Showing posts with label banke bihari. Show all posts
Showing posts with label banke bihari. Show all posts

Thursday, December 18, 2014

Banke Bihari temple on New Year flocked

नए साल का स्वागत बांके बिहारी के चरणों में करने को देश-दुनिया के हजारों श्रद्धालु हफ्तेभर वृंदावन में डेरा जमाएंगे। दो जनवरी तक लाखों भक्त बांके बिहारी के दर्शन करने को आते रहेंगे। शहर के होटल, गेस्टहाउस लगभग फुल हो चुके हैं।

गुजरे साल की विदाई और नये साल का स्वागत ठा. श्रीबांके बिहारीजी की शरण में करने हर साल लाखों श्रद्धालु देश-विदेश से वृंदावन आते हैं। ये लोग 25 दिसंबर से जुटने शुरू होंगे। 2 जनवरी तक शहर के मंदिरों में अपने तरीके से नये साल का स्वागत करेंगे। सैलानियों के स्वागत-सत्कार को होटल, गेस्टहाउस और आश्रमों में व्यवस्था शुरू हो चुकी है। कमरों को विशेष तौर पर सजाया संवारा जा रहा है। लगभग दो महीने पहले ही होटल, गेस्टहाउसों में शुरू हुई बुकिंग पूरी होने को है।

वहीं, ठा. श्रीबांके बिहारी मंदिर, प्रेम मंदिर, इस्कॉन मंदिर, राधा बल्लभ मंदिर समेत सैकड़ों प्राचीन मंदिरों में श्रद्धालुओं को सुविधा देने के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। भारी भीड़ के दौरान श्रद्धालुओं की सहूलियत के लिए प्रवेश और निकास द्वार पर सुरक्षाकर्मियों की संख्या में इजाफा करने के साथ मंदिर के आसपास अतिक्रमण हटाने पर भी जोर दिया जा रहा है। इससे बाजार में भीड़ से व्यवस्था न बिगड़ सके।

Wednesday, December 17, 2014

Has the effect of freezing on the Banke Bihari

शीत लहर से भगवान बांके बिहारी को बचाने के लिए पूरे इंतजाम हैं। चांदी की अंगीठी में आग जलाई जा रही है और सनिल के गर्म वस्त्र उन्हें पहनाए जा रहे हैं। इसके साथ ही भोग में भी ठंड का पूरा ध्यान है। सूखे मेवे, केसर युक्त हलवा और गर्म दूध का भोग लगाया जा रहा है, ताकि बिहारी जी को सर्दी न लग जाए।

बदलते मौसम के साथ ठाकुर बांके बिहारीजी के पहनावे, खान-पान और दर्शन-आरती के समय में बदलाव हो चुका है। गर्मी के दिनों में जहां शीतल पेय पदार्थों का भोग में प्रयोग होता है, फूल बंगले सजाये जाते हैं। वहीं शरद ऋतु आते ही उन्हें गर्म तासीर वाली खाद्य सामग्री का प्रसाद लगाया जाता है।

चार पहर परोसा जा रहा भोग- ठा. बांके बिहारीजी को सुबह श्रृंगार आरती के दौरान बालभोग, दोपहर को राजभोग, शाम को मंदिर के पट खुलने पर उत्थापन भोग और रात को शयन भोग परोसे जाते हैं। इसके अलावा रात को मंदिर के पट बंद होने के दौरान केसर दूध और पान का बीड़ा भी परोसा जाता है। सर्दी के दिनों में भोग में काजू, बादाम, चिलगोजा, पिस्ता समेत पंचमेवा प्रयोग में लायी जा रही है । वहीं दूध, खीर और हलवा में केसर की मात्र बढ़ा दी गई है।

हिना इत्र का हो रहा प्रयोग- बांके बिहारीजी को स्नान और श्रृंगार में हिना इत्र का प्रयोग हो रहा है। सर्द मौसम में हिना इत्र से गर्माहट देने की कोशिश की जा रही है।

सनिल की रजाई, गद्दा, तकिया- दिनभर भक्तों को दर्शन देने के बाद रात को भगवान को सुख सेज पर शनील की रजाई, गद्दा व तकिया पर ही आराम करवाया जा रहा है, जिससे ठाकुरजी को सर्दी से बचाया जा सके।

भक्तों के लिए बिछी कारपेट- मंदिर में अपने आराध्य के दर्शन करने पहुंच रहे भक्तों को सर्दी से राहत देने को प्रबंधन ने मंदिर प्रांगण में कारपेट बिछाया है।