Monday, October 13, 2014

Raipur the impact of hurricane with winds in chhattisgarh rains

 समुद्री चक्रवाती तूफान हुदहुद छत्तीसगढ़ पहुंच गया है। इससे बस्तर संभाग में तेज हवा के साथ कहीं- कहीं भारी बारिश हो रही है। राजधानी रायपुर में भी रविवार से ही मौसम बदला हुआ है। बताया जाता है यह तूफान फिलहाल रायपुर से करीब 90 किलोमीटर दूर दक्षिण में है।

रविवार सुबह से हवा और दोपहर से शुरू हुई बारिश रात होते ही तेज हो गई। सोमवार सुबह से आसमान में बादल छाए हुए हैं और स्र्क- स्र्क कर तेज बौछारें पड़ रही हैं। तापमान में काफी गिरावट आ गई है। कई इलाकों में बिजली की आपूर्ति ठप हो गई है। प्रदेश में अनेक स्‍थानों पर रेलगाड़ि‍यों का आवागमन रोक दिया गया है। जर्जर भवनों के पास से लोगों को हटाया जा रहा है।

संभावित खतरे को देखते हुए बस्तर व रायपुर संभाग सहित पूरे राज्य में सरकार ने अलर्ट जारी कर दिया है। सभी जिलों को आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया गया है। एहतियातन शिक्षण संस्थानों में छुट्टी दे दी गई है। पूरे राज्य में अब तक कहीं से किसी तरह की हानि की सूचना नहीं है।

प्रदेश में बस्‍तर अंचल में भी बारिश हो रही है। जगदलपुर में बादल छाए हुए हैं। हवा और आंधी की वजह से अनेक जगह जाम लगा हुआ है। बालोद, कांकेर क्षेत्र में तेज हवाओं के साथ बारिश हो रही है।बलोदा बाजार में भी तूफान का असर दिखाई दे रहा है।

निचले स्‍थानों से लोगों को सुरक्षित स्‍थानों पर ले जाने की योजना बनाई गई है। वहीं नदी, तालाब किनारे स्थित पर्यटन स्‍थलों पर मुनादी करवाकर लोगों को सुरक्षित रहने की सलाह दी गई है।

कांकेर नगर के सर्वाधिक चहल-पहल वाले चौक-चौराहों में रविवार को वीरानी छाई रही। दहशत से लोग अपने घरों में बैठे रहे और टीवी व परिचितों से तूफान का हाल-चाल जानते रहे। साप्ताहिक बाजार में भी रौनक कम रही। वहीं जिला प्रशासन द्वारा तूफान को देखते हुए क्षेत्र में अलर्ट जारी कर दिया गया है।

रविवार सुबह से ही हुदहुद के प्रभाव के चलते आसमान में घने बादल छाए रहे। साथ ही दोपहर बाद से हल्की बूंदाबांदी भी शुरू हो गई। जो रूक-रूक जारी रही। क्षेत्र में दिनभर ठंडी हवाएं भी चलती रही। आम दिनों की तुलना में हवा की गति भी अधिक थी।

अन्तागढ़ क्षेत्र में भी तूफान हुदहुद का खासा असर देखने को मिला। बीते दो दिनों से आसमान पर काले घने बादल छाये हुए हैं जो शाम को तेज हवाओं के साथ रुक- रुककर बरसते रहे। पूर्व में आए फैलिन तूफान का इतना असर नहीं हुआ जितना कि हुदहुद को लेकर दिखा।

पेड़-पौधे हवाओं के चलते झूमते रहे तो वही ठंडी तेज हवाओं से वातावरण ठंडा हो गया। नगर क्षेत्र के सर्वाधिक चहल पहल वाले चौक चौराहों में इस दौरान वीरानी छायी रही। हुदहुद के नाम की दहशत के मारे लोग अपने घरों में बैठे रहे और टीवी व अपने परिचितों से तूफान का हाल चाल जानते रहे। इस तूफान को लेकर लोगों में बड़ी दहशत है, इस वजह से लोग पहले से ही तूफान से निपटने तैयारी में हैं।

क्षेत्र में नहीं पड़ेगा व्यापक असर

हुदहुद तूफान का क्षेत्र में व्यापक असर पड़ने की संभावना कम बताई गई है। इसका मुख्य कारण क्षेत्र की भौगोलिक बनावट का होना है। क्षेत्र चारों ओर से पहाड़ों से घिरा हुआ है। साथ ही क्षेत्र भौगोलिक रूप से सामान्य भूमि से नीचे स्थित है। केशकाल घाट से लेकर चारामा घाट तक कांकेर नीचे गड्ढे में स्थित है। जिसके चलते ही तेज हवाओं का प्रभाव पहाड़ों से टकराकर कम हो जाने की संभावना है।

चारामा क्षेत्र में भी रविवार की सुबह से हुदहुद का असर देखा गया। सुबह से ही क्षेत्र में लगातार ठंडी हवाएं चल रही थी। सुबह 7 बजे से हल्की बूंदा-बांदी हुई जिसके बाद से लगातार क्षेत्र में ठण्डी हवाओं के साथ बारिश होती रही है। लोग ठण्डी हवाओं के चलते घर में दुबके रहे। व्यापारी अपने-अपने प्रतिष्ठान खोले लेकिन अपना समान दुकान से बाहर नहीं निकाले। क्षेत्र में लगातार 40 से 50 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही है, जो ओडिशा और आंध्र से होते हुए लगातार बस्तर क्षेत्र की ओर बढ़ रहा है। शासन-प्रशासन ने आम जन से 12 और 13 अक्टूबर को घर से बाहर न निकलने एवं सावधानी बरतने की अपील की है।
 
 
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