Tuesday, January 28, 2014

Maoists Release Abducted Jharkhand Official 1CRPF Man Died In Landmine Explosion

झारखंड के नक्सल प्रभावित गिरिडीह ज़िले के पीरटांड़ थाना क्षेत्र में नक्सलियों द्वारा किए गए बारूदी सुंरग विस्फोट में एक सीआरपीएफ़ के जवान की मौत हो गई है. इस विस्फोट में पुलिस के 15 जवान भी घायल हो गए हैं.
सभी का रांची में इलाज किया जा रहा है. तीन जवानों की हालत गंभीर है.

इस बीच अपहृत चार सरकारी कर्मचारियों को पुलिस ने मुक्त करवा लिया है.

आरोप है कि माओवादियों ने ही इस सरकारी कर्मचारियों का अपहरण किया था.

पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक यह घटना पीरटांड़ के झोलकट्टा जंगल में हुई है. निकटवर्ती थानों से पुलिस को वहां भेजा गया है.

मुठभेड़

रांची ग्रामीण के पुलिस अधीक्षक एसके झा ने बीबीसी को बताया कि तीन हेलिकॉप्टरों की मदद से 15 घायलों को झोलकट्टा के जंगल से निकाला गया. सभी का रांची के अपोलो अस्पताल में इलाज किया जा रहा है.

यह घटना तब हुई जब पुलिस के जवान झोलकट्टा जंगल में अपहृत कर्मचारियों की खोज के लिए अभियान चला रहे थे.

राज्य के पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार स्वयं पारसनाथ के जंगलों में अपहृत लोगों की तलाश में जारी कॉबिंग ऑपरेशन में शामिल थे.

पुलिस महानिदेशक ने बताया कि बारूदी सुरंग विस्फोट से पहले माओवादियों और पुलिस के जवानों के बीच कई दफा मुठभेड़ हुई. इसी से बने दबाव के बीच पुलिस ने चारों लोगों को माओवादियों के कब्जे से छुड़ा लिया.

पुलिस के मुताबिक़ शनिवार को पीरटांड़ प्रखंड के नोकनिया गाँव में सरकारी योजनाओं की जानकारी देने के लिए लगाए गए एक शिविर की समाप्ति पर चार सरकारी अधिकारी ड्राइवर के साथ रांची लौट रहे थे. इसी दौरान माओवादियों ने उनका अपहरण कर लिया था.

अपहृत पाँच लोगों में गाड़ी चालक राजेंद्र यादव किसी तरह बच निकलने में सफल रहा.

बाकी चार लोगों में दिल्ली से आए प्रधानमंत्री ग्रामीण विकास फेलोशिप के फेलो साईवर्धन और गिरिडीह जिले के पंचायत सेवक चंद्रदेव कुमार, रोजगार सेवक शंभु पांडे, पंचायत सेवक मकसूद आलम शामिल थे.

इससे पहले 22 जनवरी की रात माओवादियों ने इसी गाँव के पंचायत भवन को विस्फ़ोट से उड़ा दिया था.

Source: Hindi News

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