राजनीति की शुरुआत कॉलेज या यूनिवर्सिटी कैंपस से होती है. ऐसे भी पटना
यूनिवर्सिटी में राजनीति की जमीन बहुत उपजाऊ है. बिहार पॉलिटिक्स में
वर्तमान में जितने भी बड़े नाम हैं, वे कहीं न कहीं किसी न किसी रूप में
पीयू से जरूर जुड़े हैं. एक बार फिर विधानसभा चुनाव को लेकर पीयू में
राजनीति गरमाने लगी है. अभी ही दर्जनभर नाम सामने आ गए हैं, जो इस बार
विधानसभा पहुंचने की जुगत में लगे हैं. आज टीचर्स डे के मौके पर आइए जानते
हैं यूनिवर्सिटी की राजनीति के रास्ते विधानसभा पहुंचने में कौन किस तरह से
अपनी तैयारी कर रहे हैं..
एकता ही मेरी ताकत..
बीजेपी के टिकट पर नवादा सीट से 13वीं लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंचे
संजय पासवान भी विधानसभा इलेक्शन में फाइट करने वाले हैं. उन्होंने कहा कि
मैं इस बार चुनाव तो लडूंगा, पर सुरक्षित सीट से नहीं. मुझे पार्टी किसी भी
सामान्य सीट से टिकट दे दे. वैसे मेरा इंटरेस्ट दरभंगा, समस्तीपुर और
नवादा कोई भी विधानसभा क्षेत्र हो सकता है. उन्होने कहा, मेरी दावेदारी
इसलिए भी मजबूत है कि मैं लोकसभा का सदस्य रह चुका हूं और वाजपेयी
मंत्रिमंडल में राज्यमंत्री भी. संजय ने कहा कि मैं वर्षो से संगठन से
जुड़ा हूं. सांगठनिक एकता ही मेरे लिए प्लस प्वाइंट है, साथ ही दर्जनों
सामाजिक संगठनों से भी जुड़ाव जीत में एक कड़ी का काम करेगी.
हार को अबकी जीत में बदलूंगी
वरिष्ठ समाजवादी व पूर्व मंत्री तुलसीदास मेहता की बेटी व सीनियर लीडर
आलोक मेहता की बहन सुहेली मेहता हाल के दिनों में बिहार की राजनीति में
बहुत तेजी से उभर रही हैं. कॉलेज की राजनीति से संसद के गलियारे तक पहुंचने
का सपना लिए सुहेली पिछले लोकसभा चुनाव में भी लड़ी थी, पर जीत नहीं मिली.
चिराग पासवान के साथ आई खटास के बाद उन्हें लोजपा से निकाल दिया गया.
सुहेली कहती हैं बीजेपी से भी टिकट मिले, तो लड़ सकती हूं, वैसे राजद की ओर
से भी हामी मिली है, देखते हैं क्या होता है. http://inextlive.jagran.com/university-teachers-will-be-fight-in-bihar-vidhansabha-election-2015-90855
Source: Patna News
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