कभी बाढ़ तो कभी आग, हर साल गोरखपुर में कहर बन कर टूटती है. लाखों-करोड़ों का नुकसान होता है तो कभी-कभी जान भी चली जाती है. ऐसी आपदा से निपटने के लिए शासन के आदेश पर लाखों रुपए के इक्विपमेंट्स आपदा विभाग में आए थे. जिन्हें सभी तहसील और पुलिस को देने थे. जिससे जरूरत पड़ने पर वे इसका इस्तेमाल कर लोगों की सेफ्टी कर सकें. इन इक्विपमेंट्स को आए करीब एक साल से अधिक का समय बीत चुका है, मगर ये अब तक न तो पुलिस के पास पहुंचे और न ही तहसील में. ये इक्विपमेंट्स अब कहां हैं इसके बारे में किसी को नहीं मालूम. बल्कि इन इक्विपमेंट्स के बारे में अधिकांश अधिकारी तक को जानकारी नहीं है.
कहां है इक्वूपमेंट
गोरखपुर में बाढ़ आना आम प्रॉब्लम है. बाढ़ से निपटने के लिए शासन से करीब क्0 लाख रुपए का बजट आया था. जिससे आपदा विभाग ने लाइफ जैकेट, समेत आपदा से जुड़े इक्वूपमेंट की खरीदारी की. शासन के आदेश के मुताबिक इन इक्विपमेंट्स को जिले की सभी तहसील में भेजना था. मगर अब तक इक्विपमेंट्स नहीं भेजे गए. एसडीएम सहजनवां ने बताया कि तहसील में करीब पांच साल पुराने इक्विपमेंट्स रखे है. पिछले डेढ़ साल में कोई इक्विपमेंट्स नहीं मिले हैं. कुछ ऐसा ही हाल पुलिस का भी है. फिर आखिर ये लाखों रुपए के इक्विपमेंट्स कहां गए. इस बारे में जब आपदा विभाग से जानकारी लेने की कोशिश की गई तो कोई कुछ नहीं बता पाया. वहीं संबंधित अधिकारी भी इससे अनजान दिखे.
वर्जन-
यह मामला संज्ञान में नहीं है. फिर भी मामले की जानकारी लेकर जांच कराई जाएगी. अगर कोई दोषी मिलता है तो उसके खिलाफ सक्त कार्रवाई की जाएगी.
दिनेश चंद्र सिंह, एडीएम एफआर
इन इक्वूपमेंट की हुई थी खरीदारी
-लाइफ जैकेट
-तारपोली शीट
-रस्सा
-लाइफ ब्वॉय रिंग
-टार्च
-सर्च लाइट
-रेनकोट
-वालंटियर जैकेट
कहां है इक्वूपमेंट
गोरखपुर में बाढ़ आना आम प्रॉब्लम है. बाढ़ से निपटने के लिए शासन से करीब क्0 लाख रुपए का बजट आया था. जिससे आपदा विभाग ने लाइफ जैकेट, समेत आपदा से जुड़े इक्वूपमेंट की खरीदारी की. शासन के आदेश के मुताबिक इन इक्विपमेंट्स को जिले की सभी तहसील में भेजना था. मगर अब तक इक्विपमेंट्स नहीं भेजे गए. एसडीएम सहजनवां ने बताया कि तहसील में करीब पांच साल पुराने इक्विपमेंट्स रखे है. पिछले डेढ़ साल में कोई इक्विपमेंट्स नहीं मिले हैं. कुछ ऐसा ही हाल पुलिस का भी है. फिर आखिर ये लाखों रुपए के इक्विपमेंट्स कहां गए. इस बारे में जब आपदा विभाग से जानकारी लेने की कोशिश की गई तो कोई कुछ नहीं बता पाया. वहीं संबंधित अधिकारी भी इससे अनजान दिखे.
वर्जन-
यह मामला संज्ञान में नहीं है. फिर भी मामले की जानकारी लेकर जांच कराई जाएगी. अगर कोई दोषी मिलता है तो उसके खिलाफ सक्त कार्रवाई की जाएगी.
दिनेश चंद्र सिंह, एडीएम एफआर
इन इक्वूपमेंट की हुई थी खरीदारी
-लाइफ जैकेट
-तारपोली शीट
-रस्सा
-लाइफ ब्वॉय रिंग
-टार्च
-सर्च लाइट
-रेनकोट
-वालंटियर जैकेट
Source: Gorakhpur City News and Gorakhpur Newspaper
View: Online Hindi Newspaper and City News Today
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