कथित सत्याग्रहियों के कब्जे से राजकीय जवाहरबाग को मुक्त कराने और
तहसील में किए गए हमले के सभी आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरने
पर बैठे लेखपालों ने सोमवार शाम लोकल इंटेलीजेंस यूनिट के इंस्पेक्टर को
दौड़ा लिया। किसी बात को लेकर हुई तकरार के बाद लेखपाल आक्रोशित हो गए थे।
इंस्पेक्टर ने सिटी मजिस्ट्रेट के कार्यालय में जाकर शरण ली। वे डीएम से
वार्ता करने के लिए लेखपाल संघ के नेताओं को बुलाने कलेक्ट्रेट गए थे।
डीएम राजेश कुमार ने लेखपालों की हड़ताल को अवैध घोषित कर दिया था,
लेकिन इसके बाद भी लेखपाल संघ अपनी मांग को लेकर कामबंद हड़ताल पर है।
सोमवार को डीएम ने लेखपाल संघ के नेताओं को वार्ता करने के लिए समय दिया
था। शाम करीब पांच बजे एलआइयू इंस्पेक्टर धरने पर बैठे लेखपाल संघ के
नेताओं केा बुलाने के लिए गए थे। किसी बात को लेकर लेखपाल संघ के नेताओं और
एलआइयू इंस्पेक्टर के बीच तड़का- भड़की हो गई। मामला इतना तूल पकड़ा कि
हाथापाई की नौबत देख एलआइयू इंस्पेक्टर ने वहां से दौड़ लगा ली। पीछे- पीछे
लेखपाल भी दौड लिए। मौके पर मौजूद लोगों के अनुसार, इंस्पेक्टर सिटी
मजिस्ट्रेट कार्यालय में घुस गए। इसके बाद ही लेखपाल रुके और धरनास्थल पर
लौट आए। इस समय सिटी मजिस्ट्रेट विजय कुमार भी अपने कार्यालय में मौजूद
थे। सिटी मजिस्ट्रेट विजय कुमार ने बताया कि उन्होंने मामले को शांत करा
दिया। एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी ने घटना से अनभिज्ञता जताई। इस मामले में
लेखपाल संघ के जिलाध्यक्ष वीरेंद्र चौधरी ने कहा कि एलआइयू इंस्पेक्टर ने
बातचीत के दौरान धक्का- मुक्की कर दी थी। इसी बीच लेखपाल संघ ने आशंका
जाहिर की है कि पुलिस और जवाहरबाग में कब्जा करके बैठे लोगों के साथ मिलकर
हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों के साथ कोई भी वारदात की जा सकती है। इसी बीच
हड़ताली लेखपाल संघ ने धरने में कहा कि जवाहरबाग खाली होने के बाद ही वट
वृक्ष के नीचे से वह हटेंगे। Read more http://inextlive.jagran.com/agra/
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