Friday, April 25, 2014

Smartphones can be printed on tshirts

अब टीशर्ट पर प्रिंट होंगे स्‍मार्टफोन,कैरी करने का झंझट नहीं
स्‍पेसर एज में पहुंचा टेक्‍नोलॉजी सेक्‍टर
मोनाश यूनिवर्सिटी के इलेक्ट्रिकल एण्‍ड कम्‍प्‍यूटर सिस्‍टम्‍स इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट की एक टीम ने कार्बन से बनने वाला दुनिया का पहला स्‍पेसर बनाया है. रिसचर्स ने इस बात की पॉसिबिलिटी भी जताई है कि अब मोबाइल फोन्‍स को कॉम्‍पैक्‍ट,फ्लेक्सिबल और टीशर्ट फ्रेंडली बनाया जा सकेगा. इससे निकलने वाली लेजर बीम्‍स की हेल्‍प से मोबाइल की इमेज टीशर्ट पर प्रिंट हो जाएगी. फिर मोबाइल बिना हाथ में पकड़े या जेब से निकाले ही यूज किया जा सकेगा. अगर ऐसा रियल में हो सका तो टेक्‍नोलॉजी सेक्‍टर के लिए यह एक बड़ी एचीवमेंट होगी. 

कार्बन के यूज से मिलेंगे कई एडवांटेज
रिसर्चर्स की टीम को लीड करने वाले चनाका रूपासिंघे ने बताया कि इस स्‍पेसर की डिज़ाइनिंग में ग्रैफीन रिसोनेटर और कार्बन नैनोट्यूब का यूज किया गया है. जबकि अन्‍य स्‍पेसर्स में अभी तक गोल्‍ड या सिल्‍वर नैनोपार्टिकल्‍स और सेमीकंडक्‍टर क्‍वांटम डॉट्स का इस्‍तेमाल किया जाता रहा है. उन्‍होंने यह भी बताया कि कार्बन के इस्‍तेमाल की वजह से यह मजबूत, लचीला, इकोफ्रेडली होने के अलावा हाई टेम्‍परेचर पर भी ऑपरेट किया जा सकेगा.

ट्रांजिस्‍टर बेस्‍ड डिवाइस को बाय-बाय
स्‍पेसर बेस्‍ड डिवाइसेस के आने के बाद माइक्रोप्रोसेसर्स और मेमोरी जैसी ट्राजिंस्‍टर बेस्‍ड डिवाइसेस को रिप्‍लेस किया जा सकेगा. इससे बैंडविड्थ लिमिटेशंस को भी ओवरकम किया जा सकेगा. ग्रैफीन और कार्बन नैनोट्यूब्‍स के इस्‍तेमाल की वजह से यह स्‍पेसर स्‍टील से सौ गुना ज्‍यादा मजबूत है. इसके अलावा यह कॉपर से बेहतर हीट और इलेक्ट्रिसिटी प्रोड्यूस कर सकता है.

क्‍या है स्‍पेसर टेक्‍नोलॉजी
स्‍पेसर यानि कि सर्फेस प्‍लाज़मोन एम्‍प्‍लीफिकेशन बाई स्टिमुलेटेड एमशिन ऑफ रेडिएशन. इसे सबसे पहले बर्जमैन एण्‍ड स्‍टाकमैन ने 2003 में खोजा. स्‍पेसर पूरी तरह से नैनोटेक्‍नोलॉजी बेस्‍ड है. इसका उद्देश्‍य टेक्‍नोलॉजी की हेल्‍प से छोटे से छोटे और ज्‍यादा प्रभावी डिवाइसेस को बनाना है. कैंसर के उपचार के दौरान इसका यूज प्रमुखता से किया जाता है. हालांकि इसको अभी तक टेलीकम्‍यूनिकेश्‍ान सेक्‍टर में इंट्रोड्यूस नहीं किया गया है.

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