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Monday, February 24, 2014

Railway Journey Will Be Lot More Safer Due To New Fire Saftey System

KANPUR : रेलवे अब इस कोशिश में लग गया है कि कोई भी ट्रेन 'बर्निग ट्रेन' न बने. पिछले एक साल में ट्रेनों में आग लगने की घटनाओं में हुई म्भ् मौतों के बाद अब रेलवे ऐसे कोच तैयार कर रहा है, जो व‌र्ल्ड स्टैंडर्ड फायर सेफ्टी फीचर्स से लैस हैं. हालांकि ख्0क्ख् में तो अकेले चेन्नई एक्सप्रेस अग्निकांड में ही ब् दर्जन यात्रियों की दर्दनाक मौत हो गई है. इधर अंतरिम बजट में हरी झंडी मिलने के बाद बतौर पायलट प्रोजेक्ट फायर एंड स्मोक डिटेक्शन सिस्टम को एसी कोचेज में लगाया जाना शुरू कर दिया गया है. इसके अलावा कोचेज को बनाने में फायर रजिस्टेंट मैटेरियल का ज्यादा से ज्यादा यूज करने पर जोर दिया जा रहा है. रेलवे के ऑफिसर्स के मुताबिक अगर सब कुछ ठीक रहा तो बहुत जल्द इन कोचेज लैस ट्रेनें रेलवे ट्रैक पर दौड़ती नजर आएंगी.

आस्ट्रेलियन टेक्नोलॉजी का यूज

रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गनाइजेशन लखनऊ की ओर से साल ख्0क्क् में दो राजधानी ट्रेनों में टेस्टिंग के तौर पर फायर एंड स्मोक डिटेक्शन सिस्टम को लगाया गया था. बाद में भुवनेश्वर राजधानी के कोचेज में भी अलार्म सिस्टम लगाए गए लेकिन वह फूलप्रूफ नहीं थे. मेड इन इंडिया स्मोक अलार्म सिस्टम के प्रॉपर्ली वर्क नहीं करने से आस्ट्रेलियन टेक्नोलॉजी से बने फायर एंड स्मोक डिटेक्शन अलार्म सिस्टम लगाने का फैसला लिया गया.

शताब्दी समेत ख्0 ट्रेनों में आटोमैटिक अलार्म सिस्टम

फायर एंड स्मोक डिटेक्शन अलार्म सिस्टम लगाने के लिए ख्0 ट्रेनों को सिलेक्ट किया गया है, जिसमें लखनऊ-दिल्ली और कानपुर-दिल्ली शताब्दी को भी शामिल किया गया है. इन ट्रेनों में फायर अलार्म सिस्टम के अलावा डिजिटल टैम्पे्रचर मेजरिंग सेंसर भी लगाए जा रहे हैं.

सिगरेट के धुंए से भी बजेगा अलार्म!

यह सिस्टम 'वैरी अर्ली वार्निग स्मोक डिटेक्शन स्ट्रेटजी' पर काम करता है. जिसमें चार अलार्म लेवल होते हैं. इसके लिए ख्ब् यूडीसी बैटरी बैकअप अलग से लगाई जाती है. जानकारों का कहना है कि अब कोच में सिगरेट के धुएं भर से भी ये अलार्म बज उठेगा. भुवनेश्वर राजधानी में लगाए गए सिस्टम में दो लेवल के बाद अलार्म नहीं बजने की शिकायत मिली थी जिसके बाद इसमें भी आस्ट्रेलियन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए कुछ बदलाव किए गए. लेकिन इससे सिस्टम की लागत और बढ़ गई. अब एक रैक में ये सिस्टम लगाने में भ्0 लाख रुपए का खर्च आएगा.

पब्लिक एड्रेस सिस्टम से जुड़ेगा

रेलवे की ओर से फायर एंड स्मोक डिटेक्शन सिस्टम को भविष्य में और एडवांस बनाने पर तेजी से काम किया जा रहा है. सिस्टम को इफेक्टिव और इंटीग्रेट करने के लिए आटोमैटिक बे्रक सिस्टम और पब्लिक एड्रेस सिस्टम से भी जोड़े जाने पर काम किया जा रहा है.

आग नहीं पकड़ेगी बर्थ

रेलवे ने बीते साल फायर सेफ्टी उपकरणों की खरीद में 8.म्फ् करोड़ रुपए खर्च किए थे. इस बार इसके बजट को और बढ़ाया गया है. इसके साथ ही कोचेज की फ्लोरिंग मैटेरियल को पीवीसी और कॉमप्रेग शीट, इसके अलावा रूफ पर लेमिनेटेड शीट का यूज किए जाने पर जोर दिया जा रहा है. इसके अलावा फायर रजिस्टेंट कर्टेंस और बर्थ लगाने का प्रावधान है.

फिलहाल शोपीस बने हैं उपकरण

शताब्दी और राजधानी एक्सपे्रस समेत सुपरफास्ट ट्रेनों के एसी कोचेज में फायर सेफ्टी के नाम पर सिर्फ फायर स्टिंगविशर का ही यूज किया जाता है, लेकिन मेंटीनेंस नहीं होने से ये एक्वीपमेंट्स भी सिर्फ शोपीस बन कर रह गए हैं.

कंडम एसी से शार्ट सर्किट का हर पल खतरा?

लखनऊ शताब्दी समेत कई वीआईपी ट्रेनों के कोचेज में एसी कंडम हालत में हैं. उन्हें बदलने के लिए कई बार एप्लीकेशन दी जा चुकी है, लेकिन अभी तक एक भी कोच के एसी को बदला नहीं गया. हालत यह है कि कई बार एसी में शार्ट सर्किट के मामले सामने आते रहते हैं. 8 जनवरी को लखनऊ शताब्दी में शार्ट सर्किट होने की वजह से बड़ा हादसा होते-होते टल गया था.

पैसेंजर्स भी रखें ख्याल

- सफर के दौरान ज्वलनशील पदार्थ साथ लेकर न चलें

- सफर के दौरान सिगरेट न पिएं

- पैंट्री कार में बार-बार जाने से बचें

- किसी प्रकार का शार्ट सर्किट या फिर धुंआ निकलने पर फौरन स्टॉफ के लोगों को सूचना दें

आग लगे तो यह करें

- फौरन चेनपुलिंग करके ट्रेन रोकें

- बाहर निकलने के लिए इमरजेंसी विंडो और गेट का प्रयोग करें

- मोबाइल से दमकल को सूचना दें

ट्रेनों में आग लगने के मामले

- मुंबई देहरादून एक्सपे्रस में आग लगने से 9 लोगों की मौत हुई थी.

-नांदेड़-बेंगलूरु एक्सपे्रस में आग लगने से ख्म् पैसेंजर्स की मौत

-दिल्ली चेन्नई एक्सप्रेस में आग लगने से ब्7 पैसेंजर्स की मौत.

- ग्वालियर में जीटी एक्सप्रेस के एसी कोचेज में आग

'कोचों में फायर सेफ्टी को लेकर पायलट प्रोजेक्ट चल रहा था, कई ट्रेनों में अलार्म सिस्टम लगाए जाने की योजना है. अंतरिम बजट में भी इसके लिए प्रावधान किया गया है.'

-नवीन बाबू, सीपीआरओ, एनसीआर

Wednesday, February 12, 2014

Interim Rail Budgeet Brings Small Good News Atleast

KANPUR : अंतरिम रेल बजट में शहर से मुंबई जाने वाले पैसेंजर्स का खास ध्यान रखा गया है. सिटी से बांद्रा टर्मिनल के लिए वीकली एक्सपे्रस ट्रेन की सौगात मिली है. इसके अलावा डायनमिक फेयर स्कीम के तहत गोरखपुर से मुंबई के लिए चलने वाली प्रीमियम ट्रेन का सेंट्रल स्टेशन पर भी स्टॉपेज होगा. यह ट्रेन हफ्ते में दो दिन चलेगी. वहीं लखनऊ से पुणे के लिए चलने वाली एक्सप्रेस ट्रेन भी सेंट्रल पर रुकेगी.

दो दिन चलेगी प्रीमियम ट्रेन

गोरखपुर से मुंबई के बीच चलने वाली प्रीमियम ट्रेन को अभी हफ्ते में दो दिन चलाने की योजना है. यह ट्रेन वाया कानपुर, झांसी और खंडवा होते हुए मुंबई जाएगी. फेस्टिव सीजन में इसके फेरे भी बढ़ाने की योजना भी है.

इटावा-बांदा रूट का होगा सर्वे

बजट में इटावा से बांदा के लिए नया रेल रूट बनाने के लिए सर्वे करने की बात भी कही गई है. यह नई लाइन घाटमपुर, भोगनीपुर, औरेया, बकेवर से होकर गुजरेगी.

फिलहाल रेल नक्शे से गायब रहेगा बिठूर

तमाम मांगों को दरकिनार करते हुए रेलबजट में पनकी-मंधना रूट के बारे में कोई जिक्र नहीं है. इसके अलावा बिठूर को रेलवे के नक्शे के पर लाने के लिए भी कोई योजना नहीं है. प्रतापगढ़ से मुंबई जाने वाली उद्योगनगरी को अलर्टनेट डेज से डेली करने पर कोई फैसला नहीं लिया गया.

फेयर भी होगा डायनमिक

रेलबजट में रेल टैरिफ प्राधिकरण के निर्माण को मंजूरी दी गई है. यह प्राधिकरण किराया और भाड़ा दोनों के निर्धारण को तय करेगा. वहीं बतौर पायलट प्रोजेक्ट चले डायनमिक फेयर स्कीम के सफल होने से उत्साहित रेलवे यात्री किराए को मांग के मुताबिक एडजेस्ट करेगा. ऐसे में आने वाले समय में यात्री किराए पर जल्दी जल्दी बदलाव हो तो कोई बड़ी बात नहीं है.

Source: Kanpur News in Hindi