Monday, December 8, 2014

Jageshwar Dham proposed for inclusion in the World Heritage

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने जागेश्वर धाम को विश्व धरोहर की फेहरिस्त में शामिल करने के लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया है। यह प्रस्ताव यूनेस्को भेजा जाएगा। यूनेस्को की टीम से हरी झंडी मिलते ही कुमाऊं के ऐतिहासिक स्थल को वल्र्ड हैरीटेज का रुतबा हासिल हो सकता है।

एएसआइ देहरादून मंडल के अधीक्षण पुरातत्वविद ने बताया कि क्षेत्र का सर्वे करने के बाद यूनेस्को की टीम इस प्रस्ताव को हरी झंडी दे सकती है। दरअसल, शिवस्थली के नाम से विख्यात जागेश्वर धाम में 125 मंदिरों का समूह है। इसमें मृत्युंजय, जागनाथ, पुष्टी देवी, केदारनाथ आदि को मुख्य मंदिरों में शामिल किया जाता है। एएसआइ के मुताबिक कुमाऊं के प्रसिद्ध कत्यूरी शासकों ने इनका निर्माण सातवीं शताब्दी के आसपास कराया। विशाल पत्थरों में उकेरे गए चित्र तत्कालीन शिल्पकला की बानगी पेश करते हैं। यहां देश-विदेश से हर साल हजारों सैलानी आते हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण इसके संरक्षण का कार्य कर रहा है।

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