Tuesday, February 3, 2015

unique temple in jaipur

राजस्थान के जयपुर के प्रसिद्ध मोती डूंगरी, बिरला मंदिर और शिव मंदिर का गेट खुलने का भक्त एक साल तक इंतजार करते हैं।

मोती डूंगरी किले के भीतर एकलिंगेश्वर महादेव मंदिर है, जो की जयपुर राज परिवार का निजी मंदिर है। यह मंदिर केवल महाशिवरात्रि के दिन ही खुलता है।

जयपुर के लोगों के आराध्य गोविंददेवजी की मान्यता भी अनूठी है। यहां मंगला आरती से लेकर शयन आरती तक भक्तों का मेला जुटा रहता है।

जयपुर बसने के बाद सवाई जयसिंह ने अपने आराध्य गोविंददेवजी को अपने निवास चंद्रमहल के निकट जयनिवास उद्यान में बने सूर्य महल में लाकर प्रतिष्ठित किया। इतिहासकार बताते हैं कि इससे पूर्व ये विग्रह आमेर घाटी स्थित कनक वृंदावन में कामां से लाए गए थे।

जयपुर में ही मोतीडूंगरी की तलहटी में स्थित गणेशजी का मंदिर जयपुर वासियों की आस्था का प्रमुख केंद्र है। यहां स्थापित गणेश प्रतिमा जयपुर नरेश माधोसिंह प्रथम की पटरानी के पीहर मावली से 1761 में लाई गई थी। मावली में यह प्रतिमा गुजरात से लाई गई थी।

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