Tuesday, April 5, 2016

47 पुलिसकर्मियों को उम्रकैद

पीलीभीत में 11 सिख युवकों को फर्जी एनकाउंटर में मार डालने के मामले में स्पेशल जज (सीबीआई) लल्लू सिंह ने सोमवार को 47 पुलिसकर्मियों को आजीवन कारावास व अर्थदंड की सजा सुनाई। कोर्ट ने सभी 11 मृतकों के परिजनों को 14- 14 लाख रुपये मुआवजा दिये जाने का भी आदेश दिया।

तीन श्रेणियों में सजा सुनाई

कोर्ट ने अभियुक्तों को तीन अलग- अलग श्रेणी में सजा सुनाई। आरोपी स्टेशन इंचार्ज/इंस्पेक्टर पद के ऑफिसर्स को हत्या के जुर्म में आजीवन कारावास व सात लाख रुपये जुर्माना, हत्या के लिये अपहरण के जुर्म में 10 साल के कठोर कारावास और तीन लाख रुपये अर्थदंड और अपहरण के जुर्म में पांच साल के कठोर कारावास व एक लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। सब इंस्पेक्टर पद के अभियुक्तों को हत्या के लिये आजीवन कारावास व पांच लाख रुपये जुर्माना, हत्या के लिये अपहरण के जुर्म में 10 वर्ष के कठोर कारावास व दो लाख रुपये जुर्माना और अपहरण के जुर्म में पांच साल के कठोर कारावास व एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई। कॉन्सटेबल पद के अभियुक्तों को हत्या के लिये आजीवन कारावास और दो लाख रुपये जुर्माना, हत्या के लिये अपहरण के अभियोग में 10 साल के कठोर कारावास और पचास हजार रुपये अर्थदंड और अपहरण के जुर्म में पांच साल क कठोर कारावास व 25 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। अदालत ने कहा कि अर्थदंड की कुल धनराशि से 11 पीडि़त परिवारों को 14- 14 लाख रुपये आर्थिक मदद दी जाएगी।

कोर्ट परिसर में अभियुक्तों का हंगामा

अदालत ने 47 आरोपी पुलिसकर्मियों को सजा सुना दी, लेकिन नौ आरोपी पुलिसकर्मी सोमवार को भी अदालत में हाजिर नहीं थे। सजा सुनाए जाने के बाद दोषी पुलिसकर्मियों, उनके परिवारीजन व समर्थकों ने पुलिस की मौजूदगी में जमकर नारेबाजी व हंगामा किया। सजा सुनाए जाने के कुछ देर बाद अफवाह फैला दी गई कि कोर्ट का निर्णय बाद में आया है जबकि टीवी चैनलों पर इसकी खबर पहले चलने लगी। अदालत पर पक्षपात करने का आरोप लगाते हुए निर्णय की कॉपी दोषी पुलिसकर्मियों व उनके परिवारीजन ने तुरंत देने की मांग की। जेल से आए दोषी पुलिसकर्मियों व सोमवार को न्यायालय में हाजिर हुए पुलिसकर्मियों ने सजा वारंट पर हस्ताक्षर करने से मना कर हंगामा शुरू कर दिया। हंगामा बढ़ने पर पुलिस के उच्च अधिकारियों को इसकी सूचना दी गई। इस पर इंस्पेक्टर वजीरगंज पुलिस बल के साथ कोर्ट परिसर पहुंचे और स्थिति को संभाला। एहतियात के तौर पर पीएसी बल को बुला लिया गया।

कोर्ट ने सभी 47 आरोपियों को दोषी माना और उन्हें आजीवन कारावास व जुर्माने की सजा सुनाई। इस निर्णय से पीडि़त परिवारों को इंसाफ मिला है। मैं कोर्ट को धन्यवाद देता हूं।

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