कंपनी के ताज़ा आँकड़ों के अनुसार दुनियाभर में करीब सवा अरब यूज़र्स इस वेबसाइट से जुड़े हुए हैं.
एक कॉलेज नेटवर्किंग टूल से इस मुकाम तक पहुंचने में फ़ेसबुक को दस साल का वक्त लगा और आज इसकी दसवीं सालगिरह भी मनाई जा रही है.
इन दस वर्षों में ये एक सोशल ऐक्टिविज़म टूल के तौर पर भी स्थापित हुआ. भारत में भी लोग खुलकर इसका प्रयोग करने लगे और मुखर होकर अपनी बात सार्वजनिक मंच पर रखने लगे.
फ़ेसबुक से सामाजिक बदलाव की कहानियों के बीच कुछ विवाद भी उपजे जिन्होंने सोशल मीडिया की भूमिका पर गंभीर बहस शुरू की. आइए एक नज़र डालते हैं ऐसे ही दस विवादों पर:
1. जब ‘आहत’ हुईं भावनाएं – शिवसेना बनाम पलघर की शाहीन और रेणु
महाराष्ट्र के एक छोटे से शहर पलघर की दो लड़कियों, शाहीन ढाडा और रेणु श्रीनिवासन को पुलिस ने बाल ठाकरे की मौत के बाद मुंबई में बंद के खिलाफ़ एक फेसबुक पोस्ट लिखने और लाइक करने पर गिरफ़्तार किया था.
शाहीन ने ये पोस्ट लिखा था और रेणु ने इसे ‘लाइक’ किया था.
इन लड़कियों पर धार्मिक भावनाएँ आहत करने के आरोप में और आईटी ऐक्ट के तहत कार्रवाई हुई. बाद में उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया और फिर 15,000 रुपए के मुचलके पर छोड़ दिया गया.
फ़ेसबुक पोस्ट पर गिरफ्तारी के इस मामले को लेकर ज़बरदस्त विवाद उठा और दो पुलिस अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया गया. तत्कालीन ज़िला मजिस्ट्रेट का तबादला भी किया गया...
एक कॉलेज नेटवर्किंग टूल से इस मुकाम तक पहुंचने में फ़ेसबुक को दस साल का वक्त लगा और आज इसकी दसवीं सालगिरह भी मनाई जा रही है.
इन दस वर्षों में ये एक सोशल ऐक्टिविज़म टूल के तौर पर भी स्थापित हुआ. भारत में भी लोग खुलकर इसका प्रयोग करने लगे और मुखर होकर अपनी बात सार्वजनिक मंच पर रखने लगे.
फ़ेसबुक से सामाजिक बदलाव की कहानियों के बीच कुछ विवाद भी उपजे जिन्होंने सोशल मीडिया की भूमिका पर गंभीर बहस शुरू की. आइए एक नज़र डालते हैं ऐसे ही दस विवादों पर:
1. जब ‘आहत’ हुईं भावनाएं – शिवसेना बनाम पलघर की शाहीन और रेणु
महाराष्ट्र के एक छोटे से शहर पलघर की दो लड़कियों, शाहीन ढाडा और रेणु श्रीनिवासन को पुलिस ने बाल ठाकरे की मौत के बाद मुंबई में बंद के खिलाफ़ एक फेसबुक पोस्ट लिखने और लाइक करने पर गिरफ़्तार किया था.
शाहीन ने ये पोस्ट लिखा था और रेणु ने इसे ‘लाइक’ किया था.
इन लड़कियों पर धार्मिक भावनाएँ आहत करने के आरोप में और आईटी ऐक्ट के तहत कार्रवाई हुई. बाद में उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया और फिर 15,000 रुपए के मुचलके पर छोड़ दिया गया.
फ़ेसबुक पोस्ट पर गिरफ्तारी के इस मामले को लेकर ज़बरदस्त विवाद उठा और दो पुलिस अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया गया. तत्कालीन ज़िला मजिस्ट्रेट का तबादला भी किया गया...
Source: Latest Tech News in Hindi
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