Tuesday, January 28, 2014

Andaman Boat Tragedy People Gets Haunted Remebering It

अंडमान निकोबार द्वीप में हुई नाव दुर्घटना में 21 लोग मारे गए थे. बचे हुए लोगों ने अपने कई रिश्तेदार खोए हैं और वे अब इस भयावह दुर्घटना को याद कर सिहर उठते हैं.
कांचीपुरम के 63 वर्षीय त्यागराजन की पत्नी अनुराधा, भाई गणपति, चाचा जयकुमार और चाची अनुसूया की इस दुर्घटना में मौत हो गई है.

त्यागराजन धीरे-धीरे इस सदमे से उबर रहे हैं और पोर्ट ब्लेयर के जीबी पंत अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है.

इस घटना को याद करते हुए उनकी आंखें भर आती हैं.

वह कहते हैं, "हम लोग नार्थ बे से निकले ही थे, 20 मिनट हुए थे. नाव में बहुत भीड़ थी. 20 मिनट के बाद वह एक तरफ को झुकने लग गई."

त्यागराजन बताते हैं कि नाव में पानी पिछले हिस्से से आना शुरू हुआ और 15 मिनट में ही पूरी नाव डूब गई.

विनोदिनी

त्यागराजन कहते हैं, "मैं तैरना नहीं जानता लेकिन इतना जानता था कि पानी को नीचे धकेलने पर मैं ऊपर रह सकता हूं. मैंने नाव के डूबने का इंतज़ार किया और नाव के साथ ही नीचे चला गया. फिर मैंने हाथ पांव मारकर ऊपर आना शुरू किया और ऊपर आते ही जो मिला उसे पकड़ लिया ताकि बाहर आ सकूं."

वह कहते हैं, "मैं उनका शुक्रिया करता हूं जिन्होंने मुझे बचाया वरना मैं भी अपने रिश्तेदारों की तरह मर चुका होता. मैं उन बातों के बारे में सोच भी नहीं रहा जो मैंने खोया है."

त्यागराजन के कुछ रिश्तेदार अंडमान द्वीप पर रहते हैं जिन्होंने इस कठिन समय में उनकी काफी मदद की है.

विनोदिनी मात्र तीन साल की है और उसे भी इस दुर्घटना की भयावहता से दो चार होना पड़ा है.

दुर्घटनाग्रस्त नौका पर उनकी मां गंगाबाई, पिता सुरेश साहा, दादी शांता बाई, नानी शांति बाई और बड़ी बहन दर्शिनी सवार थे.

छोटी सी विनोदिनी को पता भी नहीं है कि उसके साथ क्या हुआ है. वह अपने टेडी बियर खिलौने और चॉकलेट के साथ खुश है.

विनोदिनी की मां गंगाबाई बिल्कुल टूट गई लगती हैं और अपने भावों पर नियंत्रण नहीं कर पाती हैं.

वह कहती हैं, "जब नौका नीचे गई तो मैंने विनोदिनी को अपनी गोद में ले लिया और फिर कंधे पर बैठा लिया. आज वह मेरे साथ है. मेरे कई रिश्तेदार मारे गए."

नाव दुर्घटना में मारे गए लोगों के शव अब पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए गए हैं. सुबह साढ़े सात बजे पोस्टमार्टम शुरू हुआ था.

स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक डॉ एसके पॉल का कहना था, "हमारे पास सीमित सुविधाएं हैं. लेकिन हमने तीन घंटे में ही 11 शवों को पोस्टमार्टम किया है. पांच शव दिल्ली, कोलकाता, बनारस और मुंबई भेजे जा चुके हैं."

डॉ पॉल के अनुसार कांचीपुरम से भी कई लोगों के रिश्तेदार पहुंचे हैं और शाम तक और कई शवों को विमान से भेज दिया जाएगा.

शवों की तलाश का काम अब भी जारी है और अपुष्ट सूत्र बताते हैं कि हेलिकॉप्टर अभियान में दो और शव मिले हैं.

Source: Hindi News

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