Wednesday, September 3, 2014

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जब मुसीबत ने दरवाजे पर दस्तक दी तब विभागों की नींद खुली. वरना लंबे समय से लोग गंदगी और सड़ांध में जीने को मजबूर थे. कोई उनकी सुध लेने वाला नहीं था. बुखार से पीडि़त राजापुर नेवादा बस्ती के लोगों का यही कहना था. संक्रामक रोग का खुलासा होने के बाद स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की टीमों ने इलाके का दौरा किया. साफ-सफाई के साथ दवाएं बांटी गई. लेकिन, स्थानीय निवासी इससे संतुष्ट नहीं थे. उन्होंने कहा कि शुरुआत से ही व्यवस्थाएं चाक-चौबंद रहती तो यह दिन न देखना पड़ता.

नगर निगम ने उठवाया कूड़ा, चूने का छिड़काव

राजापुर नेवादा बस्ती में गंदगी के चलते दर्जनों लोग बीमारी से ग्रस्त हैं. इनमें से कइयों का इलाज निजी हॉस्पिटल्स में चल रहा है. मामले का खुलासा होने के बाद मंगलवार को नगर निगम की टीम ने इलाके में साफ-सफाई अभियान चलाया. कूड़ा उठवाने के साथ नालियों की सफाई व चूने का छिड़काव किया गया. निगम की छह सदस्यों की टीम दिनभर मौके पर मौजूद रही. वहीं स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने बीमारों के घरों में दवाएं बांटकर पानी का सैंपल जांच के लिए भेजा है. मलेरिया विभाग ने एंटी लार्वा स्प्रे कराया.

आधा दर्जन से अधिक नए मरीज सामने आए

एक ओर राहत व बचाव कार्य जारी है तो दूसरी ओर इलाके में आधा दर्जन से अधिक नए बुखार के मरीज सामने आए हैं. इनमें वंदना, अमित, सन्नो, जुबैदा, जुबैर निशा, आशिया का नाम शामिल है. मलेरिया विभाग की ओर से मरीजों की स्लाइड बुधवार को बनवाई जाएगी. जिन्हें मलेरिया जांच के लिए लैब भेजा जाएगा. स्थानीय लोगों ने नगर निगम से इलाके में फागिंग कराए जाने की भी मांग की है.

डेंगू की जांच के लिए भेजे गए सैंपल

स्वास्थ्य विभाग ने तेलियानी हॉस्पिटल में भर्ती राजापुर के दो मरीजों का ब्लड सैंपल डेंगू जांच के लिए एमएलएन मेडिकल कॉलेज की माइक्रोबायोलॉजी लैब भेजा है. इनकी जांच रिपोर्ट आने के बाद ही जानलेवा बीमारी की पुष्टि की जा सकेगी. सीएमओ डॉ. पदमाकर सिंह ने बताया कि निजी हॉस्पिटल की डेंगू जांच मान्य नहीं होगी. इसके लिए एलाइजा टेस्ट जरूरी है जो केवल मेडिकल कॉलेज लैब में ही संभव है. उन्होंने कहा कि बुखार से पीडि़त मरीजों की पूरी निगरानी की जा रही है. 

 
 

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