से ऊपर बिक चुकी हैं।
वृंदावन में राधा-श्याम, ठाकुरजी और अन्य देवी-देवताओं की तस्वीरों की सैकड़ो दुकानें हैं। यहां तस्वीर और मूर्तियों की बिक्री का प्रति माह लाखों का कारोबार है। पद्मश्री कृष्णा चित्रकार, द्वारिका चित्रकार, दंपत किशोर, नित्य गोपाल शर्मा, आदि वृंदावन के चित्रकारों की पहचान देश में प्रसिद्धि ठाकुर जी की तस्वीरें बनाने से ही है। इन नगरी की दुकानों पर बिकने वाली तस्वीरें यह साबित करती हैं कि वृंदावन आने वाले देश-दुनिया के श्रद्धालुओं में राधा-श्याम के दीवाने अधिक हैं।
यदि किसी प्रतिष्ठान पर देवी-देवताओं की सौ तस्वीरें बिकती हैं तो उनमें तकरीबन 70 राधा-श्याम और ठा. बांके बिहारी की होती हैं। बनखंडी क्षेत्र में तस्वीरों के विक्रेता उमेश के अनुसार, श्रीराधा-कृष्ण, बांके बिहारी की तस्वीरों की डिमांड रहती है। दूसरे विक्रेता श्याम शर्मा भी इसी की पुष्टि करते हैं।
बोले पद्मश्री कृष्णा चित्रकार- पद्मश्री प्राप्त विख्यात चित्रकार कृष्ण कन्हाई कहते हैं कि भगवान कृष्ण और श्रीराधाजी के चित्र बनाने से भक्ति भाव का उदय होता है। ठाकुरजी की पेंटिंग बनाते समय वह जैसे खो से जाते हैं।
सबसे अधिक होती बांके बिहारी की तस्वीरों की बिक्री-
भगवान की प्रेरणा से बनती छवि-ख्याति प्राप्त द्वारिका चित्रकार कहते हैं कि चित्र बनाते-बनाते उन्हें अहसास होता कि वे जैसे ठाकुरजी के निकट होते जा रहे। उनके द्वारा बांके बिहारी की बनाई छवि एक लाख से ऊपर बिक चुकी हैं।
Source: Rashifal 2015
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