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'टाइम्स नाउ' ने सोमवार रात कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का इंटरव्यू
प्रसारित किया. इसके बाद से सोशल मीडिया पर राहुल गांधी के इस इंटरव्यू को
लेकर टिप्पणियाँ शुरू हो गईं.
सोशल मीडिया पर कुछ लोग राहुल की बातों का समर्थन कर रहे हैं तो कई तीखी आलोचना. इन सबको पढ़ने या उन पर प्रतिक्रिया देने के लिए राहुल गांधी सोशल मीडिया के सभी मंचों पर नहीं हैं. हालांकि उनके प्रतिद्वंद्वी माने जा रहे गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी सोशल मीडिया पर काफ़ी सक्रिय हैं.
ट्विटर पर #राहुलस्पीकटूअर्णब ट्रेंड कर रहा है. इसमें कहा गया है, कांग्रेस ने अर्णब गोस्वामी से इस्तीफे की मांग की है, क्योंकि उन्होंने राहुल गांधी से थोड़े कड़े सवाल पूछ लिए.
"इस इंटरव्यू को लेकर लोग कह रहे हैं कि कम से कम वो सवाल तो ले रहे हैं. अब भाजपा के प्रधानमंत्री पद के दावेदार के लिए ऐसा ही करने का समय है"
-उमर अब्दुल्ला, मुख्यमंत्री जम्मू कश्मीर
वहीं एक यूज़र ने लिखा है, "अगर कोई भारत पर हमला करेगा तो आप क्या करेंगे? राहुल गांधी: हम महिलाओं को सशक्त बनाएंगे और आरटीआई फ़ाइल करेंगे."
एक यूज़र के मुताबिक़ "राहुल गांधी और ईशांत शर्मा में क्या समानता है? दोनों ही अपने विपक्षी की ओर से अच्छा खेलते हैं."
एक अन्य ट्वीट के मुताबिक़, "कांग्रेस हर बार नरेंद्र मोदी के लिए गड्ढा खोदती है. लेकिन उसमें राहुल गांधी कूद पड़ते हैं."
एक अन्य ट्वीट के अनुसार,'' अर्णब को इंटरव्यू देने के लिए सहमत होने के लिए राहुल गांधी को गणतंत्र दिवस पर बहादुर बच्चों को दिए जाने वाले पुरस्कार के लिए वाइल्ड कार्ड से प्रवेश देना चाहिए.''
केतन कुलकर्णी ने लिखा है, "राहुल और अर्णब ने इस इंटरव्यू के लिए अच्छी तैयारी की. लेकिन समस्या यह है कि अर्णब ने सवालों का क्रम बदल दिया. राहुल ऐसा नहीं कर पाए."
एक अन्य यूज़र का कहना है, "राहुल गांधी वह छात्र है, जो प्रश्नपत्र लीक हो जाने के बाद भी परीक्षा में फ़ेल हो जाता है."
पाठ्यक्रम से बाहर के सवाल
ट्विटर पर ही #अर्णब बनाम राहुल में लिखा है, 'इंटरव्यू के बाद, सोनिया: बेटा इंटरव्यू कैसा था? राहुल: मम्मी, सारे सवाल पाठ्यक्रम के बाहर से आए थे.'
विज्ञापन गुरु सुहेल सेठ ने ट्विटर हैंडल @सुहेलसेठ पर लिखा- क्या राहुल गांधी की बातचीत ख़त्म हो गई है? दोनों, इंटरव्यू और कांग्रेस?
जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अपने ट्विटर हैंडल @अब्दुल्लाउमर पर लिखा है, "इस इंटरव्यू को लेकर लोग कह रहे हैं कि कम से कम वह सवालों का सामना तो कर रहे हैं. अब भाजपा के प्रधानमंत्री पद के दावेदार के लिए ऐसा ही करने का समय है."
ऐसा नहीं है कि ट्विटर पर राहुल गांधी का केवल मजाक ही उड़ाया जा रहा है, वहां उनके समर्थक भी हैं, कांग्रेस प्रवक्ता संजय झा ने अपने ट्विटर हैंडल @झासंजय पर लिखा है, अभी बहुत कुछ आना बाकी है. यह केवल शुरुआत भर है. राहुल गांधी 2014 की जीत में नेतृत्व करेंगे. यह युद्धघोष है.
मिलिंद देवड़ा ने अपने ट्विटर हैंडल @मिलिंददेवड़ा पर लिखा है, व्यक्तियों के बीच की लड़ाई को नकार कर उन्होंने मुख्य मुद्दों को लिया और ईमानदारी से उनके समाधान पर ध्यान दिया, राहुल गांधी का इंटरव्यू बहुत ताज़गी देने वाला था.
नरेंद्र मोदी से उम्मीद
"राहुल गांधी से जब आरटीआई के बारे में पूछा गया? उनके चेहरे पर इंजीनियरिंग के एक छात्र जैसी मुस्कान थी, यह वाला तो आता है"
-दीपक सिंह की फ़ेसबुक वॉल से
वहीं पत्रकार ओम थानवी ने अपने फ़ेसबुक वॉल पर लिखा है, "खैर, राहुल गांधी के जवाब तो बचकाने थे. पर नरेंद्र मोदी में तो इतना साहस भी नहीं कि किसी गोस्वामी के सामने सीधे इंटरव्यू के लिए बैठ सकें. बैठेंगे तो बार-बार एक ही सवाल सुनकर (जिसका जवाब वे टालने की फिराक में हों) बीच-बात कुरते से माइक निकालेंगे और चलते बनेंगे. करण थापर के साथ बातचीत में वे ऐसा कर चुके हैं."
दीपक सिंह ने फ़ेसबुक पर लिखा है, ''राहुल गांधी से जब आरटीआई के बारे में पूछा गया? उनके चेहरे पर इंजीनियरिंग के एक छात्र जैसी मुस्कान थी, यह वाला तो आता है.''
Source: Hindi News
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