मिथ 1 : प्रोसेसर डबल करने से फोन परफार्मेंस डबल होती है
फैक्ट : आपको बता दें कि प्रोसेसर की चिप सिंगल कोर से बदलकर डबल या क्वॉड कोर हो जाए। लेकिन फोन के अन्य रिसोर्सेज तो वही रहते हैं। प्रोसेसर बदलने के बावजूद फोन की बैटरी और मेमोरी तो लिमिटेड रहती है। ऐसे में फोन परफॉर्मेंस डबल होने का कोई मतलब नहीं बनता।
मिथ 2 : ज्यादा मेगापिक्सल से बेहतर फोटोग्राफी
फैक्ट : आमतौर पर यूजर्स सोचते हैं कि ज्यादा मेगापिक्सल होने से इमेज क्वालिटी बेहतर होगी लेकिन यह गलत है। ज्यादा मेगापिक्सल किसी इमेज को बड़ी शीट पर प्रिंट करने के लिए यूजफुल होता है। फोटो की इमेज क्वालिटी कैमरे की शटर स्पीड और अपर्चर पर निर्भर करती है, न कि मेगापिक्सल पर।
मिथ 3 : डिस्प्ले बचाने के लिए स्क्रीन गॉर्ड जरूरी
फैक्ट : स्क्रीन को स्क्रैच से बचाने के लिए यूजर्स फोन में स्क्रीन गार्ड लगाते हैं। लेकिन अब लगभग सभी स्मार्टफोन कॉर्निंग गोरिल्ला ग्लास और स्क्रीन प्रोटेक्शन टेक्नोलॉजी के साथ आते हैं जो कि स्क्रीन को प्रोटेक्ट करने में केपेबल हैं। यानी स्क्रीन प्रोटेक्टर लगाना जरूरी नहीं है।
मिथ 4 : स्मार्टफोन में वायरस और मालवेयर
फैक्ट : अगर आप थर्ड पार्टी या अनऑथराइज्ड सोर्स से एप डाउनलोड करते हैं, तब ही आपके फोन में मालवेयर्स आएगें। एंड्रायड डिवाइसेस की बात की जाए तो अगर आप Google प्ले स्टोर से एप्स डाउनलोड करते हैं तो आपके फोन में मालवेयर्स नहीं आ सकते। Read more http://goo.gl/2X1hLa
फैक्ट : आपको बता दें कि प्रोसेसर की चिप सिंगल कोर से बदलकर डबल या क्वॉड कोर हो जाए। लेकिन फोन के अन्य रिसोर्सेज तो वही रहते हैं। प्रोसेसर बदलने के बावजूद फोन की बैटरी और मेमोरी तो लिमिटेड रहती है। ऐसे में फोन परफॉर्मेंस डबल होने का कोई मतलब नहीं बनता।
मिथ 2 : ज्यादा मेगापिक्सल से बेहतर फोटोग्राफी
फैक्ट : आमतौर पर यूजर्स सोचते हैं कि ज्यादा मेगापिक्सल होने से इमेज क्वालिटी बेहतर होगी लेकिन यह गलत है। ज्यादा मेगापिक्सल किसी इमेज को बड़ी शीट पर प्रिंट करने के लिए यूजफुल होता है। फोटो की इमेज क्वालिटी कैमरे की शटर स्पीड और अपर्चर पर निर्भर करती है, न कि मेगापिक्सल पर।
मिथ 3 : डिस्प्ले बचाने के लिए स्क्रीन गॉर्ड जरूरी
फैक्ट : स्क्रीन को स्क्रैच से बचाने के लिए यूजर्स फोन में स्क्रीन गार्ड लगाते हैं। लेकिन अब लगभग सभी स्मार्टफोन कॉर्निंग गोरिल्ला ग्लास और स्क्रीन प्रोटेक्शन टेक्नोलॉजी के साथ आते हैं जो कि स्क्रीन को प्रोटेक्ट करने में केपेबल हैं। यानी स्क्रीन प्रोटेक्टर लगाना जरूरी नहीं है।
मिथ 4 : स्मार्टफोन में वायरस और मालवेयर
फैक्ट : अगर आप थर्ड पार्टी या अनऑथराइज्ड सोर्स से एप डाउनलोड करते हैं, तब ही आपके फोन में मालवेयर्स आएगें। एंड्रायड डिवाइसेस की बात की जाए तो अगर आप Google प्ले स्टोर से एप्स डाउनलोड करते हैं तो आपके फोन में मालवेयर्स नहीं आ सकते। Read more http://goo.gl/2X1hLa
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