आपके मन में भी एक सवाल उठ रहा होगा कि आखिर ये ब्योमकेश बक्शी वास्तव
में थ्ो कौन और इनका जन्म कैसे हुआ था. हम आपको बताते हैं कि ये
ब्योमकेश बक्शी और कोई नहीं बल्कि बंगाली साहित्य के एक काल्पनिक जासूस
थे. इनकी रचना एक लेखक शरदिम्बु बंद्योपद्ययाय ने की थी. अब इनसे जुड़ी
एक और रोचक बात आपको बताएं, वह यह कि बंगाली साहित्य की उपज इस जासूस को
हमारे रंगमंच ने काफी भुनाया. फिर चाहें वो बात हिंदी रंगमंच या सिनेमा की
हो या फिर बंगाली फिल्मों की. 1967 से अब तक इनको कई फिल्मी रूपों
में दर्शक देख चुके हैं. इसके बाद भी इनकी ख्याति लोगों के बीच इतनी है कि
जब भी कभी किसी नए रूप में ढलकर ये लोगों के सामने आते हैं, लोग इनके कायल
हो ही जाते हैं. आइये मिलाते हैं आपको इनके ऐसे ही खास नौ रूपों से.
Source: Fun Facts
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