Friday, January 31, 2014

Youth festival 2014 in sn sen pg college- Latest Photos

एसएन सेन पीजी कॉलेज में यूथ फेस्टिवल 2014 का आयोजन किया गया. जिसमें कॉलेज की स्‍टूडेंटस ने रैम्‍प पर चलकर फैशन के जलवे बिखेर दिए. -

Reasons For The Failure Vijay Bahuguna In Uttrakhand


भारत के उत्तराखंड राज्य के इतिहास में विजय बहुगुणा का नाम हमेशा दर्ज रहेगा.
इसलिए नहीं कि उनके दो वर्ष से भी कम के मुख्यमंत्री पद के कार्यकाल में राज्य ने कुछ ख़ास कर दिखाया हो, बल्कि इसलिए क्योंकि उनकी इस पारी के दौरान ही राज्य को अब तक की सबसे भीषण प्राकृतिक आपदा का सामना करना पड़ा.

पहले बात विजय बहुगुणा की, जिन्हे कांग्रेस आलाकमान ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा देने को कहा और अब नए  मुख्यमंत्री के लिए प्रदेश के कुछ दिग्गज नेताओं का नाम ज़ोर पकड़ रहा है.

विजय बहुगुणा के पिता हेमवती नंदन बहुगुणा, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे थे और उनकी बहन रीता बहुगुणा उसी प्रदेश की कांग्रेस प्रमुख रह चुकी हैं.

खुद विजय बहुगुणा का राजनीतिक इतिहास बहुत लंबा नहीं है. पेशे से वकील और बाद में जज रहे बहुगुणा का राजनीतिक सफ़र एकाएक शुरू हुआ और अब उसी रफ़्तार से ढलान पर जाता नज़र आ रहा है.

जानकारों का तो यहाँ तक कहना है कि उनका मुख्यमंत्री बनना भी कांग्रेस आलाकमान ने तय किया था और उस पद से हटाना भी.

जब साल 2012 के चुनावों में कांग्रेस ने प्रदेश में बेहतर प्रदर्शन किया था तब इस पद की दौड़ में मौजूदा केंद्रीय मंत्री हरीश रावत का नाम सबसे आगे बताया जा रहा था. जबकि विजय बहुगुणा मुख्यमंत्री बनने से पहले सिर्फ एक बार लोक सभा सदस्य ही रहे थे.

आपदा

लेकिन मुख्यमंत्री बनते ही जैसे विजय बहुगुणा पर प्रशासनिक पहाड़ टूट पड़ा था. उन्हें कार्यभार सँभाले अभी चंद महीने ही हुए थे कि उत्तराखंड में आई भीषण बाढ़ और बादल फटने से केदारनाथ घाटी में कोहराम मच गया.

भारत ही नहीं दुनिया भर की निगाहें इस खूबसूरत प्रदेश पर आकर टिक गईं.

हज़ारों तीर्थयात्री मारे गए, सैंकड़ों लापता रहे और प्रदेश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई. लेकिन इस सब के बीच बार-बार सवाल उठते रहे  उत्तराखंड सरकार पर भी जिसके मुखिया विजय बहुगुणा थे.

सवाल उठते रहे केदारनाथ तीर्थ स्थल और घाटी में मौजूद राहत और बचाव व्यवस्था पर.

16 जून को हुए इस हादसे के दो दिन के भीतर मैं खुद प्रदेश में पहुँच चुका था लेकिन किसी भी सरकारी महकमे से कोई ठोस जानकारी जुटाना शायद बिखर चुकी केदार घाटी में पहुँचने से भी ज्यादा मुश्किल था.

विरोधाभास

दो बार तो ऐसा भी हुआ कि प्रदेश के आपदा प्रबंधन विभाग ने लापता लोगों पर जो आंकड़े जारी किए, मुख्यमंत्री ने उससे ज़यादा आंकड़े एक मीडिया वार्ता में दे डाले.

खुद कांग्रेस पार्टी के भीतर लोग मुख्यमंत्री की तुलना में ज़्यादा चिंतित नज़र आने लगे और ये चिंता सार्वजनिक होने लगी, तब कहीं जाकर प्रदेश सरकार ने अपनी कमर कसी.

लेकिन इस पूरे घटनाक्रम के बीच अभूतपूर्व नुकसान हुआ विजय बहुगुणा की प्रशासनिक छवि का.

उनके अपने विधायक कई दफ़े कथित रूप से उनके बारे में विपरीत राय कांग्रेस आलाकमान तक पहले ही पहुंचा चुके थे.

शायद आगामी लोक सभा चुनावों के पहले प्रदेश में बेहतर प्रदर्शन की आस में ही कांग्रेस आलाकमान ने विजय बहुगुणा का छोटा कार्यकाल और छोटा कर दिया.

Source: Hindi News

Thursday, January 30, 2014

Market drops for fifth day in a row Capital Market

 Volatility ruled the roost during the last one hour of trade as the key benchmark indices trimmed losses soon after extending intraday losses. The barometer index, the S&P BSE Sensex, and the 50-unit CNX Nifty settled at their lowest closing levels in over nine weeks. The high volatility was triggered by traders rolling over of positions in the futures & options (F&O) segment from the near month January 2014 series to February 2014 series. The January 2014 F&O contracts expired today, 30 January 2014. The market breadth, indicating the overall health of the market, was weak. The Sensex was down 149.05 points or 0.72%, up 154.47 points from the day's low and off 30.16 points from the day's high. The market sentiment was hit adversely by the US Federal Reserve's decision of a further reduction in its monthly bond purchases and Fed's indication that it is likely to keep reducing its purchases in the coming months, citing a pickup in US economic activity and improvement in the US labor market. The BSE Small-Cap and Mid-Cap indices dropped more than 1% each.

Indian stocks fell for the fifth day in a row today, 30 January 2014. From a recent high of 21,373.66 on 23 January 2014, the Sensex has declined 875.41 points or 4.09% in five trading sessions. The Sensex has lost 672.43 points or 3.17% in this month so far (till 30 January 2014). From a record high of 21,483.74 on 9 December 2013, the Sensex has declined 985.49 points or 4.58%. From a 52-week low of 17,448.71 on 28 August 2013, the Sensex has risen 3,049.54 points or 17.47%.

Coming back to today's trade, index heavyweight and cigarette major ITC recouped entire losses in late trade. Index heavyweight Reliance Industries fell in volatile trade. Crompton Greaves jumped after the company reported turnaround Q3 earnings after market hours on Wednesday, 29 January 2014. Realty stocks dropped.

Key benchmark indices edged lower in early trade on weak Asian stocks. Key benchmark indices extended initial losses and to hit fresh intraday low in morning trade. The Sensex and the 50-unit CNX Nifty, both, hit their lowest level in more than nine weeks. Key benchmark indices extended losses and hit fresh intraday low in mid-morning trade. Key benchmark indices trimmed losses in early afternoon trade after the Finance Ministry said in a statement that India's economy is better prepared for the consequences, if any, of reduction in bond purchases by the US Federal Reserve and that the Government of India and the Reserve Bank of India will continue to remain vigilant and will take whatever steps are necessary to ensure that there is stability in the financial markets. Weakness continued on the bourses in afternoon trade Key benchmark indices extended losses and hit fresh intraday low in mid-afternoon trade. Volatility ruled the roost during the last one hour of trade as the key benchmark indices trimmed losses soon after extending intraday losses. The barometer index, the S&P BSE Sensex, trimmed losses after hitting its lowest level in more than nine weeks and the 50-unit CNX Nifty hit trimmed losses after hitting its lowest level in almost 10 weeks.

After a monetary policy review, the Federal Open Market Committee (FOMC) on Wednesday, 29 January 2014, announced it will reduce monthly bond purchases by another $10 billion to $65 billion. The Fed also signaled that it is likely to keep reducing its purchases in the coming months, citing a pickup in economic activity and improvement in the labor market. In emerging markets, the reduction in bond purchases by the Fed has triggered worries of slowdown in capital inflows and fears of capital outflows. Fed's bond-buying program has been a source of liquidity for most Asian and emerging markets in recent years.

Investors pulled out more than $7 billion from exchange-traded funds (ETFs) investing in developing-nation assets this month, according to reports.

The South Africa Reserve Bank unexpectedly raised the repurchase rate to 5.5% from 5% on Wednesday, 29 January 2014, following Turkey's decision early this week to more than double its benchmark rate amid a rout in its currency.

The S&P BSE Sensex was down 149.05 points or 0.72% to 20,498.25, its lowest closing level since 27 November 2013. The index lost 303.52 points at the day's low of 20,343.78 in late trade, its lowest level since 25 November 2013. The index fell 118.89 points at the day's high of 20,528.41 in late trade.  Read more..

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From BS News

You Will Be Getting 12 Gas Cylinders In Place Of 9 Now

केंद्र सरकार ने हर घर के लिए सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडरों का कोटा नौ से बढ़ाकर 12 कर दिया है.
इसके साथ ही मंत्रिमंडल ने गैस पर दी जाने वाली सब्सिडी को आधार के ज़रिए बैंक में ट्रांसफर करने की योजना को फिलहाल रोक लगा दी है.

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने पिछले दिनों कांग्रेस पार्टी के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा था कि सिलेंडरों की संख्या नौ से बढ़ाकर 12 की जानी चाहिए.

राजनीतिक मामलों की कैबिनेट कमिटी की बैठक में यह फैसला हुआ, जिसके तहत फरवरी महीने से हर घर को हर महीने एक सिलेंडर मिल सकेगा.

केंद्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली ने इस बाबात जानकारी देते हुए कहा कि सब्सिडी पर दिए जाने वाले इन सिलेंडरों की संख्या बढ़ाने से केंद्र पर पांच हज़ार करोड़ रुपए का भार बढ़ेगा.

रोक
मोइली ने ये भी बताया कि एलपीजी यानी रसोई गैस पर दी जाने वाली सब्सिडी को आधार कार्ड के ज़रिए बैंक में ट्रांसफर करने की योजना को फिलहाल रोक दिया गया है.

रसोई गैस पर सब्सिडी, इसकी संख्या और सब्सिडी को आधार कार्ड से जोड़ने का मुद्दा बेहद संवेदनशील रहा है.

सरकार ने कुछ समय पहले हर घर के लिए सब्सिडी पर दिए जाने वाले सिलेंडरों की संख्या एक वर्ष में छह तय की थी जिसका पुरज़ोर विरोध हुआ था. विरोध के बाद सरकार ने यह संख्या बढ़ा कर नौ की थी.

हालांकि कई लोग नौ सिलेंडरों के कोटे का भी विरोध कर रहे थे और हर तरफ से इस संख्या को बढ़ाने का दबाव था.

हालांकि राहुल गांधी ने जब इस बाबत मांग उठाई तो तय लग रहा था कि कुछ दिनों में गैस सिलेंडरों की संख्या प्रति वर्ष 12 कर दी जाएगी.

जानकारों का मानना है कि सरकार का ये कदम आने वाले चुनावों के मद्देनज़र लिया गया है.

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Dishkiyaoon Movie Trailer - Movie Review in Hindi News

Kareena Have No Interest In Being A Mother

प्रेग्नेंसी की ख़बरों पर करीना कपूर का जवाब, शूट के बाद कहां ग़ायब हो गए हैं आमिर ख़ान. जानिए सितारों की दुनिया से ख़बरें मुंबई डायरी में.
पिछले कुछ दिनों में मीडिया से करीना कपूर की दूरी ने एक शक़ को जन्म दिया. ऐसी अटकलें लगने लगी कि शायद करीना प्रेग्नेंट है. साड़ी में लिपटी करीना कपूर की कुछ तस्वीरों से इस बात को और भी हवा मिलती दिखाई दी. पर करीना ने इन बातों को नकारा कर स्थिति साफ़ की है. करीना कहती हैं कि वो अगले पांच साल तक माँ नहीं बनने का इरादा नहीं रखतीं और इस मसले पर उनके पति सैफ़ अली ख़ान पूरी तरह से उनके फ़ैसले के हक़ में हैं.

दरअसल ये बातें तब उठने लगीं जब करीना इस साल किसी भी अवार्ड समारोह में परफॉर्म करती नहीं दिखी. फिर क्या था मीडिया में करीना कपूर के गर्भवती होने की सुगबुगाहट होने लगी. करीना ने इस बात को भी साफ़ कर दिया है की वो एक अवार्ड में तभी परफॉर्म करती है जब उन्हें उसके लिए पैसे दिए जाये. साल 2014 में करीना 'सिंघम 2' की शूटिंग करेंगी जिसकी तैयारी के लिए वो अपने आपको पहले से ज्यादा फिट बनायेंगी.

कल्कि की चुप्पी
Kalki Kochlin
पति अनुराग कश्यप के साथ मतभेदों की ख़बर पर अभिनेत्री कल्कि कोचलिन चुप्पी साधे हुए हैं. मुंबई में एक फ़ैशन पत्रिका के लॉन्च पर पहुंची कल्कि से जब मीडिया ने जानना चाहा कि अनुराग कश्यप के साथ उनके रिश्ते किस तरह के हैं तो कल्कि ने कहा, "मुझे आपका सवाल सुनाई ही नहीं पड़ा."

जब दोबारा उनसे सवाल किया गया तो उन्होंने फिर से उसे अनसुना करते हुए दूसरी तरफ़ मुंह कर लिया. वैसे इसी सप्ताह कल्कि का एक प्ले देखने के लिए अनुराग पहुंचे थे. लेकिन मीडिया में लगातार दोनों के संबंध सामान्य ना होने की ख़बरें आती रहीं हैं, जिसके पीछे अभिनेत्री हुमा क़ुरैशी और अनुराग कश्यप की नज़दीकियों को वजह बताया जा रहा है. हालांकि कल्कि ने मतभेद के लिए हुमा को ज़िम्मेदार मानने से साफ़ इनकार कर दिया.

आमिर फिर हुए ग़ायब
Aamir Khan
'सत्यमेव जयते' के दूसरे संस्करण को शूट करने के बाद आमिर ख़ान पर इसका इतना ज़्यादा असर हुआ कि वो किसी अनजान जगह पर छुट्टी मानाने निकल गए हैं.

ख़बरों के मुताबिक इस सीज़न में भी आमिर को कई दिल छूने वाली कहानियां और घटनाएं सुनने को मिली और आमिर अपने आपको इमोशनल होने से रोक नहीं पाए. शूट निपटने के बाद आमिर 10 दिनों के लिए विदेश गए हैं. सुनने में आया है कि आमिर शायद आइसलैंड गए हैं ताकि कार्यक्रम के दौरान मिले भावुक पलों से दूर कुछ समय बिता कर तरोताज़ा महसूस कर सकें.



Chain Snatching From A Teacher In The Market

नौबस्ता में बुधवार की शाम को बाइकर्स लुटेरों ने पशुपति नगर के विनोद अवस्थी से भ्0 हजार रुपए लूट लिया. वह घाटमपुर के एक स्कूल में इंग्लिश के टीचर है. उन्होंने मकान निर्माण के लिए ग्रामीण बैंक से भ्0 हजार रुपए निकाले थे. वह बस से उतरने के बाद पैदल घर जा रहे थे. तभी बाइकर्स लुटेरों ने उनको रोककर लूट लिया. उन्होंने शोर मचाया, लेकिन वे भाग निकलें. सूचना पर पुलिस ने मौके पर जाकर छानबीन की. एसओ का कहना है कि अभी मामले की जांच की जा रही है.

Dangerous Journey - Latest Photos

 



हादसे के जिम्‍मेदार वाहन लगातार कर रहे हैं नियमों की अनदेखी - 

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Ambulances for Kedarnath flood victims - Latest Videos

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30th January Mahatma Gandhis Death Anniversary

शुक्रवार 30 जनवरी 1948 की शुरुआत एक आम दिन की तरह हुई.
हमेशा की तरह महात्मा गांधी सुबह तड़के साढ़े तीन बजे उठे. प्रार्थना की, दो घंटे अपनी डेस्क पर कांग्रेस की नई ज़िम्मेदारियों के मसौदे पर काम किया और इससे पहले कि दूसरे लोग उठ पाते, छह बजे फिर सोने चले गए.

काम करने के दौरान वह आभा और मनु का तैयार किया हुआ नीबू और शहद का गरम पेय और मौसम्मी जूस पीते रहे.

वो दोबारा सो कर आठ बजे उठे.

दिन के अख़बारों पर नज़र दौड़ाई और फिर ब्रजकृष्ण ने तेल से उनकी मालिश की. नहाने के बाद उन्होंने बकरी का दूध, उबली सब्ज़ियाँ, टमाटर, मूली खाई और संतरे का रस पिया. (दुर्गा दास फ़्रॉम कर्ज़न टू नेहरू एंड ऑफ़्टर)

शहर के दूसरे कोने में पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर नाथूराम गोडसे, नारायण आप्टे और विष्णु करकरे अभी भी गहरी नींद में थे.

डरबन के उनके पुराने साथी रुस्तम सोराबजी सपरिवार गांधीजी से मिलने आए. इसके बाद रोज की तरह वो दिल्ली के मुस्लिम नेताओं से मिले.

उनसे बोले, "मैं आप लोगों की सहमति के बगैर वर्धा नहीं जा सकता."

सुधीर घोष और गांधी जी के सचिव प्यारेलाल ने नेहरू और पटेल के बीच मतभेदों पर लंदन टाइम्स में छपी एक टिप्पणी पर उनकी राय माँगी.

इस पर गांधी ने कहा कि वह यह मामला पटेल के सामने उठाएंगे जो चार बजे उनसे मिलने आ रहे हैं और फिर वह नेहरू से भी बात करेंगे जिनसे शाम सात बजे उनकी मुलाकात तय थी.

मूंगफलियों की तलब

चार बजे वल्लभभाई पटेल अपनी पुत्री मनीबेन के साथ गांधी से मिलने पहुँचे और प्रार्थना के समय यानी शाम पाँच बजे के बाद तक उनसे मंत्रणा करते रहे.

लापिएरे और कोलिंस अपनी किताब फ़्रीडम एट मिडनाइट में लिखते हैं कि बिरला हाउस के लिए निकलने से पहले नाथू राम गोडसे ने कहा कि उनका मूंगफली खाने का जी चाह रहा है.

आप्टे उनके लिए मूंगफली ढ़ूढ़ने निकले लेकिन थोड़ी देर बाद आ कर बोले पूरी दिल्ली में कहीं भी मूंगफली नहीं मिल रही.

लेकिन गोडसे को सिर्फ़ मूंगफली ही चाहिए थी. आप्टे फिर बाहर निकले और इस बार वो मूंगफली का बड़ा लिफ़ाफ़ा ले कर वापस लौटे.

गोडसे मूंगफलियों पर टूट पड़े. तभी आप्टे ने कहा कि अब चलने का समय हो गया है. मनोहर मुलगांवकर ने अपनी किताब मेन हू किल्ड गांधी में लिखा है कि

सवा चार बजे उन चारों ने कनॉट प्लेस के लिए एक ताँगा किया. वहाँ से फिर उन्होंने दूसरा ताँगा किया और बिरला हाउस से दो सौ गज़ पहले उतर गए.

उधर पटेल के साथ बातचीत के दौरान गांधी चर्खा चलाते रहे और आभा का परोसा शाम का खाना बकरी का दूध, कच्ची गाजर, उबली सब्ज़ियाँ और तीन संतरे खाते रहे.

दस मिनट की देरी


आभा को मालूम था कि गांधी को प्रार्थना सभा में देरी से पहुँचना बिल्कुल पसंद नहीं. वह परेशान हुईं, पटेल हालांकि भारत के लौह पुरुष थे, उनकी हिम्मत नहीं हुई कि वह गांधी को याद दिला सकें कि उन्हें देर हो रही है.

बहरहाल उन्होंने गांधी की जेब घड़ी उठाई और धीरे से हिला कर गांधी को याद दिलाने की कोशिश की कि उन्हें देर हो रही है.

अंतत: मणिबेन ने हस्तक्षेप किया और गांधी जब प्रार्थना सभा में जाने के लिए उठे तो पाँच बज कर दस मिनट होने को आए थे.

गांधी ने तुरंत अपनी चप्पल पहनी और अपना बाँया हाथ मनु और दायाँ हाथ आभा के कंधे पर डाल कर सभा की ओर बढ़ निकले.

रास्ते में उन्होंने आभा से मज़ाक किया.

गाजरों का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा, "आज तुमने मुझे मवेशियों का खाना दिया."

आभा ने जवाब दिया,"लेकिन बा इसको घोड़े का खाना कहा करती थीं."

गांधी बोले, "मेरी दरियादिली देखिए कि मैं उसका आनंद उठा रहा हूँ जिसकी कोई परवाह नहीं करता."

तीन गोलियां और राम...राम


आभा हँसी लेकिन उलाहना देने से भी नहीं चूकीं,"आज आपकी घड़ी सोच रही होगी कि उसको नज़रअंदाज़ किया जा रहा है."

गांधी बोले, "मैं अपनी घड़ी की तरफ क्यों देखूँ."

फिर गांधी गंभीर हो गए, "तुम्हारी वजह से मुझे दस मिनटों की देरी हो गई है. नर्स का यह कर्तव्य होता है कि वह अपना काम करे चाहे वहाँ ईश्वर भी क्यों न मौजूद हो. प्रार्थना सभा में एक मिनट की देरी से भी मुझे चिढ़ है."

यह बात करते-करते गांधी प्रार्थना स्थल तक पहुँच चुके थे. दोनो बालिकाओं के कंधों से हाथ हटा कर गांधी ने लोगों के अभिवादन के जवाब में उन्हें जोड़ लिया.

बाँएं तरफ से नाथूराम गोडसे उनकी तरफ झुका और मनु को लगा कि वह गांधी के पैर छूने की कोशिश कर रहा है.

आभा ने चिढ़ कर कहा कि उन्हें पहले ही देर हो चुकी है. उनके रास्ते में व्यवधान न उत्पन्न किया जाए. लेकिन गोडसे ने मनु को धक्का दिया और उनके हाथ से माला और पुस्तक नीचे गिर गई.

वह उन्हें उठाने के लिए नीचे झुकीं तभी गोडसे ने पिस्टल निकाल ली और एक के बाद एक तीन गोलियाँ गांधी जी के सीने और पेट में उतार दीं.

उनके मुँह से निकला, "राम.....रा.....म." और उनका जीवनविहीन शरीर नीचे की तरफ गिरने लगा.

सन्नाटे में स्तब्ध भीड़

महात्मा गांधी को प्रार्थना सभा में देरी नहीं पसंद थी.

आभा ने गिरते हुए गांधी के सिर को अपने हाथों का सहारा दिया.

गोपाल गोडसे ने अपनी किताब गांधीज़ असैसिनेशन एंड मी में लिखा है कि बाद में नाथूराम गोडसे ने उनको बताया कि दो लड़कियों को गांधी के सामने पा कर वह थोड़ा परेशान हुए थे.

उन्होंने बताया था, "फ़ायर करने के बाद मैंने कस कर पिस्टल को पकड़े हुए अपने हाथ को ऊपर उठाए रखा और पुलिस.... पुलिस चिल्लाने लगा. मैं चाहता था कि कोई यह देखे कि यह योजना बना कर और जान बूझ कर किया गया काम था. मैंने आवेश में आकर ऐसा नहीं किया था. मैं यह भी नहीं चाहता था कि कोई कहे कि मैंने घटना स्थल से भागने या पिस्टल फेंकने की कोशिश की थी. लेकिन यकायक सब चीजे जैसे रुक सी गईं, और कम से कम एक मिनट तक कोई इंसान मेरे पास तक नहीं फटका."

गांधी की हत्या के कुछ मिनटों के भीतर लॉर्ड माउंटबेटन वहाँ पहुँच गए.

तनाव इतना था कि एक भी ग़ैर-ज़रूरी शब्द निकला नहीं कि अफ़वाह जंगल में आग की तरह फैल जाती.

माउंटबेटन को देखते ही एक व्यक्ति चिल्लाया, "गांधी को एक मुसलमान ने मारा है." उस समय तक माउंटबेटन को हत्यारे का नाम और धर्म के बारे में पता नहीं चल पाया था. लेकिन इसके बावजूद उन्होंने तमक कर जवाब दिया, "यू फ़ूल, डोन्ट यू नो इट वाज़ ए हिंदू."

जीवन की रोशनी


महात्मा गांधी की शव यात्रा में उमड़ा जन सैलाब

माउंटबेटन के साथ चल रहे उनके प्रेस अटैची कैंपबेल जॉनसन ने उनसे पूछा, ‘आपको कैसे मालूम कि ये काम हिंदू ने किया है.’ माउंटबेटन का उत्तर था, ’मुझे वास्तव में नहीं मालूम’. राजमोहन गांधी अपनी किताब मोहन दास में लिखते हैं कि बिरला हाउस के उस कमरे में जहाँ गांधी का शव रखा हुआ था नेहरू ज़मीन पर बैठे हुए थे. उनकी आँखों से ज़ारोंकतार आँसू निकल रहे थे. उनसे कुछ फ़िट की दूरी पर सरदार पटेल भी बैठे हुए थे बिल्कुल पत्थर के बुद्ध की मुद्रा में.

उनकी आँखे उस शख़्स पर गड़ी हुई थीं जिससे एक घंटे पहले वो बातें कर रहे थे. अचानक नेहरू उठे. उनके साथ सरदार पटेल भी उठे. दोनों ने एक दूसरे को अपनी बाहों में भर लिया.

उसी शाम नेहरू ने रेडियो पर देश को संबोधित किया, ’द लाइट हैज़ गॉन आउट ऑफ़ अवर लाइव्स..’

अगले दिन 31 जनवरी को महात्मा गांधी को अंतिम विदाई देने के लिए लाखों लोगों का सैलाब राजघाट पर उमड़ पड़ा था. जैसे ही गांधी की चिता को आग दी जा रही थी मनु ने अपने चेहरे को सरदार पटेल की गोद में रख कर फूट-फूट कर रोना शुरू कर दिया. कुछ क्षणों बाद जब उन्होंने अपनी निगाहे ऊपर उठाई तो उन्हें महसूस हुआ जैसे पटेल अचानक दस साल और बूढ़े दिखने लगे हों.

Source:  Hindi News

Wednesday, January 29, 2014

Sale Of Cng Vehicles Effected Due To Increase In Cng Cost

50 फीसदी कम हो गए रजिस्ट्रेशन, पेट्रोल व डीजल वाहनों की ओर लौटे लोग

बीते दशक में पेट्रोल व डीजल के दामों में हुई भारी वृद्धि से लोगों का रुझान तेजी से सीएनजी वाहनों की ओर हो गया था. सीनजी वेहिकल्स की बिक्री में जबरदस्त इजाफा हुआ था. लेकिन पिछले महीने सीनजी के रेट में रिकॉर्ड वृद्धि ने अचानक ट्रेंड ने यू टर्न ले लिया है. सीएनजी वाहनों की खरीद में 50 प्रतिशत तक की कमी आई है. लोग फिर से पेट्रोल व डीजल वाहनों को खरीदना पसंद कर रहे हैं. 

एक साथ 14 रुपए बढ़ा दिए

दिसंबर 2013 में सीएनजी के रेट में 14 रुपये की बढ़ोतरी हुई थी. सीएनजी के 68 रुपये प्रति किलो के हिसाब से मिल रही है. ज्यादातर लोग सीएनजी के रेट कम होने की वजह से ही इसका इस्तेमाल करते थे. अब तो सीएनजी गैस डीजल से भी ज्यादा महंगी हो गई है. इसका सीधा असर सीएनजी वेहिकल्स की सेल पर पड़ा है.

नौ महीने में 24 रुपए
मंथ (2013) रेट
अप्रैल 44
जुलाई 46
अगस्त 47
सितंबर 48
अक्टूबर 49
नवबंर 54
दिसंबर 68
(रेट रुपये प्रति किलो में है) 

रजिस्ट्रेश्ान का हाल
मंथ(2013) रजिस्ट्रेशन
अप्रैल 225
मई 236
जून 219
जुलाई 248
अगस्त 204
सितंबर 228
अक्टूबर 242
नवंबर 238
दिसंबर 124
(रेट बढ़ने से अब तक)
इसलिए बदल गया रुझान
कुछ ऐसे खास वीक प्वाइंट्स हैं सीएनजी वाहनों में जिसकी वजह से लोग इन्हें खरीदने से पीछे हट रहे हैं. रेट कम होने पर लोग इन प्वाइंट्स को एवॉयड करते थे.
- सीएनजी कारों में किट लगने से लगेज स्पेस काफी कम हो जाता है
- सीएनजी वाहनों में बर्निंग एक्सीडेंट्स का खतरा ज्यादा होता है
- सीएनजी वाहनों में इंजन जल्दी खराब होते हैं
- सीएनजी पंप काफी कम हैं. सिटी में सिर्फ 11 पंप हैं
- रूरल एरिया में सीएनजी पंप नहीं मिलते
- सीएनजी वाहनों का मेंटीनेंस एक्सपेंसिव होता है
- सीएनजी वाहनों के एक्सपर्ट कम मिलते हैं
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सीएनजी गैस के दाम बढ़ने से वाहनों की खरीद पर असर पड़ा है. रजिस्ट्रेशन में भी भारी गिरावट आई है. 50 प्रतिशत तक रजिस्ट्रेशन कम हुए हैं.
- एसके सिंह, एआरटीओ 

Main Tera Hero Movie Trailer

Main Tera Hero is an upcoming romantic film, directed by David Dhawan. The film stars Varun Dhawan, Ileana D'Cruz and Nargis Fakhri in leading roles. The movie is set to release on April 4, 2014.

Source: Movie Review in Hindi

Jai Ho Public Review

Bollywood's heartthrob Salman Khan is back with his yet another power packed action film Jai Ho which finally releases today. Watch the video to see the audience reactions on Jai Ho.


Why Congress Is Not Happy With Lata Mangeshkar

पैट्रियॉटिक सांग ऐ मेरे वतन के लोगों के 51 साल पूरे होने के ओकेजन पर इंडियन नाइटिंगेल लता मंगेशकर के स्टेटमेंट ने कांग्रेस पार्टी को गुस्सा दिला दिया है.
एक्‍च्‍युली इस मौके पर लता मंगेशकर को बीजेपी के पीएम कैंडीडेट और गुजरात के चीफ मिनिस्टर नरेंद्र मोदी ने ऑनर किया था. लता ने ऑनर एक्सेप्ट करने के बाद कहा, 'नरेंद्र मोदी मेरे भाई हैं और मैं उनके हाथों सम्मान पाकर खुश हूं.' लता मंगशेकर की यही बात कांग्रेस को नागवार गुजरी और पार्टी के स्पोक्स पर्सन अभिषेक मनु सिंघवी ने उन्हें एडवाइज दे डाली. सिंघवी ने कहा, 'लता कंट्री की आइकन है इसलिए उन्हें अपना पॉलिटिकल यूज नहीं होने देना चाहिए. उन्हें यह कंफर्म करना चाहिए कि कोई भी उनका मिसयूज न कर पाए.'

इससे पहले जब लता मंगेशकर ने कहा था कि वे मोदी को प्राइम मिनिस्टर बनते हुए देखना चाहती हैं तो महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रेसिडेंट जनार्दन चांदुरकर ने उनसे भारत रत्‍‌न वापस लेने तक की डिमांड कर दी थी.

I Am Not Feel Insecure When Abhay Romances Other Actresses

अभिनेत्री प्रीति देसाई का मानना है कि वह अपने मित्र अभय देओल को लेकर ज़रा भी 'इनसेक्योर' नहीं हैं. अभय के साथ पिछले चार साल से 'रिलेशनशिप' में चल रहीं प्रीति अब उनके साथ पहली बार बड़े पर्दे पर आने वाली हैं फ़िल्म 'वन बाय टू' में.
फ़िल्म और अभय के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, "अभय के दूसरी अभिनेत्रियों के साथ अंतरंग दृश्यों से मुझे ज़रा भी परेशानी नहीं होती. क्योंकि मैं भी ऐसे दृश्य दूसरे अभिनेता के साथ कर चुकी हूं."  प्रीति इससे पहले तुषार कपूर के साथ 'शोर इन द सिटी' फ़िल्म कर चुकी हैं जिसमें उनके कुछ बोल्ड दृश्य थे.

उन्होंने कहा, "मैं अभिनेत्री नहीं होती तो शायद मुझे अभय के दूसरी अभिनेत्रियों के नज़दीक जाने पर दिक़्क़त होती. लेकिन मुझे अब आदत पड़ गई है. मुझे किसी तरह की ईर्ष्या नहीं होती."Preeti Desai

'ग़ुस्सैल नहीं हैं अभय'
उन्होंने कहा कि अभय उनसे कहीं सीनियर हैं तो इस नाते वह उनसे सलाह ज़रूर लेती हैं लेकिन आख़िर फ़ैसला उनका ख़ुद का ही होता है. आम तौर पर बॉलीवुड में अभय देओल की छवि एक गुस्सैल आदमी की है. इस पर प्रीति ने कहा, "नहीं, वह गुस्सैल नहीं हैं. जो लोग उन्हें अच्छे से नहीं जानते वही उनके बारे में ऐसा कहते हैं. हां वह थोड़े रिज़र्व तबीयत के ज़रूर हैं."

अभय के साथ शादी के सवाल पर प्रीति ने कहा, "अभी तो मेरा करियर शुरू ही हुआ है. मैं बहुत ऊंचा उड़ना चाहती हूं. शादी एक फ़ुल टाइम कमिटमेंट है. मैं वो भी करूंगी लेकिन अभी नहीं. अभी सारा ध्यान करियर पर है."

संगीत बिरादरी के साथ अभय
'वन बाय टू' की निर्देशक देविका भगत हैं और फ़िल्म सात फ़रवरी को रिलीज़ हो रही है. फ़िल्म में प्रीति ने एक डांसर की भूमिका अदा की है. फ़िल्म के हीरो होने के अलावा अभय देओल इसके निर्माता भी हैं. फ़िल्म का संगीत शंकर अहसान और लॉय ने दिया है.

Preeti and Abhay Deol
हाल ही में संगीत की रॉयल्टी के मुद्दे पर अभय, गायकों और संगीतकारों के साथ खड़े नज़र आए. संगीत समुदाय का आरोप है कि म्यूज़िक कंपनियाँ फ़िल्म की रिलीज़ से पहले ही अपने मनमुताबिक़ अग्रिम रॉयल्टी लेने के लिए गायकों और संगीतकारों को बाध्य करती हैं और बाद में संगीत से आने वाली सारी रॉयल्टी ख़ुद रखती हैं. अभय ने इस मुद्दे पर कहा था कि संगीत कंपनियों का ये एकाधिकार ख़त्म होना चाहिए और संगीत बिरादरी को भी उसका हक़ मिलना चाहिए.

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Gorakhpur police show their power on Republic day parade -

On 65th Republic day many culutural activity and program were organized throughout the city. Students and youth take part in all activity. 









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Republic day celebration everywhere in city



 On 65th Republic day many culutural activity and program were organized throughout the city. Students and youth take part in all activity.

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Nirbhaya Is Responsible For Her Gangrape Says NCW Member Asha Mirje

दिल्ली में हुए निर्भया कांड और मुंबई के शक्ति मिल गैंग रेप के लिए महिला आयोग की सदस्या ने पीड़िताओं को ही ठहरा दिया जिम्मेदार.
पहनावा है जिम्मेदार
एक ओर देश में महिलाओं के साथ हो रहे दुष्कर्म और बलात्कार की घटनाओं को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं. वहीं, दूसरी ओर महाराष्ट्र महिला आयोग की सदस्या आशा मिर्जे ने महिलाओं के साथ लगातार हो रहे यौनशोषण के लिए उन्हें ही दोषी बता दिया है. आशा ने महिलाओं के पहनावे ही जिम्मेदार ठहराया दिया. आशा मिर्जे महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ कांग्रेस की सहयोगी पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की नेता भी हैं. मिर्जे ने नागपुर में हुई पार्टी की महिला कार्यकर्ताओं की बैठक में कहा कि महिलाओं का रहन-सहन और पहनावा बलात्कार की घटनाओं को बढ़ावा देता है.

सुनसान जगह जाने की जरुरत ही क्या थी

दिल्ली के चर्चित निर्भया गैंग रेप मामले में भी मिर्जे ने पीड़ित युवती को ही दोषी ठहराया. आशा ने निर्भया कांड के लिए निर्भया को ही दोषी ठहराते हुए कहा कि इतनी रात में वो अपने दोस्त के साथ फिल्म देखने गई क्यों थी? यही नहीं मिर्जे ने मुंबई के शक्ति मिल्स में महिला फोटो पत्रकार के साथ हुए गैंगरेप पर भी कमेंट करते हुए कहा कि पीड़ित महिला को इतनी सुनसान जगह जाने की क्या आवश्यकता थी.

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Prime Minister Manmohan Faces Faces Protest At Waqf Event

पीएम ना लागू करें कोई भी योजनाविज्ञान भवन में चल रहे वक्फ बोर्ड के एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पहुंचे जहां उनका एक शख्स ने विरोध करना शुरु कर दिया. जब पीएम सभी को संबोधित कर रहे थे. तभी एक शख्स ने हंगामा शुरू कर दिया. शख्स उनके भाषण का विरोध करने लगा. हंगामा करने वाले शख्स का नाम डॉ. फहीम बेग है. हंगामा करते हुए बेग ने कहा कि प्रधानमंत्री कोई भी नई योजना लागू नहीं करें. उनकी कोई भी योजना लोगों तक नहीं पहुंच रही है. वहीं हंगामा करने वाले व्यक्ति को पुलिस तुरंत ही कक्ष से बाहर लेकर चली गई.

सोनिया की चिंता

इससे पहले इसी कार्यक्रम में कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने भी कई घोषणाएं करने के लिए कहा. सोनिया ने अल्पसंख्यकों को मिलने वाली सुविधाओं से वंचित रहने पर चिंता जताते और घोषणाएं करने के लिए कहा. सोनिया ने अल्पसंख्यकों के विकास की राशि को बढ़ाकर 10 गुना करने की बात कही है. एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि सही लोगों तक फायदा नहीं पहुंच रहा है. हमारी मशीनरी को इस बात पर ध्यान देना होगा कि किसी भी छोटे से मुद्दे पर कहीं भी सांप्रदायिक समानता नहीं बिगड़ना चाहिए. इसके लिए जागरुक रहने की जरूरत है. स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को सही समय पर स्टाइपेंड्स मिलनी चाहिए। धर्म निरपेक्ष मुद्दों की रक्षा करना जरूरी है. देश के विकास के लिए हर वर्ग का विकास आवश्यक है.

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Tuesday, January 28, 2014

Salman Khan Jai Ho Witnessed A Big Jump On Sunday

सलमान खान की फिल्‍म जय हो को शानदार ओपनिंग ना मिलने का रिस्‍पांसबिल उनका नरेंद्र मोदी को अप्रीशिएट करना बताया जा रहा है पर खुद सलमान को लगता है कि इसके रिस्‍पांसिबिल वो हैं. वैसे संडे को फिल्‍म को बड़ा जंप मिला है.
सलमान खान की फिल्में फ्लॉप नहीं होतीं इसीलिए उनकी फिल्म 'जय हो' भी फ्लॉप तो नहीं कही जाएगी लेकिन वो वैसा कोई नया रिकॉर्ड सेट नहीं कर पायी जैसा कि उम्मीद की जा रही थी और इसकी वजह बताई जा रही है गुजरात के चीफ मिनिस्टर नरेंद्र मोदी से उनकी क्लोजनेस. कहा जा रहा है कि गुजरात के CM और बीजेपी के एस्पायरिंग PM नरेंद्र मोदी के साथ पतंग उड़ाना सलमान खान को नुकसान कर गया है और इसी वजह से उनकी लेटेस्ट रिलीज 'जय हो'को वैसी बंपर ओपनिंग नहीं मिली जैसी कि सलमान की फिल्मों से एक्सपेक्ट की जाती है. फिल्म ने फर्स्ट 2 डेज में महज 34 करोड़ रुपये ही अर्न किए.  फिल्म ने फ्राइडे को 17.55 करोड़ और सेटरडे को 16.25 करोड़ का बिजनेस किया जबकि धूम 3 ने फर्स्ट डे ही 33 करोड़ का बिजनेस कर लिया था.

इसके बाद संडे और रिपब्लिक डे पर फिल्म ने एकदम से पिक किया और 26.25 करोड़ की कमाई के साथ वीकएंड पर टोटल 60.68 करोड़ का बिजनेस शो किया. अगर एक ओर फिल्म को हाई ओपनिंग ना मिलने का रीजन मोदी को बताया जा रहा है तो दूसरी तरफ इस नए अर्निंग जंप को वर्ड ऑफ माउथ के पॉजिटिव होने को बताया जा रहा है. फिल्म में लोगों की हेल्प करने की चेन बनाने वाले सलमान के पॉजिटिव मैसेज को लोग पसंद कर रहे हैं. इस बिजनेस जम्प‍ को फिल्म ट्रेड एनेलिस्ट तरुण आदर्श ने इरोज एंटरटेनमेंट के र्सोसेज के साथ मिल कर कंफर्म किया है. तरुण आर्दश का ट्वीट: taran adarsh ‏@taran_adarsh
#JaiHo Fri 17.75 cr, Sat 16.68 cr, Sun *est* 26.25 cr. Total: ₹ 60.68 cr nett. India biz only. Figures from my sources & confirmed with Eros
 

वैसे फिल्‍हाल सलमान ने इस बात को सिरे से रिजेक्‍ट कर दिया है कि अच्‍छी ओपनिंग ना मिलने की वजह नरेंद्र मोदी को अप्रीशिएट करना था. उनका मानना है कि ये उनकी कमी है कि वो अपने फैन्‍स को सिनेमा हाल के अंदर नहीं खींच सके. इसलिए रिस्‍पांसिबिलिटी उनकी है.  

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28 Year Old Married Allegedly Gangraped In Car In Delhi

खुद के ही दोस्त नौकरी का झांसा देकर कार में ले गए और किया गैंगरेप, देर रात आनंद विहार टर्मिनल के बाहर फेंका
रोती हुई मिली
दिल्ली में एक बार फिर चलती कार में गैंगरेप की घटना सामने आई है. रविवार रात दिल्ली के आनंद विहार में 28 साल की महिला के साथ कथित तौर पर रेप हुआ. वहीं उसके दोस्तों ने ही उसके साथ गैंगरेप किया. पुलिस अधिकारियों ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि महिला देर रात आनंद विहार टर्मिनल के निकट सड़क किनारे रोती हुई मिली थी.

महिला की मेडिकल रिपोर्ट

कारण पूछे जाने पर महिला ने रेप की पूरी दास्तां बताई. महिला ने अपनी शिकायत में कहा कि उसे नौकरी दिलाने का झांसा देकर कार में साथ ले गए थे. जहां पहले से ही मौजूद उसके कुछ साथियों ने मिलकर उसके साथ गैंगरेप किया. महिला की मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने गैंग रेप के साथ-साथ हैरस किए जाने की भी पुष्टि की है. महिला की शिकायत के आधार पर पुलिस आरोपियों की तलाश में जुट गई है. सूचना के मुताबिक कार में तीन लोग सवार थे. जो कि घटना को अंजाम देने के बाद महिला को आनंद विहार टर्मिनल के बाहर फेंक कर चले गए.

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Vinod Kumar Binny Breaks His Hunger Strike On Anna Suggestion

आम आदमी पार्टी के निष्कासित विधायक विनोद कुमार बिन्नी ने दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार के ख़िलाफ़ भूख हड़ताल वापस ले ली है.
उनका कहना है कि वह दिल्लीवासियों से किए गए बिजली-पानी के वायदे पूरे करन के लिए वह दिल्ली सरकार को दस दिन का समय और दे रहे हैं.

बिन्नी सोमवार सुबह ही जंतर-मंतर में धरने पर बैठे थे. इससे पहले उन्होंने दिल्ली के उपराज्यपाल से मुलाकात भी की थी.

धरना ख़त्म करने का ऐलान करते हुए बिन्नी ने कहा कि वह केजरीवाल सरकार की कथनी और करनी में अंतर को उजागर करने के लिए देशव्यापी आंदोलन चलाएंगे.

अन्ना की सलाह
विनोद कुमार बिन्नी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि अन्ना ने उन्हें कहा, "दो-चार दिन के आंदोलन से कुछ नहीं होने वाला. भूखे मरने से कुछ नहीं होने वाला- हमने बहुत भूखे मरकर देख लिया है."

बिन्नी के मुताबिक अन्ना ने कहा, "एक जगह बैठने से कुछ नहीं होने वाला. अनशन वाली प्रक्रिया इस देश में खत्म हो चुकी है. आपको पूरा संगठन बनाकर इनका मुकाबला करना होगा. इनकी नीतियों की कमियों को दिखाना होगा और अपनी नीतियां बनानी होंगी."

बिन्ना ने दावा किया कि आम आदमी पार्टी चाहती ही नहीं हैं कि सरकार चले, वह चाहते ही नहीं हैं कि जनता से किए वायदे पूरे करें.

उन्होंने कहा कि वह पूरे देश में आम आदमी पार्टी और केजरीवाल सरकार के ख़िलाफ़ अभियान चलाएंगे और इनकी कथनी-करनी में फ़र्क बताएंगे.

उधर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से पत्रकारों ने बिन्नी के धरने के बारे में सवाल करते हुए पूछा कि बिन्नी पार्टी के और भी कई विधायकों के समर्थन का दावा कर रहे हैं. इस पर केजरीवाल ने कहा कि, "देख लेंगे. हम सरकार बचाने की राजनीति थोड़े ही न कर रहे हैं."

निष्कासन

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कहना है कि वह सरकार बचाने की राजनीति नहीं कर रहे हैं

इससे पहले आप की अनुशासन समिति ने रविवार देर रात बिन्नी को पार्टी विरोधी गतिविधियों की वजह से पार्टी से निष्कासित कर उनकी प्राथमिक सदस्यता रद्द कर दी थी.

बिन्नी ने अपने निष्कासन को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा था कि इससे दुर्भाग्यपूर्ण कुछ नहीं हो सकता कि जो व्यक्ति दिल्ली की समस्याएं उठा रहा हो, उसे ही निकाल दो.

उनके निष्कासन के बाद भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि बिन्नी अगर भाजपा में आते हैं तो उनका स्वागत है.

भाजपा नेता प्रोफ़ेसर विजय कुमार मल्होत्रा ने कहा कि अगर बिन्नी भाजपा में आते हैं, तो पार्टी उनका स्वागत करेगी.

लेकिन बिन्नी ने बीजेपी से प्रस्ताव को ठुकराते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा बीजेपी और कांग्रेस के ख़िलाफ़ राजनीति की हैं, चुनाव लड़े हैं. वह जनता के बीच रहकर आम आदमी पार्टी के विरोधाभासों को सामने लाएंगे.

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Andaman Boat Tragedy People Gets Haunted Remebering It

अंडमान निकोबार द्वीप में हुई नाव दुर्घटना में 21 लोग मारे गए थे. बचे हुए लोगों ने अपने कई रिश्तेदार खोए हैं और वे अब इस भयावह दुर्घटना को याद कर सिहर उठते हैं.
कांचीपुरम के 63 वर्षीय त्यागराजन की पत्नी अनुराधा, भाई गणपति, चाचा जयकुमार और चाची अनुसूया की इस दुर्घटना में मौत हो गई है.

त्यागराजन धीरे-धीरे इस सदमे से उबर रहे हैं और पोर्ट ब्लेयर के जीबी पंत अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है.

इस घटना को याद करते हुए उनकी आंखें भर आती हैं.

वह कहते हैं, "हम लोग नार्थ बे से निकले ही थे, 20 मिनट हुए थे. नाव में बहुत भीड़ थी. 20 मिनट के बाद वह एक तरफ को झुकने लग गई."

त्यागराजन बताते हैं कि नाव में पानी पिछले हिस्से से आना शुरू हुआ और 15 मिनट में ही पूरी नाव डूब गई.

विनोदिनी

त्यागराजन कहते हैं, "मैं तैरना नहीं जानता लेकिन इतना जानता था कि पानी को नीचे धकेलने पर मैं ऊपर रह सकता हूं. मैंने नाव के डूबने का इंतज़ार किया और नाव के साथ ही नीचे चला गया. फिर मैंने हाथ पांव मारकर ऊपर आना शुरू किया और ऊपर आते ही जो मिला उसे पकड़ लिया ताकि बाहर आ सकूं."

वह कहते हैं, "मैं उनका शुक्रिया करता हूं जिन्होंने मुझे बचाया वरना मैं भी अपने रिश्तेदारों की तरह मर चुका होता. मैं उन बातों के बारे में सोच भी नहीं रहा जो मैंने खोया है."

त्यागराजन के कुछ रिश्तेदार अंडमान द्वीप पर रहते हैं जिन्होंने इस कठिन समय में उनकी काफी मदद की है.

विनोदिनी मात्र तीन साल की है और उसे भी इस दुर्घटना की भयावहता से दो चार होना पड़ा है.

दुर्घटनाग्रस्त नौका पर उनकी मां गंगाबाई, पिता सुरेश साहा, दादी शांता बाई, नानी शांति बाई और बड़ी बहन दर्शिनी सवार थे.

छोटी सी विनोदिनी को पता भी नहीं है कि उसके साथ क्या हुआ है. वह अपने टेडी बियर खिलौने और चॉकलेट के साथ खुश है.

विनोदिनी की मां गंगाबाई बिल्कुल टूट गई लगती हैं और अपने भावों पर नियंत्रण नहीं कर पाती हैं.

वह कहती हैं, "जब नौका नीचे गई तो मैंने विनोदिनी को अपनी गोद में ले लिया और फिर कंधे पर बैठा लिया. आज वह मेरे साथ है. मेरे कई रिश्तेदार मारे गए."

नाव दुर्घटना में मारे गए लोगों के शव अब पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए गए हैं. सुबह साढ़े सात बजे पोस्टमार्टम शुरू हुआ था.

स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक डॉ एसके पॉल का कहना था, "हमारे पास सीमित सुविधाएं हैं. लेकिन हमने तीन घंटे में ही 11 शवों को पोस्टमार्टम किया है. पांच शव दिल्ली, कोलकाता, बनारस और मुंबई भेजे जा चुके हैं."

डॉ पॉल के अनुसार कांचीपुरम से भी कई लोगों के रिश्तेदार पहुंचे हैं और शाम तक और कई शवों को विमान से भेज दिया जाएगा.

शवों की तलाश का काम अब भी जारी है और अपुष्ट सूत्र बताते हैं कि हेलिकॉप्टर अभियान में दो और शव मिले हैं.

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Modi Is Involved In Riots Not Me Says Rahul Gandhi

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने साल 2002 में गुजरात में दंगे भड़काने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार को ज़िम्मेदार ठहराया है, जबकि 1984 के सिख विरोधी दंगों के बारे में उनका मानना है कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने उसे रोकने की कोशिश की थी.
अंग्रेजी समाचार चैनल 'टाइम्स नाउ' को दिए साक्षात्कार में राहुल ने गांधी ने कहा, "सच्चाई यह है कि 1984 में बेगुनाह लोग मारे गए और बेगुनाहों का मारा जाना भयावह चीज़ है जो नहीं होना चाहिए. गुजरात और 1984 में अंतर यह है कि 2002 के दंगों में गुजरात की सरकार शामिल थी."

साक्षात्कार ले रहे 'टाइम्स नाउ' के संपादक अर्णब गोस्वामी ने राहुल से पूछा कि जब अदालत ने मोदी को क्लीन चिट दे दी है तो वह उन्हें ज़िम्मेदार क्यों ठहरा रहे हैं, इस पर उनका कहना था, "गुजरात के दंगे जब हुए तब वह  मुख्यमंत्री थे. गुजरात सरकार दरअसल दंगों को और भड़का और बढ़ा रही थी. यह मैंने नहीं, बड़ी संख्या में लोगों ने देखा कि दंगों में गुजरात सरकार सक्रियता से शामिल थी. "

यह पूछे जाने पर कि क्या वह 1984 के दंगों के लिए माफ़ी मांगेंगे, तो  राहुल गांधी का कहना था, "सबसे पहले, मैं इन दंगों में बिल्कुल भी शामिल नहीं था. कुछ कांग्रेसी लोग 1984 के सिख विरोधी दंगों में शायद संलिप्त थे और इसके लिए उन्हें सज़ा दी गई है."

यह पूछे जाने पर कि क्या वह कांग्रेस की ओर से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार नहीं बनकर मोदी से सीधी टक्कर से बच रहे हैं, राहुल ने कहा, "यह सवाल समझने के लिए, आपको कुछ समझना पड़ेगा, राहुल गांधी कौन हैं और फिर इस सवाल का आपको उत्तर मिलेगा कि राहुल गांधी किससे डरते हैं और किससे नहीं."

ज़िम्मेदारी


जब उनसे पूछा गया कि अगर कांग्रेस चुनाव नहीं जीतती है, तो क्या वह इसकी ज़िम्मेदारी लेंगे, राहुल ने कहा, "अगर हम नहीं जीते तो मैं पार्टी का उपाध्यक्ष हूं और मैं जिम्मेदारी लूंगा."

कांग्रेस की ओर से प्रधानमंत्री पद का  उम्मीदवार न घोषित किए जाने को लेकर और मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने पर उन्होंने कहा, "भाजपा सत्ता को एक व्यक्ति के पास केंद्रित करने में विश्वास रखती है. मैं इससे मौलिक रूप से असहमत हूं. मैं लोकतंत्र में विश्वास रखता हूं."

उन्होंने कहा, "साफ़ मुद्दा है कि इस देश में प्रधानमंत्री किस तरह चुना जाता है. हमारे सिस्टम में सांसद चुने जाते हैं और वे प्रधानमंत्री चुनते हैं. चुनाव से पहले ही पीएम उम्मीदवार के ऐलान का मतलब है कि आप सांसदों से पूछे बिना ही अपने प्रधानमंत्री को चुन रहे हैं, और हमारा संविधान ऐसा नहीं कहता."

अर्णब गोस्वामी ने राहुल गांधी से पूछा कि सुब्रह्मण्यम स्वामी आपकी शैक्षणिक डिग्री पर सवाल उठाते हैं और कहते हैं कि कैंब्रिज में आपकी एमफ़िल डिग्री की कोई थीसिस ही नहीं है. इस सवाल पर उन्होंने कहा, "मैं कैंब्रिज में ट्रिनिटी में था. मैंने एक साल वहां गुजारा और मैंने वहीं एमफ़िल किया. मैंने हलफ़नामे दाखिल किए हैं कि मेरे पास ये डिग्रियां हैं. अगर मैं झूठ बोल रहा हूं तो उन्हें क़ानूनी प्रक्रिया अपनानी चाहिए. वो मेरे परिवार पर 40 साल से हमले कर रहे हैं. मैं क्यों उन्हें चुनौती दूं?"

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Maoists Release Abducted Jharkhand Official 1CRPF Man Died In Landmine Explosion

झारखंड के नक्सल प्रभावित गिरिडीह ज़िले के पीरटांड़ थाना क्षेत्र में नक्सलियों द्वारा किए गए बारूदी सुंरग विस्फोट में एक सीआरपीएफ़ के जवान की मौत हो गई है. इस विस्फोट में पुलिस के 15 जवान भी घायल हो गए हैं.
सभी का रांची में इलाज किया जा रहा है. तीन जवानों की हालत गंभीर है.

इस बीच अपहृत चार सरकारी कर्मचारियों को पुलिस ने मुक्त करवा लिया है.

आरोप है कि माओवादियों ने ही इस सरकारी कर्मचारियों का अपहरण किया था.

पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक यह घटना पीरटांड़ के झोलकट्टा जंगल में हुई है. निकटवर्ती थानों से पुलिस को वहां भेजा गया है.

मुठभेड़

रांची ग्रामीण के पुलिस अधीक्षक एसके झा ने बीबीसी को बताया कि तीन हेलिकॉप्टरों की मदद से 15 घायलों को झोलकट्टा के जंगल से निकाला गया. सभी का रांची के अपोलो अस्पताल में इलाज किया जा रहा है.

यह घटना तब हुई जब पुलिस के जवान झोलकट्टा जंगल में अपहृत कर्मचारियों की खोज के लिए अभियान चला रहे थे.

राज्य के पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार स्वयं पारसनाथ के जंगलों में अपहृत लोगों की तलाश में जारी कॉबिंग ऑपरेशन में शामिल थे.

पुलिस महानिदेशक ने बताया कि बारूदी सुरंग विस्फोट से पहले माओवादियों और पुलिस के जवानों के बीच कई दफा मुठभेड़ हुई. इसी से बने दबाव के बीच पुलिस ने चारों लोगों को माओवादियों के कब्जे से छुड़ा लिया.

पुलिस के मुताबिक़ शनिवार को पीरटांड़ प्रखंड के नोकनिया गाँव में सरकारी योजनाओं की जानकारी देने के लिए लगाए गए एक शिविर की समाप्ति पर चार सरकारी अधिकारी ड्राइवर के साथ रांची लौट रहे थे. इसी दौरान माओवादियों ने उनका अपहरण कर लिया था.

अपहृत पाँच लोगों में गाड़ी चालक राजेंद्र यादव किसी तरह बच निकलने में सफल रहा.

बाकी चार लोगों में दिल्ली से आए प्रधानमंत्री ग्रामीण विकास फेलोशिप के फेलो साईवर्धन और गिरिडीह जिले के पंचायत सेवक चंद्रदेव कुमार, रोजगार सेवक शंभु पांडे, पंचायत सेवक मकसूद आलम शामिल थे.

इससे पहले 22 जनवरी की रात माओवादियों ने इसी गाँव के पंचायत भवन को विस्फ़ोट से उड़ा दिया था.

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Feedback Of Rahul Gandhis Interview On Social Media

निजी टीवी चैनल 'टाइम्स नाउ' ने सोमवार रात कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का इंटरव्यू प्रसारित किया. इसके बाद से सोशल मीडिया पर राहुल गांधी के इस इंटरव्यू को लेकर टिप्पणियाँ शुरू हो गईं.
इन टिप्पणियों के केंद्र में राहुल गांधी के साथ-साथ गुजरात के मुख्यमंत्री और भाजपा के प्रधानमंत्री पद के दावेदार नरेंद्र मोदी भी हैं. मगर इंटरव्यू के बाद अधिकतर टिप्पणियों में राहुल को निशाना बनाया गया है.

सोशल मीडिया पर कुछ लोग राहुल की बातों का समर्थन कर रहे हैं तो कई तीखी आलोचना. इन सबको पढ़ने या उन पर प्रतिक्रिया देने के लिए राहुल गांधी सोशल मीडिया के सभी मंचों पर नहीं हैं. हालांकि उनके प्रतिद्वंद्वी माने जा रहे गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी सोशल मीडिया पर काफ़ी सक्रिय हैं.

ट्विटर पर #राहुलस्पीकटूअर्णब ट्रेंड कर रहा है. इसमें कहा गया है, कांग्रेस ने  अर्णब गोस्वामी से इस्तीफे की मांग की है, क्योंकि उन्होंने राहुल गांधी से थोड़े कड़े सवाल पूछ लिए.

"इस इंटरव्यू को लेकर लोग कह रहे हैं कि कम से कम वो सवाल तो ले रहे हैं. अब भाजपा के प्रधानमंत्री पद के दावेदार के लिए ऐसा ही करने का समय है"
-उमर अब्दुल्ला, मुख्यमंत्री जम्मू कश्मीर

वहीं एक यूज़र ने लिखा है, "अगर कोई भारत पर हमला करेगा तो आप क्या करेंगे? राहुल गांधी: हम महिलाओं को सशक्त बनाएंगे और आरटीआई फ़ाइल करेंगे."

एक यूज़र के मुताबिक़  "राहुल गांधी और ईशांत शर्मा में क्या समानता है? दोनों ही अपने विपक्षी की ओर से अच्छा खेलते हैं."

एक अन्य ट्वीट के मुताबिक़, "कांग्रेस हर बार नरेंद्र मोदी के लिए गड्ढा खोदती है. लेकिन उसमें राहुल गांधी कूद पड़ते हैं."

एक अन्य ट्वीट के अनुसार,'' अर्णब को इंटरव्यू देने के लिए सहमत होने के लिए  राहुल गांधी को गणतंत्र दिवस पर बहादुर बच्चों को दिए जाने वाले पुरस्कार के लिए वाइल्ड कार्ड से प्रवेश देना चाहिए.''

केतन कुलकर्णी ने लिखा है, "राहुल और अर्णब ने इस इंटरव्यू के लिए अच्छी तैयारी की. लेकिन समस्या यह है कि अर्णब ने सवालों का क्रम बदल दिया. राहुल ऐसा नहीं कर पाए."

एक अन्य यूज़र का कहना है, "राहुल गांधी वह छात्र है, जो प्रश्नपत्र लीक हो जाने के बाद भी परीक्षा में फ़ेल हो जाता है."

पाठ्यक्रम से बाहर के सवाल

ट्विटर पर ही #अर्णब बनाम राहुल में लिखा है, 'इंटरव्यू के बाद, सोनिया: बेटा इंटरव्यू कैसा था? राहुल: मम्मी, सारे सवाल पाठ्यक्रम के बाहर से आए थे.'

विज्ञापन गुरु सुहेल सेठ ने ट्विटर हैंडल @सुहेलसेठ पर लिखा- क्या राहुल गांधी की बातचीत ख़त्म हो गई है? दोनों, इंटरव्यू और कांग्रेस?

जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अपने ट्विटर हैंडल @अब्दुल्लाउमर पर लिखा है, "इस इंटरव्यू को लेकर लोग कह रहे हैं कि कम से कम वह सवालों का सामना तो कर रहे हैं. अब भाजपा के प्रधानमंत्री पद के दावेदार के लिए ऐसा ही करने का समय है."

ऐसा नहीं है कि ट्विटर पर राहुल गांधी का केवल मजाक ही उड़ाया जा रहा है, वहां उनके समर्थक भी हैं, कांग्रेस प्रवक्ता संजय झा ने अपने ट्विटर हैंडल @झासंजय पर लिखा है, अभी बहुत कुछ आना बाकी है. यह केवल शुरुआत भर है. राहुल गांधी 2014 की जीत में नेतृत्व करेंगे. यह युद्धघोष है.

मिलिंद देवड़ा ने अपने ट्विटर हैंडल @मिलिंददेवड़ा पर लिखा है, व्यक्तियों के बीच की लड़ाई को नकार कर उन्होंने मुख्य मुद्दों को लिया और ईमानदारी से उनके समाधान पर ध्यान दिया, राहुल गांधी का इंटरव्यू बहुत ताज़गी देने वाला था.

नरेंद्र मोदी से उम्मीद

"राहुल गांधी से जब आरटीआई के बारे में पूछा गया? उनके चेहरे पर इंजीनियरिंग के एक छात्र जैसी मुस्कान थी, यह वाला तो आता है"
-दीपक सिंह की फ़ेसबुक वॉल से

वहीं पत्रकार ओम थानवी ने अपने फ़ेसबुक वॉल पर लिखा है, "खैर, राहुल गांधी के जवाब तो बचकाने थे. पर नरेंद्र मोदी में तो इतना साहस भी नहीं कि किसी गोस्वामी के सामने सीधे इंटरव्यू के लिए बैठ सकें. बैठेंगे तो बार-बार एक ही सवाल सुनकर (जिसका जवाब वे टालने की फिराक में हों) बीच-बात कुरते से माइक निकालेंगे और चलते बनेंगे. करण थापर के साथ बातचीत में वे ऐसा कर चुके हैं."

दीपक सिंह ने फ़ेसबुक पर लिखा है, ''राहुल गांधी से जब आरटीआई के बारे में पूछा गया? उनके चेहरे पर इंजीनियरिंग के एक छात्र जैसी मुस्कान थी, यह वाला तो आता है.''

Source: Hindi News