अरस्तु की पत्नी का स्वभाव बहुत ही झगड़ालू था। वह क्रोधी स्वभाव की महिला थीं, एक शाम अरस्तु काफी देर से घर लौटे ।
पत्नी का गुस्सा सातवें आसमान था। अरस्तू के घर में कदम रखते ही वह जोर-जोर से पति को भला बुरा कहने लगी। अरस्तू मानव स्वभाव के गहन पारखी थे।
उन्होंने गुस्से से भरी पत्नी के वचनों का कोई उत्तर नहीं दिया। इससे उनकी पत्नी भी खीझ गई। उसने क्रोध में पानी से भरी बाल्टी को अरस्तू के अर्ध गंजे सिर पर उड़ेल दिया।
लेकिन इस पर भी क्रोध पर विजय प्राप्त किए हुए अरस्तू ने मुस्कुराते हुए सिर्फ इतना कहा, 'वाह क्या सुंदर क्रम चल रहा है। पहले गर्जन फिर बरसात इस तरह पत्नी का क्रोध हंसी में बदल गया।'
यानी किसी बात को आप यदि हंसी के साथ कहें तो वह बात क्रोध के आवेश में चूर मनुष्य को भी पिघला कर निर्मल कर सकती है।
पत्नी का गुस्सा सातवें आसमान था। अरस्तू के घर में कदम रखते ही वह जोर-जोर से पति को भला बुरा कहने लगी। अरस्तू मानव स्वभाव के गहन पारखी थे।
उन्होंने गुस्से से भरी पत्नी के वचनों का कोई उत्तर नहीं दिया। इससे उनकी पत्नी भी खीझ गई। उसने क्रोध में पानी से भरी बाल्टी को अरस्तू के अर्ध गंजे सिर पर उड़ेल दिया।
लेकिन इस पर भी क्रोध पर विजय प्राप्त किए हुए अरस्तू ने मुस्कुराते हुए सिर्फ इतना कहा, 'वाह क्या सुंदर क्रम चल रहा है। पहले गर्जन फिर बरसात इस तरह पत्नी का क्रोध हंसी में बदल गया।'
यानी किसी बात को आप यदि हंसी के साथ कहें तो वह बात क्रोध के आवेश में चूर मनुष्य को भी पिघला कर निर्मल कर सकती है।
Source: Daily and Weekly Horoscope 2015
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